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2021 की जनगणना में जनजातियों का अलग हो कॉलम और गोंडी भाषा को आठवी अनुसूची में किया जाये शामिल

2021 की जनगणना में जनजातियों का अलग हो कॉलम और गोंडी भाषा को आठवी अनुसूची में किया जाये शामिल  

प्रांतीय अधिवेशन में वक्ताओं ने समाजिक एकता के साथ गोंडी धर्म, भाषा, संस्कृति, रीति-रिवाज, परंपरा पर दिया संदेश 

दमोह में गोंड समाज महासभा के प्रांतीय अधिवेशन में प्रमुख वक्ताओं में मौजूद केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री तिरू. फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा देश में डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा गोंडी भाषा के लोग निवासरत है, गोंडी भाषा को लेकर अनेक संगोष्ठी की गई हैं, पर इस भाषा को अभी तक सरकारी मान्यता सरकारों द्वारा नहीं दी गई है। इस अवसर पर तिरूमाय सुशीला धुर्वे ने कहा कि हमसे हमारे महल-किले-बावड़ी, छीन लिए गए। हमारे इतिहास से खिलवाड़ कर फेर बदल किया गया। गोंड किसी मूर्ति के पुजारी नहीं हैं तो हम कैसे हिंदू हो सकते हैं, हम गोंडी, गोंड हैं हमारी धर्म संस्कृति हमारी पहचान गोंडी है। वहीं तिरू गुलजार सिंह मरकाम ने कहा कि गोंडवाना साम्राज्य सहित जनजातियों के पूर्वकाल से वर्तमान तक के क्रांतिकारी आंदोलनों पर संदेश दिया। आगे पूर्व विधायक तिरू मनमोहन शाह बट्टी ने कहा हमारी सबसे ज्यादा संख्या, हमारी सबसे ज्यादा वोट फिर भी हमको लगती है चोट और हमारे ही नेता हमारे समाज लोग मंत्री नहीं बन पाते। इस पर सबको विचार करना होगा, एकता का संदेश देना होगा। आज हम सबको एकता का परिचय देना है। हमारे युवाओं को आगे आना चाहिए और सभी माता-पिता को अपने बच्चों को अपने गोंडी धर्म संस्कृति के संस्कारों से संवारना चाहिए। गोंड समाज महासभा के प्रदेश अध्यक्ष तिरू बी.एस. परतेती ने अपने उद्बोधन में गोंड समाज महासभा मध्य प्रदेश 32 जिलों में संगठित होकर संगठन कार्य कर रहा। जिसमें सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक, शैक्षणिक, रोजगार, व्यवसाय, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, जल-जंगल-जमीन पर काम कर रहे है। 

दमोह। गोंडवाना समय। 
गोंड समाज महासभा मध्य प्रदेश का तृतीय प्रांतीय अधिवेशन रविवार 23 फरवरी 2020 को स्थानीय कृषि उपज मंडी परिसर में आयोजित किया गया। इससे पहले दमोह नगर के चेनपुरा चमड़ा फैक्टरी में बड़ादेव ठाना में गोंगों हुआ और सतरंगी ध्वज फहराया गया। उसके बाद वहां से विशाल जनसमूह रैली तकरीबन 2 किलोमीटर लंबी रैली निकाली गई। जिसमें दमोह नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए कार्यक्रम स्थल सागर नाका कृषि उपज मंडी पहुंची। गोंड समाज महासभा की रैली में 20 हजार से भी ज्यादा समाज के लोगों उपस्थिति रही। 

गोंडियन गीतों व धुनों पर थिरकते रहे युवक-युवतियां 

दमोह मे आयोजित प्रांतीय अधिवेश में मध्य प्रदेश से गोंड समाज के बड़ी संख्या में सगाजन शामिल हुये। जिसमें सबसे ज्यादा संख्या दमोह जिला की गोंड समाज उपस्थित रही।
कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों द्वारा जनजातिय समाज के जिन्होंने देश की मिट्टी के लये ऐतिहासिक बलिदान दिया उन वीर यौद्धाओं व गोंडवाना साम्राज्य के महाराजा व वंशजों चित्र पर हल्दी चावल का टीका कर फूल माला अर्पित कर बड़ा देव का सुमिरन किया गया तत्पश्चात गोंड समाज का प्रांतीय अधिवेशन के आगामी कार्यक्रमों को प्रारंभ किया गया।

