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जिले में दो डीईओ, छपारा में दो बीआरसी!

जिले में दो डीईओ, छपारा में दो बीआरसी!

सिवनी। गोंडवाना समय। 
जिले में पदस्थ अफसरों को पद और कुर्सी का ऐसा मोहजाल है कि शासन द्वारा ट्रांसफर किए जाने के बाद कुर्सी छोड़ने का नाम नहीं ले रहे हैं और अपना-अपना दावा ठोंक रहे हैं। ऐसे में छपारा विकासखंड में दो बीआरसी और जिला शिक्षा कार्यालय में दो-दो डीईओ हो गए है। सूत्र बताते हैं कि जिले से स्थानांतरित किए गए एसपी लाल हाईकोर्ट का स्टे लेकर आ गए हैं। हालांकि जैसे ही उनका ट्रांसफर हुआ वे छिंदवाड़ा की दौड़ में लगाए थे लेकिन उनकी कार्यप्रणाली के चलते मांजरा ठीक नहीं बैठा और आखिरकार उन्होंने कोर्ट की शरण ली है। इसी तरह छपारा में सुनील राय को हटाकर गोविंद उइके को बीआरसी बनाया गया था लेकिन बीआरसी के पद में डेढ़ साल से पदस्थ सुनील राय आचार संहिता लगने का बहाना बताकर खुद को छपारा का बीआरसी होने का दावा ठोंक रहे हैं। ऐसे में अब छपारा एवं जिला शिक्षा कार्यालय में कुर्सी की खींचतान मच गई है और ऐसा न हो कि विवाद की स्थिति भी निर्मित हो जाए।

स्टे लेकर आ गए एसपी लाल

सूत्र बताते हैं कि जिला शिक्षा अधिकारी एसपी लाल की पैसों की वसूली के चलते शिकायत होने के बाद शासन ने उन्हें गुना जिले के डाइट प्रचार्य के रूप में पदस्थ होने का आदेश जारी किया था। हम बता दें कि स्थानांतरण आदेश मिलने के पहले ही एसपी लाल छिंदवाड़ा  जिले के जुगाड़ में भिड़ गए थे। उन्होंने  छिंदवाड़ा जिले में पदस्थ होने के लिए दौड़ भी लगाई और कुछेक कांग्रेसी नेताओं से एप्रोच भी लगाई थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हताश एसपी लाल ने गुमराह करते हुए डीईओ के रूप में पदस्थ किए गए जीएस बघेल को प्रभार तो दिया लेकिन सूत्रों की मानें तो उन्होंने छह नंबर फार्म नहीं भरा और मौका पाकर वे जबलपुर हाईकोर्ट से स्टे लेकर आ गए हैं। शासन के आदेश पर जहां जीएस बघेल डीईओ बनाए गए हैं। वहीं स्टे लेकर एसपी लाल आ गए हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि जिले में दो-दो डीईओ हो गए हैं और कुर्सी  की खींचतान में जुट गए हैं। अब निर्णायक की भूमिका कलेक्टर को निभानी है देखना ये है कि कौन वास्तव में डीईओ के पद में बना रहेगा यह आने वाला समय बताएगा।

बीआरसी की कुर्सी के लिए भी घमासान-

छपारा में बीआरसी की कुर्सी के लिए भी सुनील राय और छपारा विकासखंड के अंजनिया हाईस्कूल के शिक्षक गोविंद उइके घमासान शुरू हो गया है। जिला प्रशासन ने सुनील राय को बीआरसी पद से हटाकर गोविंद उइके को बीआरसी का पद सौंपा था। आदेश मिलते ही गोविंद उइके शनिवार को ज्वाइनिंग भी ले ली थी। अब सुनील राय का कहना है कि आचार संहिता में कार्यमुक्त और ज्वाइनिंग को लेकर कलेक्टर से मार्गदर्शन मांगा है। जब तक उन्हें मार्गदर्शन नहीं मिलता है तब तक वे छपारा विकासखंड के बीआरसी हैं। बीआरसी पद में रहते हुए कलेक्टर ने ही उनकी उड़नदस्ता में ड्यूटी लगाई है। सुनील राय का कहना है कि गोविंद उइके ने छुट्टी के दिन ज्वाइनिंग लिया है और राकेश तिवारी बीएसी ने उन्हें ज्वाइनिंग दी है जो नियम के विरूद्ध है। सूत्र बताते हैं कि बीआरसी की मलाईदार कुर्सी छीनते देख तिलमिलाए सुनील राय ने गुरुवार को बीआरसी कार्यालय पहुंचकर रजिस्टर में पेन से कांट-छांट की है। हालांकि कितना सहीं और कितना झूठ है यह तो जांच पर ही पता चलेगा।

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