खैरापलारी सरपंच व सहायक सचिव प्रताड़ित कर पी एम आवास की प्रथम किस्त मांग रहे वापस तो पीड़ित परिवार पहुंचा कलेक्टर व अजाक थाना
अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्ति का मकान मंदिर के पीछे से हटवाकर दिया था अन्य स्थान पर जमीन, वहीं बना रहे है मकान
सिवनी। गोंडवाना समय।
बुद्धन चौधरी पिता शिवदास चौधरी निवासी खैरापलारी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान स्वीकृत होने के बाद पंचायत के द्वारा नहीं बनाये जाने देने एवं राशि वापस मांगने के साथ जातिगत रूप से लाभ से वंचित करने के मामले में कलेक्टर सहित अनुसूचित जाति जनजाति थाना में शिकायत दर्ज कराया है।
मंदिर के पीछे था मकान पंचायत व गांव के लोगों के कारण छोड़ दिया
बुद्धन चौधरी ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि वह गरीब मजदूर व्यक्ति है तथा चमार समाज अनुसूचित जाति का व्यक्ति है जो कि मजदूरी पर अपना व अपने परिवार का पालन पोषण बमुश्किल करता है। ग्राम पंचायत पलारी में माता दिवाला मंदिर के पीछे मकान में लगभग 20 वर्षो से निवास कर रहा था।
यहां पर उक्त मकान मे बिजली, पानी, शौचालय की व्यवस्था थी परन्तु मकान मंदिर के पीछे था वहां के लोगों व सरपंच-सचिव ने आवेदक को समझाया कि उक्त मकान मंदिर को दे दो तो आवेदक ने मकान को छोड़ दिया तथा ग्राम के सरपंच, पटवारी द्वारा गांव के लोगों की सहमति से आवेदक आयुवेदिक हास्िपटल के बाजू में रहने के लिये जगह दे दी गई और आवेदक को शासन की योजना के अनुसार भूमि हीन होने के कारण आवेदक को रहने के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरपंच सचिव के द्वारा 25 हजार रूपये स्वीकृत भी करवा दिया गया आवेदक ने उक्त जगह पर कालम गड्डे खोदकर बीम कालम खड़ा कर लिया है।
पैसे की मांग करने पर नहीं दिया तो पुलिस दिलवाया धमकी
वहीं बुद्धन चौधरी ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि जून 2020 में आवेदक का मकान का काम चल रहा था तो उससे पंचायत के सरपंच व सहायक सचिव पैसे की मांग करने लगे तो उन्होंने पैसा देने से मना किया तो पुलिस अधिकारियों से सांठ-गांठ कर आवेदक को मकान बनाने से मना करने लगे तथा उनकी पत्नि जो कि गर्भवती महिला थी उसे उठा कर पंचायत ले गये और सरपंच-सचिव द्वारा अपशब्दों का प्रयोग जातिगत आधार परअपमानित किया जाकर पुलिस द्वारा धमकी भी दिलवाई गई। जिसके कारण आज भी उनका मकान अधूरा पड़ा हुआ है।
लेकिन सरपंच व सहायक सचिव नहीं मान रहे है
बुद्धन चौधरी ने जब इस संबंध में पटवारी से सम्पकर् किया तो पटवारी साहब से कहा कि आपने मुझे मकान बनाने के लिये जगह दिया था परन्तु पंचायत के सरपंच, सहायक सचिव मकान बनाने से मना कर रहे है। इस पर पटवारी ने कहा हमें कोई आपत्ति नही है आप मकान बनाओं, वहीं तहसीलदार ने भी कहा कि मकान बनाओं लेकिन सरपंच व सहायक सचिव नहीं मान रहे है।
50 हजार रूपये खर्च कर चुके है बुद्ध चौधरी
पीड़ित शिकायतकर्ता बुद्धन चौधरी का कहना है कि पंचायत में अन्य लोगों को जो कि बडेÞ-बडेÞ पटेल है उन लोगों को मकान बनाकर दिया जा रहा है परन्तु मुझ गरीब मजदूर को मकान बनाने से मना कर रहे है। वहीं सरपंच व सहायक सचिव झूठे केस में फंसाने की धमकी भी देते है और बहुत प्रताड़ित परेशान कर रहे है। जबकि बुद्धन चौधरी के परिवारजनों के द्वारा मकान में लगभग 50 हजार रूपये लगा चुके है। इसके बाद भी सरपंच व सहायक सचिव शेष किस्त जमा भी नहीं कर रहे है।
सरपंच व सहायक सचिव ने प्रथम किस्त वापसी के लिये जारी किया नोटिस
बुद्वन चोधरी को ग्राम पंचायत खैरा पलारी के सरपंच व सहायक सचिव के द्वारा नोटिस दिया गया है जिससे बुद्धन चौधरी अत्याधिक परेशान व प्रताड़ित है। इसी प्रताड़ना से तंग आकर उन्होंने कलेक्टर व अजाक थाना में सरपंच व सहायक सचिव की शिकायत किया है। सरपंच व सहायक सचिव द्वारा जारी किये नोटिस में यह उल्लेख किया गया है कि ग्राम पंचायत खैरा पलारी द्वारा 29/09/2020 को शासन से एससी कोटा से प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य प्राप्त हुआ।
जिसकी नियमानुसार ग्राम पंचायत के द्वारा चयनित शासकीय भूमि का जीयोटेग के बाद प्रथम किस्त 25 हजार रूपये संबंधित हितग्राही के बैंक खाता में शासन से प्रदान किये गये उक्त राशि से आपके द्वारा अपनी मनमर्जी करते हुये ग्राम पचायत के मना करने पनर भी सागर नदी के किनारे दूब क्षेत्र में मकान के निर्माण के लिये नींव खुदाई करके कालम आदि का काम कराकर मकान का निर्माण कराया जा रहा है नियम विरूद्ध है ग्राम पचायत के पदाधिकारियों के द्वारा अनेकों बार मौखिक समझाईसे दी गई कि आप यहां पर ग्राम पंचायत ने मकान निर्माण के लिये स्थल का चयन किया गया है वहां पर ही मकान बनवाया जावे किन्तु आप अपनी हठधर्मिता पर उतारू है किसी का कहना नहीं मान रहे है। शासन के द्वारा प्रथत किस्त के रूप में प्रदान राशि 25 हजार शासन को शीघ्राति शीघ्र राशि वापस करें अन्यथा आपकी जोखिम पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र लिखा जावेगा।