एक समाज, एक रिवाज, एक आवाज बताया मूल उद्देश्य 

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत सम्मान हल्दी चावल तिलक वंदन कर किया गया जो की गोंड समाज की मूल रीति है। मंच संचालन कर रहे महेश शाह वट्टी ने गोंड-गोंडी, गोंडवाना, एक समाज, एक रिवाज, एक आवाज के तहत गोंड समाज महासभा का मूल उद्देश्य पर प्रकाश डाला और गोंड समाज के इतिहास से लेकर वर्तमान तक की दिशा और दशा पर अपनी बात कही।

केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते सहित अन्य अतिथि रहे मौजूद             

गोंड समाज महासभा के प्रांतीय अधिवेशन में प्रमुख रूप से मंचासीन मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री व सांसद तिरू. फग्गन सिंह कुलस्ते, पूर्व विधायक अमरवाड़ा तिरू मनमोहन शाह वटटी, तिरू गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आन्दोलन, कार्यक्रम की अध्यक्षता तिरू बी एस परतेती प्रदेशाध्यक्ष, पूर्व विधायक बरघाट तिरू कमल मर्सकोले एवं गोंड समाज महासभा प्रदेश उपाध्यक्ष, तिरू एस आर गोंड प्रदेश सचिव, तिरू केहर सिंह इनवाती प्रदेश कोषाध्यक्ष, तिरू कौशल सिंह पोर्ते प्रदेश सह सचिव गोंड समाज सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। 

गोंडवाना गौरव सम्मान से ये हुये सम्मानित 

गोंड समाज से तकरीबन 19 सगाजनों को गोंडवाना गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। हम आपको बता दें कि गोंड समाज महासभा द्वारा गोडवाना गौरव सम्मान से समाज के व्यक्तियों को सम्मानित किया जाता है जो सगाजन समाज के लिये उत्कृष्ट कार्य करते हैं और समाज की रीति-रिवाजों को बनाए रखने लोगों को प्रेरणा देते हैं, समाज को जागृत करते हैं, समाज में शैक्षणिक विकास, उत्तम स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, आर्थिक विकास, नशा मुक्त समाज, रोजागर, इतिहास, साहित्य, खेल, कृषि, व्यवसाय, गोंडी धर्म, संस्कृति, गोंडी भाषाको बढ़ावा देने के लिए अपने गोंडी धर्म-संस्कृति, रीति-रिवाज-परंपरा को प्रचार-प्रसार कर प्रेरित करने के लिए निरंतर प्रयास करते है ऐसे सगाजनों प्रांतीय अधिवेशन में गोंडवाना गौरव सम्मान से सम्मानित कर उत्साहवर्धन किया गया।
जिसमें 1. डॉ सूर्या बाली सूरज धुर्वे प्रोफेसर एम्स भोपाल, 2. डॉ सुधीर वाड़ीवा प्रशिक्षक विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम भोपाल, 3. तिरू बालाराम मरावी संचालक गोंडवाना कृषि आवासीय विद्यालय कंरजिया जिला-डिंडौरी, 4. तिरू डॉ रमेश काकोड़िया एमबीबीएस, सर्जन बैतुल, 5. तिरू सुनील पंद्रे प्रशिक्षक मशरूम उत्पादन भोपाल, 6. तिरूमाय सुशीला धुर्वे लेखिका गोंडवाना साहित्य इंदौर, 7. तिरूमाय विद्यावतीश्याम संरक्षिका गोंडवाना आवासीय कृषि विद्यालय कोतमा, 8. तिरू रावेन शाह उईके संचालक इंस्टीट्यूट आॅफ कोयान द विजन जिला-सिवनी, 9. तिरू एस आर उईके संचालक गोंडी भाषा क्लासेस कोलार भोपाल, 10. तिरू केवलराम धुर्वे लेखक गोंडी भाषा व्याकरण ग्राम पिपलानी नसरूल्लागंज, 11. तिरू माबालेश्वर ओलकी, मुरकुदा, जिला अध्यक्ष गोंड समाज महासभा सीधी 12. तिरू प्रेम शाह मरावी गोंडवाना स्वर लहरी शहपुरा जिला-डिंडौरी, डॉ राजा धुर्वे संचालक मेडिटेक कैरियर इंस्टीट्यूट जिला बैतुल, 14. तिरू फतेहबहादुर सिंह मरकाम, लेखक गोंडी साहित्य हड़बड़ो, गोंड़ान, जिला सीधी, 15. तिरूमाय श्यामा उर्रेती जिला अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ 16. करैया हजारी गोंड समाज महासभा दमोह विकासखंड दमोह, 17. तिरू प्रकाश सिंह धुर्वे सरपंच ग्राम पुरैनयाऊ ग्राम पंचायत मुड़ेरी जबेरा दमोह, 18. तिरू अनून सिंह ठाकुर सेमपाई आई के एफकाई, ब्लेक बेल्ड फस्ट डॉ डिस्टिक्स चीफ इंसपेक्टर इंटरनेशनल फेडरेशन तेंदूखेड़ा, 19. तिरू लिज्जम सिंह इरपाचे भूमका अध्यक्ष जनपद कमेटी धनगौरकला बादीपुरा का गोंडवाना गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया ।

