याचिका खारिज, नक्सली मुठभेड़ में आदिवासी की संदिग्ध मौत का मामला
जबलपुर। गोंडवाना समय।नक्सली मुठभेड़ में एक आदिवासी की संदिग्ध मौत के मामले में बालाघाट के लांजी से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा दायर याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। जस्टिस आरएस झा एवं जस्टिस संजय द्विवेदी की खंडपीठ ने सरकार द्वारा प्रस्तुत पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए याचिका को निराधार बताया। दरअसल, रिपोर्ट में आदिवासी की मौत का कारण ब्रेन हैमरेज बताया गया है। किशोर समरीते ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि नवंबर 2018 में नक्सली मुठभेड़ में एक आदिवासी की संदिग्ध मौत हुई है। याचिका में मांग की गई है कि इस मामले की जांच सीबीआई या एनएआई से कराई जाए। याचिका में बताया गया कि लांजी के हट्टा पुलिस ने 24 नवंबर 2018 को 7 नक्सलियों से मुठभेड़ का दावा किया था। पुलिस का कहना है कि सातों नक्सली भाग गए थे। पुलिस ने अपनी विज्ञप्ति में बताया कि मुठभेड़ स्थल पर उन्हें एक बुजुर्ग के शव के साथ 315 बोर की रायफल और कुछ जिंदा कारतूस मिले। शव की जांच में पाया गया कि उसकी मौत गन शॉट से नहीं हुई है, लेकिन मौत का सही कारण नहीं बताया गया। याचिकाकर्ता ने शव के कुछ फोटो भी पेश किए और दावा किया कि आदिवासी हीरालाल टेकाम की मौत गोली लगने से हुई है।