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ईलाज मिले न पानी, फिर भी जनता ने जमकर डाला वोट: अहरवाल

ईलाज मिले न पानी, फिर भी जनता ने जमकर डाला वोट: अहरवाल

सिवनी। गोंडवाना समय। 
जिले के साथ पिछले 25 वर्षो से सभी जनप्रतिनिधियों ने धोखा किया है। इन्होने अपने एक भी वायदे पूरे नही किये। बड़ी रेल्वे लाईन आज तक नही आयी, लोग रोजगार के लिए देश के अन्य क्षेत्रों में पलायन करते देखे जा सकते है, हाल ये है कि सिवनी जिले के किसी भी सरकार अस्पताल में जनता को उचित ईलाज नही मिलता और तो और करोड़ों रुपए की पेयजल योजना लागू होने के बाद भी जिले के लोगों को पानी नही मिल रहा है। इसके बाद भी जनता ने लोकतंत्र के महापर्व में उम्मीद से अधिक अपने वोट का उपयोग किया। इस तरह जनता ने अपने लोकतांत्रिक कर्तव्य का पालन किया लेकिन निर्लज्ज जनप्रतिनिधियों को जनता की समस्याओं से कोई लेना देना नही है।
उक्ताशय के विचार व्यक्त करते हुए रविदास शिक्षा मिशन के अध्यक्ष रघुवीर अहरवाल ने बताया कि भीषण गर्मी में लोकतंत्र के महापर्व के दौरान उचित ईलाज के अभाव में दो कर्मचारियों की अकाल मृत्यु हो गई। इसी दौरान जिले के कई क्षेत्र पेयजल की गंभीर समस्या से जूझते देखे गये। जब लोकतंत्र के महापर्व का ये हाल था तो आम दिनों में जिले की जनता के साथ जनप्रतिनिधी और जिला प्रशासन किसी तरह से आंख बंद करके मूक दर्शक बना रहता है। आम जनता पेयजल के लिए लगभग पूरे साल परेशान रहती है। नगर की जलापूर्ति प्रणाली का अवलोकन करने से ज्ञात हुआ है कि यहां रसूखदारों के लिए मुख्य पाईप लाईन से उनके घर तक नल कनेक्शन लगे हुए है। जिनसे उन्हें भरपूर पानी मिलता है। पार्षदों के इशारों पर कुछ नागरिक भी अपनी पहुंच का फायदा उठाकर पाईप लाईन से सीधे पानी प्राप्त कर रहे है। नल कनेक्शन लगाने वाले मेकेनिकों की चालाकी भी बड़े गजब की है वे जहां से उनकी जेब गर्म होती है उनके लिए नल कनेक्शन पाईप लाईन के नीचे से जोड़ा जाता है। शेष के लिए पाईप लाईन के ऊपर या आजू बाजू से नल कनेक्शन जोड़ दिये जाते है। वैसे तो हर साल गर्मी के दिनों में नगर में पानी की ज्यादा किल्लत होती है इसके बाद भी नगर पालिका परिषद सिवनी द्वारा इस पर गंभीरता से ध्यान नही दिया जाता। नगर में जो गंदा पानी सप्लाई होता है उसके लिए नगर पालिका पूरी तरह जिम्मेदार है। क्योंकि फिल्टर प्लांट से हर वर्ष करोड़ों रुपए पानी को साफ करने के मद में खर्च किये जाते है। जाहिर है ये करोड़ों रुपए में हेराफेरी होती है। इसलिए नागरिकों को गंदा पानी प्रदाय किया जाता है। पेयजल वितरण में पूरे नगर में भयानक भेदभाव किया जा रहा है। कही भरपूर पानी है तो कही एक गुंडी पानी के लिए नल कनेक्शनधारी भी तरस रहे है।
रविदास शिक्षा मिशन के अध्यक्ष रघुवीर अहरवाल ने आगे बताया कि नगर में स्थित इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय अपने समय का गौरवशाली चिकित्सालय था। लेकिन वर्तमान में यह नागरिकों के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। यहां के चिकित्सक अपनी प्रायवेट क्लीनिक लगाकर नगर के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत देखे जा सकते है। इसके बाद भी जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधी इनके खिलाफ कोई उचित कार्रवाई नही करते। कारण साफ है कि इनका महीना बंधा होगा। जिले में जो भी कलेक्टर आते है वे जिला चिकित्सालय में जरूर उचित ईलाज के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हैं। इसके बाद भी जिला चिकित्सालय से आम जनता को उचित ईलाज नही मिलता। लोकतंत्र के महापर्व में अनेक समस्याओं से जूझते हुए जिले के नागरिकों ने ईलाज, पानी नही मिलने पर भी अपने कर्तव्य का उत्साहजनक पालन किया। शायद यह बात निर्लज्ज जनप्रतिनिधियों को सबक सिखायेगी कि वे भी अपने कर्तव्य का पालन करें।

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