हम गोंडी भाषा को मान्यता देने के लिए लगातार भारत सरकार से कर रहे मांग 

अतिथियों में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री तिरू. फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा देश में डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा गोंडी भाषा के लोग निवासरत है गोंडी भाषा को लेकर अनेक संगोष्ठी की गई हैं, पर इस भाषा को अभी तक सरकारी मान्यता सरकारों द्वारा नहीं दी गई है। भारत के संविधान की भाषा अनुसूची में भी जगह नहीं मिली है, हम गोंडी भाषा को मान्यता देने के लिए भारत सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं। जिनमें सर्वाधिक गोंडी भाषा के लोग निवासरत है, उन प्रदेशों में राज्य सरकारों से मांग की है कि राज्य सरकार की अनुशंसा के आधार पर गोंडी भाषा को मान्यता दी जाये।

हमारी धर्म, संस्कृति, भाषा सब धर्मों से है अलग 

दमोह में आयोजित प्रांतीय अधिवेशन में गोंडवाना लेखिका तिरूमाय सुशील धुर्वे ने कहा गोंडी संस्कृति बहुत प्राचीन आदिकाल की है, जब से इस भूभाग का जन्म हुआ और हमारे पूर्वज बड़े-बड़े बलशाली राजा महाराजा रहे है जिन्होंने 1700 वर्षो से भी ज्यादा शासन किया वे शासक रहे, आज की वर्तमान स्थिति में हमारा समाज धीरे 
धीरे पिछड़ता गया और अपनी रीति-रिवाजों, धर्म-संस्कृति को भूलता गया। हमसे हमारे महल-किले-बावड़ी, छीन लिए गए ।
हमारे इतिहास से खिलवाड़ कर फेर बदल किया गया। जिससे आज हमारा गोंड समाज भ्रमित होकर अपने आपको हिन्दू लिखने लगे और  ब्राह्मणों की शरण में माथा टेक रहे। हम हिंदू नहीं है, हमारी समाज गोंड हिंदू नहीं है। हमारी धर्म, संस्कृति, भाषा सब धर्मों से अलग है, हमारे जो पूर्वज पुरखा हैं, हमारे पेनठाना में जो गोंगो होता है वह सबसे अलग होता है। हम प्रकृति के पुजारी हैं हम प्रकृति के उपासक हैं, हम प्रकृति वासी है। गोंड किसी मूर्ति के पुजारी नहीं हैं तो हम कैसे हिंदू हो सकते हैं हम गोंडी, गोंड हैं हमारी धर्म संस्कृति हमारी
पहचान गोंडी है।

समाज का इतिहास और वर्तमान पर दिया संदेश 

दमोह में आयोजित प्रांतीय अधिवेशन में तिरू गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक गोंडवाना समग्र क्रांति आन्दोलन ने अपने वक्तव्य मे जय सेवा-जय बड़ादेव के नारे से शुरूआत करते हुये गोंडवाना साम्राज्य सहित जनजातियों के पूर्वकाल से वर्तमान तक के क्रांतिकारी आंदोलनों पर संदेश देते हुये बताया कि हमारे समाज की स्थिति है पहले क्या थी और आज क्या है, इन सारी चीजों पर समाज के बीच अपने वक्तव्य रखे।

