भाजपा झूठा आरोप लगाकर कमलनाथ सरकार को बदनाम करने रच रहे साजिश-राजिक अकिल
आरोप पत्र बता रहा कि भाजपा से नहीं छूट रहा सत्ता का मोह
सिवनी। गोंडवाना समय।
मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी का आरोप पत्र इस बात का सूचक है कि भाजपा से सत्ता का मोह नही छोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार बहुत ही गंभीरता से काम कर रही है इस बात को भाजपा के लोग पचा नही पा रहे है, आरोप पत्र में झूठ के सिवा कुछ नहीं है। भाजपा का कहना साफ, हर किसान का कर्जा माफ का नारा देने वाली भाजपा मध्य प्रदेश में 15 वर्षो तक सत्ता में रही लेकिन भाजपा ने किसानों का कर्जा माफ नही कर पाई। किन्तु मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पहले चरण में ही 21 लाख किसानों का कर्जा माफ कर चुके है। लम्बे समय तक पिछड़ा वर्ग का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह रहने के बाद जबकि मंडल आयोग की सिफारिश में पिछड़ा वर्ग के लिये 27 प्रतिशत का प्रावधान है फिर भी पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण नही दे पाये, जो कि देश के अन्य राज्यो में लागू है। मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशा साफ थी उन्होंने मध्य प्रदेश में भी पिछड़ा वर्ग के लोगो के लिये 27 प्रतिशत आरक्षण का वचन पूरा किया।
युवाओं का मिल रहा रोजगार तो कानून व्यवस्था को खराब कर रहे भाजपाई
युवा स्वाभिमान योजना अंतर्गत बेरोजगारों का पंजीयन कर, उन्हें कार्य के अनुसार 10 दिवस का प्रशिक्षण आरंभ कर 90 दिन का रोजगार उनकी योगता के अनुसार देने का काम प्रारंभ है। गौशाला के लिये जगह चिन्हित कर ली गई है, शीघ्र ही हर ग्राम पंचायत में गौशाला खोली जायेगी। मुख्यमंत्री कन्या विवाह में 28 हजार की जगह 51 हजार की राशि दी जा रही है। जिस तरह प्रदेश में खराब कानून व्यवस्था की दुहाई भाजपा के लोग दे रहे है । यह मध्य प्रदेश को बदनाम करने की साजिश है जब से मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है । मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े नेताओं ने कानून व्यवस्था को खराब करने का काम किया है। जिस प्रयांश और श्रेयांश के अपहरण और हत्या की बात कर रहे है उसमें भी भाजपा से जुडेÞ लोंग शामिल है। महाराष्ट्र गढ़चिरोली में नक्सलवादियों द्वारा 16 सैनिकों को शहीद कर दिया जाता है तब भाजपा के लोग वहां की सरकार पर उंगली नही उठाते। यदि मध्य प्रदेश में एक पुलिस कर्मी के साथ कोई घटना घट जाती तो प्रदेश में कानून व्यवस्था को खराब बताने लगते है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्थानांतरण नीति में पारदर्शिता लाते हुये मुख्यमंत्री कार्यालय से स्थानांतरण की फाईलों को मुक्त कर दिया है।
3 माह के कार्यकाल में हुये जनहितैषी कार्य
शिवराज सिंह सरकार में एक लिपिक का स्थानांतरण भी मुख्यमंत्री कार्यालय के बिना आदेश और बिना लेन देन के नही होता था। मध्य प्रदेश सरकार बहुमत में होने के बाद भी लूली लगड़ी सरकार कहना इनकी लाचारी दशार्ता है । भारतीय जनता पार्टी की तरह विधायकों की खरीद फरोख्त करके कांग्रेस ने सरकार नही बनाई, जैसा की अन्य राज्यो में भाजपा ने अल्पमत में होने के बाद भी विधायको को खरीद कर सरकार बनाई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के सिर्फ 3 माह के कार्यकाल में जिस तरह से प्रदेश की जनता के लिये जनहितैषी कार्य हुये है, उसे देखकर भाजपा के लोग काफी परेशान है। झूठा आरोप लगाकर बेहतर काम कर रही कमलनाथ सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रहे है। जिस तरह से मध्य प्रदेश की जनता ने भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाया है उसी तरह केन्द्र में भी भाजपा सरकार का जाना तय है।