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एक्सिडेंटल डेथ में मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर तो इंदौर प्रथम

एक्सिडेंटल डेथ में मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर तो इंदौर प्रथम 

प्रदेश में इंदौर, भोपाल, जबलपुर टॉप 3 पर


भोपाल/जबलपुर। गोंडवाना समय। 
 

शहरों में अव्यवस्थित यातायात, नियमों की अवहेलना, पुलिस की लापरवाही के फलस्वरूप प्रदेश में प्रतिदिन सैकड़ों सड़क दुर्घटनाऐं हो रही हैं उक्ताशय का आरोप लगाते हुए नागरिक उपभोक्ता मंच के सदस्यों ने प्रमुख सचिव गृह विभाग तथा मध्यप्रदेश पुलिस के नाम पत्र लिखकर यातायात नियमों का पालन सख्ती से करवाने की मांग की है और माननीय उच्चतम न्यायालय एवं मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा निदेर्शों के पालन सुनिश्चित करने की भी मांग किया। प्रतिवर्ष सड़क सुरक्षा सप्ताह था विभिन्न जागरूकता अभियानों में वर्ष 2018-2019 में पुलिस विभाग द्वारा 11,45,38,134/- खर्च कर दिए गए परंतु दुर्घटनाओं में बहुत मामूली अंतर देखने मे आया ।

मध्य प्रदेश में 42431 दुर्घटना मृत्यु


नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांतीय संयोजक मनीष शर्मा ने बताया की नेशनल क्राइम ब्यूरो की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019 में मध्यप्रदेश में कुल 42431 दुर्घटनाओं में मृत्यु दर्ज हुई है, औसतन प्रतिदिन 116 व्यक्ति काल कलबित हुए। वर्ष 2018 की तुलना में 2019 में एक प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई वही एक्सीडेंट में मृत्यु का प्रतिशत 51.4 रहा। प्रदेश में टॉप 10 दुर्घटना वाले शहर इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, धार , उज्जैन , सागर , रीवा , सतना तथा छिंदवाड़ा ।

भोपाल दूसरे तो जबलपुर तीसरे स्थान पर

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांतीय संयोजक मनीष शर्मा ने बताया की प्रांतीय आंकड़ों के अनुसार इंदौर में 1142 मृत्यु, भोपाल में 740 मृत्यु, जबलपुर में 488 मृत्यु तथा ग्वालियर में 314 मृत्यु दर्ज की गईं। आंकड़ों के अनुसार इंदौर नम्बर वन पर, भोपाल नम्बर दो तो जबलपुर नम्बर तीन स्थान पर है। इंदौर तथा ग्वालियर में मृत्यु के प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई वही भोपाल तथा जबलपुर में स्थिर रहे। 


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