ओले की मार से किसानों की मेहनत पर फिर पानी
जिले के कई गांव की फसलें चौपट
सिवनी। गोंडवाना समय।
बुधवार की दोपहर हुई बेमौसम बारिश और ओले की मार ने जिले के कई गांव के किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। हवाओं के साथ तेज बारिश और बेर के आकार के गिरे ओले की मार ने खेत में लगी गेहूं और अन्य फसलों को चौपट कर दिया है। लहलहाती और सूखी गेहूं की फसल या तो कमर से टूट गई है या फिर जमीन पर लेट गई है।
आंखों में आ गए आंसू
थांवरी के किसान ईश्वरदयाल बरकड़े,किसान प्रकाश जंघेला ने बताया कि उनकी गेहंू की फसल इस बार बहुत अच्छी थी। कुछ ही दिन बाद कटाई होनी थी लेकिन बुधवार की दोपहर के बाद अचानक मौसम बिगड़ने के बाद आंधी-तूफान और बारिश के साथ तीन चार बार गिरे ओले की मार से उनकी फसलें बर्बाद हो गई है। जैसे ही ओले की मार से किसानों की फसलें जमीन पर लेटी किसानों के आंखो से आंसू निकल आए। किसान सिर पर हाथ रखकर बैठ गया। किसान बताते हैं कि थांवरी, सोनाडोंगरी, राहीवाड़ा,बंडोल,पिपरिया,दुकली,बांकी सहित ऐसे 40से 50 गांव में ओले गिरे। हालांकि कहीं 50 प्रतिशत तक नुकसान है तो कहीं उससे ज्यादा नुकसान है।
धान का पैसा मिला नहीं अब ओले की मार
झीलपिपरिया के किसान रामजी चन्द्रवंशी बताते हैं कि समर्थन मूल्य पर बेची गई धान का भुगतान उन्हें अभी तक नहीं मिला है और अब ओले की मार ने गेहूं की फसल बर्बाद कर किसानों की कमर तोड़ दी है। किसानों ने प्रशासन से जल्द ही सर्वे का कार्य कराकर मुआवजा देने व धान का भुगतान भी जल्द से जल्द कराने की मांग की है।