जंगल कुदरत द्वारा दिए गए वे उपहार हैं, जो हमें जीवन के लिए देते है जरूरी आॅक्सीजन
वनो को बचाने एवं ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने की आवश्यकता है
आने वाले कुछ वर्षों में वन, संग्रहालय की वस्तु बनकर रह जाएंगे
विश्व वानिकी दिवस पर वन विभाग ने किया आयोजन
सिवनी। गोंडवाना समय।
वन विभाग के द्वारा विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर जो कि प्रतिवर्ष 21 मार्च को मनाया जाता है। जंगलो पर आश्रित जीवन यापन एवं पेड़ पौधों के प्रति अज्ञानता या अनभिज्ञ जन समुदाय को वनो के प्रति जन जागरूकता फैलाने हेतु वन विभाग के द्वारा अनेको अथक प्रयास किये जा रहे है। इसी तारतम्य में 21 मार्च 2021 को वन वृत्त सिवनी के अंतर्गत उत्तर एवं दक्षिण सिवनी वनमण्डल के द्वारा सामूहिक रूप से विश्व वानिकी दिवस मनाया गया।
मुख्यमंत्री के वाचन उपरांत किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ
इस कार्यक्रम में सिवनी वृत्त सिवनी के मुख्य वन संरक्षक श्री आर.एस.कोरी, पेंच राष्ट्रीय उद्यान के फील्ड डायरेक्टर श्री वी.एस. परिहार, डिप्टी डायरेक्टर श्री सिरसैय्या, वनमंडल अधिकारी दक्षिण सिवनी श्री एस.के.एस. तिवारी, वनमंडल अधिकारी उत्तर सिवनी श्री प्रदीप मिश्रा, उपवनमण्डल अधिकारी छपारा श्री गोपाल सिंह, उपवनमण्डल अधिकारी लखनादौन श्री गौरव कुमार मिश्र, समस्त परिक्षेत्र अधिकारी उत्तर एवं दक्षिण सिवनी एवं गणमान्य नागरिक और वन प्रेमियों के समक्ष मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के वाचन उपरांत कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
हमने अपने लाभ के लिए पेड़ काट दिए
इस कार्यक्रम में प्रथम उद्बोधन में फील्ड डायरेक्टर श्री वी.एस. परिहार द्वारा कहा गया कि पृथ्वी को इस घोर संकट से बचाने के लिए विश्व की जनसंख्या अगर 1-1 पेड़ लगाए तो पृथ्वी को फिर से हरा-भरा बनाया जा सकता है। हमने अपने लाभ के लिए पेड़ काट दिए, लेकिन जंगल कुदरत द्वारा दिए गए वे उपहार हैं, जो हमें जीवन के लिए जरूरी आॅक्सीजन देते हैं। जलवायु परिवर्तन जैसी तमाम समस्याओं से बचने के लिए हमें पेड़ लगाने चाहिए।
तेजी से काटे जा रहे पेड़ों के कारण सभी का जीवन खतरे में पड़ रहा
इसके उपरांत सिवनी वृत्त सिवनी के मुख्य वन संरक्षक श्री आर.एस.कोरी ने मार्मिक हदृय से कहा कि दुनिया की आधे से ज्यादा वनस्पति, जंतु तथा कीट प्रजातियां इन्हीं ऊष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में पाई जाती हैं। लेकिन बड़ी तेजी से काटे जा रहे पेड़ों के कारण सभी का जीवन खतरे में पड़ रहा है। मानव जिस निर्ममता से पृथ्वी को वन विहीन कर रहा है, उसे देखकर लगता है कि आने वाले कुछ वर्षों में वन, संग्रहालय की वस्तु बनकर रह जाएंगे। अत: हमें हर हाल में वनो को बचाने एवं ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने की आवश्यकता है।
तीज त्यौहारो में एक-एक पौधा अवश्य लगाये तो पृथ्वी को पुन: किया जा सकता है हरा भरा
डिप्टी डायरेक्टर श्री सिरसैय्या ने कहा कि वानिकी के महत्वपूर्ण तत्व सुरक्षा उत्पादन और वनो के संबंध में जंतु, पेड़-पौधे, कीट, पतंगे एक दूसरे पर निर्भर होकर जीवन बिताते है। पिछले कुछ दशको में जिस तरह से मनुष्य ने अपने लालच की पूर्ति के लिए जंगलो का वध करना शुरू किया है वह घातक है। आम जनो को वनो के प्रति जागरूक करना एवं वनो पर आश्रित जीवन जीने वाले मनुष्यो को वनो के प्रति उदार होना चाहिए क्यों कि मनुष्य जिस डाल पर बैठा है उसी को काट रहा है। मैं आसान शब्दो में यह समझाने की कोशिश करते कि मनुष्य औषधि, लघु वनोपज जैसे तेन्दूपत्ता, अचार भिलमा, आंवला के अलावा जलाऊ लकड़ी को वनो से ही तो प्राप्त करता है। उन्होेंने अनुरोध करते हुये कहा कि वनो के प्रति अधिक से अधिक लगाव रखें, हो सके तो अपने जीवन के विभिन्न तीज त्यौहारो में एक-एक पौधा अवश्य लगाये तो पृथ्वी को पुन: हरा भरा किया जा सकता है।