Sunday, January 10, 2021

ओबीसी जनगणना हेतु तीसरे चरण में 11 व 12 जनवरी को सभी राजनीतिक व गैरराजनैतिक संगठन देंगे ज्ञापन

ओबीसी जनगणना हेतु तीसरे चरण में 11 व 12 जनवरी को सभी राजनीतिक व गैरराजनैतिक संगठन देंगे ज्ञापन

ओबीसी महासभा द्वारा नौ चरणों का निर्णायक आंदोलन 21 दिसंबर से चलाया जा रहा है अभियान 


सिवनी। गोंडवाना समय।

सर्वविदित है कि संविधान में सामाजिक तथा शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े हुए समुदायों को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़े वर्गों के रूप में 3 वर्ग बनाये गए हैं। जनगणना में इन तीनों वर्गों की दशाओं के आँकड़े एकत्रित किए जाने चाहिए लेकिन अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग की जनगणना तो होती है किन्तु अन्य पिछड़ा वर्ग की जनगणना नहीं होती है क्योंकि जनगणना फार्मेट में ओबीसी वर्ग का कॉलम ही नहीं होता है। 

किन्तु आँकड़े जारी नहीं किए गए

हालांकि संविधान के अनुच्छेद 340 के परिपालन में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए गठित आयोगों (काका कालेलकर आयोग, मंडल आयोग व मध्य प्रदेश रामजी महाजन आयोग) द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग की जनगणना कराये जाने बावत् अनुशंसाएँ की गई हैं। तदनुसार इस हेतु संसद में बनी सहमति के आधार पर जनगणना 2011 में पृथक से अन्य पिछड़ा वर्ग के आँकड़े एकत्र करने प्रयास किए गए किन्तु आँकड़े जारी नहीं किए गए। 

पूर्व की भांति इस बार भी जनगणना फार्मेट में ओबीसी का कॉलम नहीं 

ज्ञातव्य है कि ओबीसी महासभा द्वारा लंबे समय से प्रतिमाह ज्ञापन देकर जनगणना 2021 के फॉर्मेट में ओबीसी का कालम बनवाने शासन-प्रशासन से निवेदन किया जाता रहा है लेकिन पूर्व की भाँति इस बार भी जनगणना फार्मेट में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का कॉलम नहीं है। फलस्वरूप ओबीसी वर्ग की जनसंख्या तथा उसकी परिस्थितियों का आकलन नहीं हो पायेगा। फलत: ओबीसी वर्ग के विकास करने की संवैधानिक मनसा फिर अपूर्ण रह जायेगी। अत: जनगणना 2021 के फॉर्मेट में कालम 13 में ओबीसी के लिए 3 और अन्य के लिए 4 लिखें का विकल्प बनवाने हेतु प्रस्ताव को पारित करवाकर केन्द्र सरकार को पहुँचाने ओबीसी महासभा द्वारा नौ चरणों का निर्णायक आंदोलन 21 दिसंबर से चलाया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री, राज्यपाल और राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन दिए जायेंगे

जिसके तारतम्य में 21 दिसंबर से 31 दिसंबर तक एक सैकड़ा से अधिक पंचायतों के माध्यम से नागरिकों द्वारा माननीय विधायकों को ज्ञापन प्रेषित कर विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केन्द्र को भेजने का आग्रह किया गया लेकिन विधानसभा का शीतकालीन सत्र ही स्थगित कर दिया गया। तदुपरांत 2 जनवरी से 7 जनवरी के बीच विभिन्न जातियों के संगठनों द्वारा माननीय राज्यपाल महोदय को उक्ताशय के ज्ञापन सफलता पूर्वक प्रेषित किए गए हैं। अब आंदोलन के तीसरे और महत्वपूर्ण चरण में 11 व 12 जनवरी को भाजपा, काँग्रेस सहित अन्य विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक संगठनों द्वारा ओबीसी महासभा की उक्त जायज और बेहद जरुरी माँग के समर्थन में मुख्यमंत्री, राज्यपाल और राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन दिए जायेंगे। इसके बाद 15 व 16 जनवरी को पूरे देश प्रदेश में माननीय विधायक व सांसदों को ओबीसी महासभा द्वारा आगामी जमीनी स्तर के आंदोलन की रूपरेखा पेश की जायेगी। 

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