करनपुर जलाशय बांध बनवाने किसानों ने लखनादौन तहसील प्रांगण में भरी हुंकार
सिंचाई के लिये पानी की कमी होने से सूख जाती है खेतों की फसल
पानी की सुविधा न होने से पलायन को मजबूर है किसान परिवार
लखनादौन। गोंडवाना समय।
जनपद पंचायत लखनादौन के अंतर्गत आने वाली कई ग्राम पंचायतों के किसानों ने लखनादौन तहसील प्रांगण में पहुंचकर करनपुर जलाशय बांध बनवाने अपनी मांग रखकर नारे लगाते हुए महामहिम राज्य्पाल, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नाम अनुविभागीय अधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा।
2008 में हुआ था भूमिपूजन काम आज भी नहीं हुआ प्रारंभ
ज्ञापन सौंपते हुए किसानों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा की विगत कई वर्षों से करणपुर जलाशय बांध की मांग किसानों द्वारा की जा रही है। वहीं वर्ष 2008 में उस समय की वर्तमान विधायिका श्रीमती शशि ठाकुर के द्वारा करनपुर जलाशय बांध का भूमि पूजन किया गया था। भूमि पूजन होने के पश्चात कई बार किसानों ने शासन प्रशासन को आवेदन और निवेदन किया लेकिन अभी तक उस बांध का निर्माण नहीं किया गया। जिस कारण क्षेत्र के सभी किसानों में आक्रोश व्याप्त है।
चुनाव का बहिष्कार, भूख हड़ताल, चक्काजाम करने की दी चेतावनी
वहीं पानी की समस्या को लेकर 18 जनवरी 2021 को लगभग 2 बजे क्षेत्र के समस्त किसान माताओं बहनों के साथ बजरंगबली मंदिर बावली लखनादौन में एकत्रित होकर रैली के रूप में नारे लगाते हुए तहसील प्रांगण लखनादौन पहुंचे और शासन प्रशासन से मांग किया कि करणपुर जलाशय का निर्माण जल्दी किया जाए नहीं तो आने वाले समय में हम समस्त क्षेत्रीय किसान आगामी चुनाव का बहिष्कार करेंगे, जन आंदोलन करते हुए भूख हड़ताल में बैठेंगे और चक्का जाम करेंगे जिसकी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
महिलायें रात-रात भर जागकर करती है पीने के पानी की व्यवस्था
महिलाओं ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि हमारे क्षेत्र में पानी की बहुत ही विकराल समस्या है, हम लोग रात रात भर जागकर पीने के लिए पानी भरते हैं, फिर भी नलों से पानी नहीं निकलता रुक-रुक कर नलों में पानी आता है। वहीं खेतों में सिंचाई के लिये पानी की कमी होने के कारण फसल सूख रही है। गर्मी के समय में पालतू पशुओं को पानी मिलना मुश्किल हो जाता है यदि करनपुर जलाशय बांध का निर्माण हो जाएगा तो जल स्तर बढ़ जाएगा और उस बांध से क्षेत्र के किसानों सिंचाई का पानी से मिलने आर्थिक मजबूती भी आयेगी जिससे किसान की आय में वृद्धि हो जाएगी। वहीं पानी ना होने के कारण जो किसान किसानी छोड़कर पलायन करने को मजबूर हैं वह पलायन भी रुक जाएगा क्षेत्र के समस्त किसानों ने ज्ञापन के माध्यम से शासन प्रशासन से गुहार लगाई है कि हमारी मांगे जल्द से जल्द पूरी की जाये।