Wednesday, March 17, 2021

सरकारी, गैर सरकारी योजना के लाभ, स्वरोजगार के साथ शिक्षा के महत्व की दी गई समझाईस

सरकारी, गैर सरकारी योजना के लाभ, स्वरोजगार के साथ शिक्षा के महत्व की दी गई समझाईस

पीला गमछा एवं स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मानित

आईपीएफ महिला मंडल बालाघाट ने मनाया अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस




बालाघाट। गोंडवाना समय।

वीरांगना महारानी दुर्गावती मड़ावी आदिवासी सामुदायिक भवन बालाघाट में 14 मार्च 2021 दिन रविवार को आईपीएफ महिला मंडल बालाघाट द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। रमा तेकाम की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि के रूप में हीरासन उइके, अरूणा तिरपुड़े एवं सरस्वती पंचेश्वर एवं विशेष अतिथि में शशिप्रभा धुर्वे, मीना कोकोटे, इंदू डाबर, लक्ष्मी भलावी, कचरा बाई वल्के, सरिता उके, विजयलक्ष्मी वाडिया,  एवं निर्मला ठाकुर रहीं।

आज के अनुसार रहने, सोचने, समझने के दायरे को बढ़ाने रखे विचार



कार्यक्रम की शुरूआत बेटी लारा के नृत्य से की गई थी बेटी लारा ने मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति देकर सभी का दिल जीत लिया। वहीं मंचासीन मुख्य अतिथियों द्वारा खूबसूरत नृत्य की प्रशंसा की गई साथ ही सभी अतिथियों ने महिलाओं को आज के अनुसार रहने, सोचने, समझने के दायरे को बढ़ाने हेतु विचार रखे। महिलाओं को सरकारी, गैर सरकारी योजना के लाभ के साथ स्वरोजगार पर विशेष जोर देते हुए शिक्षा के महत्व को समझाया। इसके  साथ ही कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाली एंव कोरोना काल में गरीबों को सहायता प्रदान करने वाली जिले भर की 24 महिलाओं को पीला गमछा एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

पेयजल की सुविधा के लिए महिलाओं ने तत्काल एकत्र किए 29001 रूपए


वीरांगना महारानी दुर्गावती आदिवासी सामुदायिक भवन बालाघाट में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम में पानी हेतु सरकारी नल व्यवस्था है किन्तु बोर सुविधा नहीं होने के कारण वहाँ पानी संबंधी बहुत सी असुविधा को देखते हुए कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं की एक पहल पर 29001 ( उन्नतीस हजार एक रुपए ) रूपए तत्काल में जमा हो गए, जिसने कार्यक्रम को सार्थक बनाया। कार्यक्रम के अंत में महिला मंडल द्वारा 12 उपस्थित अतिथियों को भी बहुमूल्य समय देने के लिए आभार स्वरूप स्मृति चिन्ह भेट किया गया।

कार्यक्रम में मुख्यरूप से ये रहे मौजूद


मंच संचालन नीलू मसराम एवं सरिता मरावी द्वारा किया गया उन्होंने शानदार ढंग से मंच संचालन करते हुए अंत तक उपस्थित महिलाओं को कार्यक्रम से जोड़ा रखा। मुख्य उपस्थिति शांति तेकाम, नेमवती मसराम, पुष्पा डाण्डेकर, रीना गनवीर, रेखा इड़पाचे, संध्या धुर्वे, ज्योति मरकाम, देवेश्वरी मरावी, वंदना तेकाम, रीना धुर्वे, कल्पना डोंगरे, जया मरावी, उर्मिला ककोड़िया, भूमिका धुर्वे, कादम्बिनी मरकाम, कविता उइके, दुर्गा कोर्राम, रमशिला मरकाम, ममता मरावी, अनीता धुर्वे, राखी उइके, कल्पना वासनिक, निकिता बोरकर, छाया धुर्वे, तारा कुमरे, वंदना मेश्राम, ललिता रामटेके, महिन्द्रा शेन्डे, पुष्पा धुर्वे, रेखा सैय्याम, रैवन्ती उइके, साधना धुर्वे, अनुप्रिया मरावी, पुष्पाजंली मरकाम, सरस्वती उइके, सम्मो मरकाम, मेहतरिन बाई तेकाम, रानी उइके सहित अन्य महिलाओं ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।

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