Type Here to Get Search Results !

मध्य प्रदेश में 2 लाख 57 हजार दावेदारों को उनकी काबिज भूमि के वन अधिकार पत्र वितरित

मध्य प्रदेश में 2 लाख 57 हजार दावेदारों को उनकी काबिज भूमि के वन अधिकार पत्र वितरित

3 लाख 60 हजार से अधिक दावे विभिन्न कारणों से हुये निरस्त 

30 जून 2020 तक दावों का निराकरण किये जाने का तैयार किया गया कार्यक्रम 

लम्बित दावों के आॅनलाइन निराकरण के लिये एम.पी. वनमित्र पोर्टल

भोपाल। गोंडवाना समय। 
देश में सर्वाधिक जनजाति बाहुल्य मध्य प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत अभी तक 6 लाख 27 हजार से ज्यादा दावे प्राप्त हुए हैं। इनमें से 2 लाख 68 हजार से अधिक दावे मान्य किये गये हैं। मान्य दावों में से 2 लाख 57 हजार दावेदारों को उनकी काबिज भूमि के वन अधिकार पत्र (पट्टे) वितरित किये जा चुके हैं। शेष 
10 हजार से अधिक मान्य दावों के अधिकार प्रमाण-पत्रों के वितरण की कार्यवाही की जा रही है। 

निराकरण करते समय दावेदारों को सुनवाई का दिया जा रहा पर्याप्त अवसर 

वहीं हम आपको बता दे कि मध्य प्रदेश में वन अधिकार के 3 लाख 60 हजार से अधिक दावे विभिन्न कारणों से निरस्त हुए हैं। इन्हीं निरस्त दावों का पुन: परीक्षण एम.पी. वनमित्र पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में 2 लाख 57 हजार दावेदारों को वन अधिकार पत्र पट्टे वितरित किये जा चुके है। इसी तरह 35 हजार 724 दावेदारों द्वारा निरस्त दावों के पुन: परीक्षण के लिये आॅनलाइन दावे प्रस्तुत हुये है। एम.पी. वनमित्र पोर्टल के माध्यम से दावों का निराकरण करते समय दावेदारों को सुनवाई के पर्याप्त अवसर दिया जा रहा है। 

आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा दावों के निराकरण के लिये किया गया रोडमेप तैयार 

अधिनियम के दावों का आॅनलाइन निराकरण एम.पी. वनमित्र पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है। इस पोर्टल में अभी तक 20 हजार 794 ग्राम पंचायतों के सचिवों की प्रोफाइल अपडेट की जा चुकी है और 35 हजार 724 दावेदारों द्वारा अपने नये एवं पूर्व के निरस्त दावों के पुन:परीक्षण के लिये आॅनलाइन दावे प्रस्तुत किये गये हैं। इन दावों का ग्राम वन अधिकार समितियों, उप खंड स्तरीय समितियों एवं जिला स्तरीय वन अधिकार समितियों द्वारा निराकरण किया जा रहा है। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा दावों के निराकरण के लिये रोडमेप तैयार किया गया है। प्रदेश में 30 जून 2020 तक दावों का निराकरण किये जाने का कार्यक्रम तैयार किया गया है।

कोई भी पात्र दावेदार अपने वन अधिकार के हक से न हो वंचित 

मध्य प्रदेश राज्य सरकार का प्रयास है कि मध्य प्रदेश का कोई भी पात्र वनवासी दावेदार अपने वन अधिकार के हक से वंचित न हो। दावेदार को अपने दावों के समर्थन में लगाये जाने वाले दस्तावेजों को उपलब्ध कराने के लिये वन विभाग एवं राजस्व विभाग को निर्देश दिये गये हैं। एम.पी. वनमित्र पोर्टल के माध्यम से दावों का निराकरण करते समय दावेदारों को भी पर्याप्त सुनवाई के अवसर उपलब्ध कराये जा रहे है। प्रदेश में वन अधिकार के दावों का निराकरण अभियान के रूप में किया जा रहा है।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.