हमारी सबसे ज्यादा वोट फिर भी हमको लगती है चोट         

दमोह में आयोजित प्रांतीय अधिवेशन में अमरावाड़ा के पूर्व विधायक तिरू मनमोहन शाह वट्टी ने भी समाज को संबोधित करते हुए समाज के राजनीतिक स्तर पर प्रकाश डालते उन्होंने अपने संदेश में आज हर समाज से अपने समाज की वर्तमान स्थिति को पीछे बताया, उन्होंने कहा हर समाज में बड़े-बड़े नेता बड़े-बड़े मंत्री बन चुके है और बनाये जाते है लेकिन हमारे समाज के नेता गिने-चुने ही चुने जाते हैं। हमारी सबसे ज्यादा संख्या, हमारी सबसे ज्यादा वोट फिर भी हमको लगती है चोट और हमारे ही नेता हमारे समाज लोग मंत्री नहीं बन पाते। इस पर सबको विचार करना होगा, एकता का संदेश देना होगा। आज हम सबको एकता का परिचय देना है और शिक्षित होकर हमारे समाज के धर्म संस्कृति पर काम करना है। आज हम एक होकर काम करेंगे तो निश्चित ही हमारा समाज संगठित होकर एक विकासशील पथ पर चलेगा। हमारे युवाओं को आगे आना चाहिए और सभी माता-पिता को अपने बच्चों को अपने गोंडी धर्म संस्कृति के संस्कारों से संवारना चाहिए।

32 जिलो में समाज उत्थान की दिशा में कार्य कर रहा गोंड समाज महासभा 

दमोह में आयोजित प्रांतीय अधिवेशन में गोंड समाज महासभा के प्रदेश अध्यक्ष तिरू बी.एस. परतेती ने अपने उद्बोधन में गोंड समाज महासभा मध्य प्रदेश की जो 32 जिलों में संगठित होकर संगठन कार्य कर रहा।
जिसमें सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक, शैक्षणिक, रोजगार, व्यवसाय, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, जल-जंगल-जमीन पर काम कर रहे है।
उन सभी विषयों का एक वर्ष की कार्य योजना थी बतलाई और जो भी महासभा के माध्यम से उपलब्धियां साल भर में जिला कमेटी और मध्य प्रदेश कमेटी द्वारा हासिल की गई है। शासन द्वारा उस पर सभी का ध्यान केंद्रित कराया गया और साथ ही सभी जिलों से पधारे गोंड समाज महासभा जिला अध्यक्ष को अध्यक्ष का स्वागत बंधन अभिनंदन आभार प्रकट किया।

राष्ट्रपति, राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन 

दमोह में आयोजित प्रांतीय अधिवेशन व युवक युवती परिचय सम्मेलन में गोंड समाज महासभा मध्य प्रदेश जिला कमेटी दमोह के सानिध्य में केंद्रीय मंत्री तिरू फग्गन सिंह कुलस्ते और कलेक्टर श्री तरुण राठी को महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री के नाम 20 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है।
ज्ञापन में प्रमुख रूप से तीन बिंदु महत्वपूर्ण है जिसमें वर्ष 2021 की जनगणना होगी उसमें आदिवासियों को अलग से कॉलम दिए जाए, जिसमें उनके धर्म और भाषा का कॉलम अलग होना चाहिए, जिसमें गोंड समाज के लोग अपनी भाषा गोंडी लिख सकें और अपना धर्म गोंडी दर्ज कर सकें।
इस कॉलम के लिए महामहिम राष्ट्रपति और रजिस्टर्ड आॅफिसर नई दिल्ली के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। वहीं प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन दिया गया है, जिसमें प्रमुख मांगे हैं और महामहिम राज्यपाल मध्य प्रदेश के नाम भी ज्ञापन कलेक्टर के द्वारा सौंपा गया है।
ज्ञापन में प्रमुख रूप से वर्ष 2021 की जनगणना में आदिवासियों को धर्म और भाषा का कालम अलग देने का प्रावधान किया जाये और गोंडी भाषा को आठवी अनुसूची में शामिल कर मान्यता दी जाये, गोंडी धर्म लागू कर धर्म कोड दिया जाये।

युवक-युवती परिचय

दमोह में आयोजित प्रांतीय अधिवेशन में गोंड समाज के विवाह योग्य युवक-युवतियों द्वारा मंच पर समाज के बीच परिचय दिया गया। जिसमें हमारे समाज के हजारों युवक युवती विवाह के लिए योग्यता रखते हैं। 

अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट

दमोह में आयोजित गोंड समाज महासभा के प्रांतीय अधीवेशन में आमंत्रित और मंच पर आसीन अतिथियों को गोंड समाज महासभा द्वारा बड़ादेव और गोंड समाज के ऐितहासिक वीर यौद्धाओं, शहीद राजा महाराजाओं का स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया।
स्मृति चिन्ह भेंट में केंद्रीय मंत्री तिरू फग्गन सिंह कुलस्ते, पूर्व विधायक तिरू मनमोहन शाह बट्टी, तिरू गुलजार सिंह मरकाम, पूर्व विधायक तिरू कमल मर्सकोले, साहित्य रचयिता तिरूमाय सुशीला धुर्वे इंदौर और ईमानदारी से बखूबी अपना दमोह जिले में परचम लहराने वाले कर्तव्य निभाने वाले दमोह जिले जबेरा ब्लॉक के मुड़ेरी ग्राम पंचायत के सरपंच तिरू प्रकाश सिंह धुर्वे को जो शासन द्वारा भी उन्हें सम्मानित किया गया है उन्हें भी समाज ने स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

सामाजिक पत्रिका का विमोचन

दमोह में आयोजित प्रांतीय अधिवेशन व युवक युवती परिचय सम्मेलन में गोंड समाज महासभा द्वारा वार्षिक पत्रिका प्रकाशित प्रत्येक वर्ष अनुसार इस वर्ष भी की गई थी। जिसका विमोचन मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया। इस पत्रिका में गोंड समाज महासभा द्वारा वर्षभर किए गए कार्यों की उपलब्धियां और विवाह योग्य युवक-युवतियों का बायोडाटा सम्मिलित है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम

गोंड समाज महासभा के प्रांतीय प्रांतीय अधिवेशन में वक्ताओं के बीच बीच में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिसमें गोंड समाज महासभा ग्राम कमेटी मझोली द्वारा जो बड़ादेव ठाना मझौली नृत्य समूह ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से गोंडी नृत्य कला का प्रदर्शन कर सभी का मनमोहा। कार्यक्रम में चार चांद लगाए और मंच संचालक महेश शाह बट्टी जबलपुर वालों ने नृत्य कला बाल बालिकाओं का मंच से उत्साहवर्धन किया।

20 हजार से भी ज्यादा रही संख्या           

दमोह में आयोजित प्रांतीय अधिवेशन में कार्यक्रम में उपस्थित गोंड समाज महासभा के 32 जिलों में जिलों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, अन्य पदाधिकारी, ब्लॉक अध्यक्ष के साथ सगाजन उपस्थित हुए।
वहीं जिसमें दमोह जिला के सातों ब्लॉक के गोंड समाज महासभा, जिला कमेटी के पदाधिकारी और गोंड समाज के सगाजन, जनप्रतिनिधिगण, बुद्धिजीवी, पितृशक्ति-मातृशक्ति, युवा शक्ति, बच्चे सहित लगभग 20 हजार से भी ज्यादा संख्या रही।

दमोह जिला, ब्लॉक, ग्राम कमेटी की मेहनत से सफल हुआ कार्यक्रम 

दमोह में आयोजित प्रांतीय अधिवेशन जो कि एक दिवसीय के रूप में आयोजित था गोंड समाज महासभा मप्र का तृतीय प्रांतीय अधिवेशन एवं युवक युवती परिचय सम्मेलन दमोह जिला कमेटी की मेजबानी में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश भर से पधारे गोंड समाज के सगाजन जनप्रतिनिधि सभी लोगों का आभार प्रदेश सह-सचिव तिरुमाल कौंशल सिंह पोर्ते ने व्यक्त किया। वहीं गोंड समाज महासभा जिला कमेटी, ब्लॉक, ग्राम इकाई कमेटी की तन, मन, धन से नि:स्वार्थ भावना से की गई मेहनत से ही प्रांतीय अधिवेशन का कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। जिले के सभी पत्रकारों व पुलिस विभाग जो व्यवस्थाओं में अपनी भूमिका निभाते रहे और सहयोग किया। गोंड समाज उनका भी ह्रदय से आभार व्यक्त किया गया।
उक्त कार्यक्रम को दूर दूर तक पहुंचाने में मीडिया हो या सोशल मीडिया के माध्यम से कार्यक्रम की समस्त जानकारी पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका जिला मीडिया प्रभारी कुँवर सुनील शाह ऐड़ाली ने निभाया। 

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