Type Here to Get Search Results !

कमलनाथ का कुनबा उपलब्धी बताने में फिसड्डी

कमलनाथ का कुनबा उपलब्धी बताने में फिसड्डी

योगेन्द्र सिंह व अर्जुन सिंहने साधा मौन

सिवनी। गोंडवाना समय। 
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान आचार संहिता लगने के पहले जो कार्य जनहित में पूर्ण किये उनकी उलब्धी बताने में तो कमल नाथ के अधिकांश मंत्री तो पीछे है ही लेकिन उनकी अपनी ही पार्टी के विधायक तो फिसड्डी ही साबित हुये है आखिर सरकार की क्या उपलब्धी बताकर जनता व मतदाताओं के बीच में जाकर लोकसभा चुनाव के लिये वोट मांगेंगे । जनजाति बाहुल्य मध्य प्रदेश की बात करें तो हम प्रत्येक उपलब्धी की बात तो नहीं करते है लेकिन यदि विशेषकर हम जनजातियों के लिये सरकार द्वारा लिये गये निर्णयों की ही बात करें तो उनके अपने ही पार्टी के जनजाति आरक्षित सीटों से जीतकर आने वाले विधायकों व मंत्री भी उपलब्धी नहीं बता पा रहे है। हम आपको बता दे कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने गोंडी भाषा को प्राथमिक स्कूलों में शामिल किये जाने को लेकर महत्वपूर्ण लिया था, इसी तरह विश्व आदिवासी दिवस पर सामान्य अवकाश घोषित किया था वहीं जनजाति वर्गों के हितग्राहियों का एक लाख रूपये तक ऋण भी माफ किया था । इसके साथ ही तेंदूपत्ता सग्राहकों के भुगतान में भी बढ़ोत्तरी किया है, जनजातियों की बैगलॉक की भर्तिंया भी शीघ्र भरे जाने का निर्णय लिया था ।

बाबा ने मीडिया के माध्यम से नहीं पहुंचाया एक शब्द

लखनादौन विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार विधायक बनने योगेन्द्र सिंह बाबा तो सरकार की उपलब्धी बताने में तो बहुत पीछे है ही लेकिन जिस वर्ग से वे प्रतिनिधित्व करते है उनकी समस्याओं को लेकर तो वे अपने ही विधानसभा क्षेत्र में अनजान बने रहते है या जानबूझकर जनजातियों पर होने वाले शोषण प्रताड़तानाओं के मामले में कभी कोई कार्यवाही करवाये जाने के उदाहरण नहीं मिलते है वहीं कांग्रेस की सरकार और मुख्यमंत्री कमल नाथ द्वारा लिये गये जनजातियों के कल्याण व विकास के लिये निर्णयों पर भी खामोश ही है । इसके पीछे क्या कारण है यह तो स्वयं योगेन्द्र सिंह बाबा ही जानते है लेकिन बीते दिनों मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा लिये गये निर्णयों पर एक शब्द भी उन्होंने मीडिया के माध्यम से जनजातियों व आम जनता के बीच में नहीं पहुंचाया है । हमेशा ठेकेदारों से घिरे रहने वाले लखनादौन विधानसभा क्षेत्र के विधायक को अपनी ही सरकार की उपलब्धी बताने की फुर्सत नहीं है ऐसे में किस मुंह से और कौन सी बात को लेकर आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता व मतदाता के बीच में जायेंगे । हालांकि वे लोकसभा चुनाव में अपने परिवार के सदस्यों को टिकिट दिलाने के लिये ज्यादा सक्रिय है शायद इसलिये वे सरकार की उपलब्धी को गिनाना भूल गये हो ।

अर्जुन ने दी सफाई पर नहीं दिया बधाई

वहीं यदि हम बरघाट विधानसभा क्षेत्र के विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया की बात करें तो वह फर्राटेदार गोंडी भाषा बोलते है और उन्होंने विधानसभा में गोंडी भाषा में शपथ लेकर इतिहास भी बना दिया है वे पहले विधायक है जिन्होंने गोंडी भाषा में शपथ लिया है लेकिन अपनी ही सरकार व मुख्यमंत्री कमल नाथ के द्वारा लिये गये निर्णय कि गोंडी भाषा को प्राथमिक स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा । इस मामले में उन्होंने एक भी शब्द मीडिया के माध्यम से जनजातियों या आम जनता तक नहीं पहुंचाया है । वैसे भी बरघाट विधानसभा क्षेत्र में अधिकांश जनजाति वर्ग सहित अन्य वर्गों के लोग भी गोंडी भाषा को बोलते, जानते, समझते है। इसके साथ ही अनेकों जनजातियों के लिये सरकार व मुख्यमंत्री के द्वारा लिये गये निर्णय पर बरघाट विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया ने एक भी शब्द बधाई मीडिया के माध्यम से नहीं दिया है । हां उन्होंने अपने स्वयं के मामले को लेकर जरूर प्रेस वार्ता रखकर अपनी सफाई जरूर देने में भूमिका निभाया है ।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.