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महिला बाल विकास एवं राजस्व विभाग ने रूकवाया बाल विवाह

महिला बाल विकास एवं राजस्व विभाग ने रूकवाया बाल विवाह

सिवनी। गोंडवाना समय। 
बाल विवाह समाजिक बुराई है। इसी बुराई को रोकने के लिए महिला बाल विकास विभाग और राजस्व विभाग की टीम मुस्तैद हो गई है। ग्राम पंचायत मैली के ग्राम पिपरिया में केकड़वानी में आगामी समय में होने जा रहे दो नाबालिग बेटियों के विवाह को समझाइश देकर रूकवाया गया।
          सिवनी तहसीलदार प्रभात मिश्रा ने बताया कि ग्राम पिपरिया निवासी अतरूलाल की पुत्री सरीता सल्लाम की 17 मई को शादी  होने वाली थी। इसी सूचना मिलने पर महिला बाला विकास विभाग की परियोजना अधिकारी शशांक शेखर,पुलिस उपनिरीक्षक कोमल टोप्पों एवं तहसीलदार प्रभात मिश्रा गांव पहुंचे और परिजनों को समझाइश दी  कि बिटिया के 18 साल पूरे होने पर ही विवाह करने की समझाइश दी  जिस पर परिजन मान गए और लिखित रूप से सहमति भी दे दी है।

साढ़े सोलह साल  की बिटिया के हाथ करने वाले थे पीले-

ग्राम केकड़वानी में भी 16 साल छह माह की बेटी अंजु पिता अमरलाल की शादी एक सप्ताह बाद यानी 13 मई को होने वाली थी। इसकी भनक प्रशासन को लग गई। भनक लगते ही तहसीलदार प्रभात मिश्रा,महिला बाल विकास विभाग और महिला पुलिस अधिकारी उनके घर पहुंची और परिजनों को समझाया की नाबालिग बेटी का विवाह कराना कानूनी अपराध है। जेल की सलाखों के पीछे  जा सकते हैं। वहीं नाबालिग बेटी का विवाह कराने से उसके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है इसलिए  18  साल पूरे होने पर ही विवाह कराने की समझाइश पर परिजन मान गए और लिखित रूप से प्रशासन को सहमति दे  दी है।

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