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कुदरत का कहर, खड़ी फसल हुई नुकसान तो सैकड़ों की पक्षियों की गई जान

कुदरत का कहर, खड़ी फसल हुई नुकसान तो सैकड़ों की पक्षियों की गई जान

तहसील छिंदवाड़ा, बिछुआ व मोहखेड़ ब्लॉक के गांव प्रभावित

मुख्यमंत्री कोष से विशेष पैकेज की मांग

छिंदवाड़ा । गोंडवाना समय। प्राकृतिक प्रकोप का कहर शनिवार व रविवार की दरम्यानी रात में लगभग ढाई बजे के बाद से बादलों की गड़गड़ाहट से प्रारंभ हुआ और बरसात के साथ ओलावृष्टि में बदल गया । छिंदवाड़ा जिले के तहसील छिंदवाड़ा के लगभग 37 गांव से अधिक प्रभावित हुये है वहीं बिछुआ तहसील के लगभग 42 गांव से भी अधिक प्रभावित हुये है ।
किसानो की खेतो में खड़ी फसल बिछ गई है तो वहीं फसलों को काफी नुकसान हुआ है । कर्ज माफी का लाभ दे रही सरकार से कुछ समस्यायें किसानों की हल हुई थी लेकिन फिर किसानों के खेतों में बरसी आफत ने उन्हें चिंता में डाल दिया है । किसान खेतों में सर्वे के साथ साथ अब फिर सरकार की तरफ मुआवाज के लिये देखने लगे है । ग्राम सुनारी मोहगांव, कुहिया, भाजीपानी, खापाकला, बीजापानी, कोटलबर्री, सलैया, पिंडरई कला सहित खमारपानी क्षेत्र के भी कई गांव में प्राकृतिक प्रकोप से किसानो को नुकसान हुआ है । वहीं प्रभावित किसानों ने मांग किया है बर्बाद हुये खेतों का सर्वे करवाकर मुख्यमंत्री कोष से किसानो को विशेष पैकेज दिया जाये।

कर्ज लेकर बुवाई किया और गाहनी के समय ऐसी हालत

किसानों का कहना है कि हमने खेतों में बोवनी करते समय भी कर्ज लिया था मेहनत कर फसल तैयार खड़ी थी कि गाहनी का समय आया तो फिर अचानक प्राकृतिक प्रकोप ने खेतों में खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया है जिससे किसानों को अत्याधिक नुकसान हुआ है । किसानों का कहना है कि खेतों में बर्बाद हुई फसलों का सही सर्वे होना चाहिये और सभी को वाजिब मुआवजा मिलना चाहिये । प्राकृतिक प्रकोप से छिंदवाड़ा तहसील के लगभग 37 गांव, बिछुआ तहसील के लगभग 42 गांव और मोहखेड़ ब्लॉक के लगभग 10 गांव के किसानों की फसलों पर प्रभाव पड़ा है ।

सर्वे पर पहुंचा राजस्व अमला 

प्राकृतिक प्रकोप का कहर देखने के लिये रविार को एसडीएम और तहसीलदार सहित राजस्व का अमला प्रभावित क्षेत्र के गांव में भाजीपानी, सुनानी मोहगांव, खापाकला, उमरढाह, थांवरीकला, सांख, विजयपानी, धौड़पुर, सहित कई ग्रामों का दौरा किया है।

ओलावृष्टि से हुई पक्षियों की मृत्यु, पेंच के चिकित्सको ने किया शव का परीक्षण

पेंच टाइगर रिजर्व के खमारपानी बफर परिक्षेत्र के अंतर्गत खमारपानी ग्राम एवं कन्हरगांव के राजस्व क्षेत्र के खेतों में हुई ओलावृष्टि की वजह से ग्राम खमारपानी में लगभग 590 बगुले एवं ग्राम कन्हरगांव में 360 तोते एवं 152 कौए मृत पाये गये। उक्त मृत पक्षियों का वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियिम 1972 के अंतर्गत दिये गये प्रावधानों के अनुरूप समस्त कार्यवाही संपादित की गई। समस्त मृत पक्षियों को एकत्र कर उनका शव परीक्षण वन्यप्राणी पशु चिकित्सक डॉ0 अखिलेश मिश्रा के द्वारा किया गया। शव परीक्षण के उपरांत मृत पक्षियों को वरिष्ठ अधिकारियों एवं समस्त स्टॉफ के समक्ष जलाने की कार्यवाही की गई। इस कार्यवाही में श्रीमति भारती ठाकरे स.व.सं. छिंदवाड़ा क्षेत्र, वन्यप्राणी पशु चिकित्सक डॉ0 अखिलेश मिश्रा, श्री एस.एस. कल्वेलिया परिक्षेत्र अधिकारी गुमतरा, अन्य स्टॉफ एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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