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जिले के कलाकार पंकज सोनी का रंगमंच से पर्दे तक का सफर

जिले के कलाकार पंकज सोनी का रंगमंच से पर्दे तक का सफर


सिवनी। गोंडवाना समय।

जिले के रंगकर्मी पंकज सोनी ने यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा व्यक्ति की उम्र, स्थान और हैसियत की मोहताज नहीं होती है। सिवनी जिले की सुप्रसिद्ध नाट्य संस्था प्रत्यंचा के आधार स्तंभ वरिष्ठ रंगकर्मी पंकज सोनी अब & टी व्ही में आ रहे नए कॉमेडी धारावाहिक 'और भई क्या चल रहा है। ' से अपने अभिनय की नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। यह 30 मार्च से रोज रात 9:30 बजे शुरू होने वाले इस धारावाहिक की शूटिंग लखनऊ में चल रही है। धारावाहिक की पृष्ठभूमि में लखनऊ की गंगा जमुनी तहजीब है। 

जिनके पास काबिलियत होती है। कामयाबी उसके पीछे दौड़ी चली आती है


कहानी नवाबी दौर की एक पुश्तैनी हवेली में रहने वाले' मिश्रा और मिर्जा 'दो परिवारों की है। जिनके बीच बड़ी मजेदार चुहलबाजी चलती रहती है। पंकज सोनी ने इसमें मिश्रा परिवार के मुखिया ब्रिज बिहारी मिश्रा का अभिनय किया है। मात्र 45 वर्ष की उम्र में उम्रदराज व्यक्ति की भूमिका निभाने के लिए उनका पच्चीस साल का रंगमंचीय अनुभव बहुत काम आया है। किसी ने सच ही कहा है, जिनके पास काबिलियत होती है। कामयाबी उसके पीछे दौड़ी चली आती है। प्रसिद्धि के पहले सिद्धि हासिल करना बेहद जरूरी है।

नाटककार के रूप में देश भर में बेहद चर्चित हैं 


ज्ञात हो कि सिवनी की निवासी पंकज सोनी जिले के सुप्रसिद्ध गायक कलाकार नरेंद्र कौशल जी एवं शिक्षिका श्रीमति रजनी कौशल के दामाद हैं। पंकज सोनी का लालन पालन छिंदवाड़ा में ही हुआ है। स्कूल के दिनों से ही आपकी अभिनय और साहित्य में रुचि थी। उनके सीखने की लगन ही थी कि उन्हें योग्य गुरु मिलते चले गए। उन्होंने अपने अभिनय की शुरूआत  प्रख्यात रंगकर्मी श्री विजय आनंद दुबे के सानिंध्य में किया। जिन्हें वे अपना प्रथम गुरु मानते हैं। बाद में देश के सुप्रसिद्ध रंगगुरु श्री अलखनंदन जी, डॉ कुंजबिहारी शर्मा और श्री विनोद विश्वकर्मा जी से अभिनय की बारीकियाँ सीखीं। पंकज सोनी एक अच्छे अभिनेता तो हैं ही पर एक नाटककार के रूप में देश भर में बेहद चर्चित हैं।

उनका देश भर में करीब 55 सफल मंचन हो चुका है 

अब तक करीब 12 नाटक लिख चुके हैं। इनके लिखे दो नाटक तितली और जहर को एम ए हिंदी साहित्य के पाठ्यक्रम में शामिल होने का गौरव भी हासिल है। जहाँ उनके लिखे नाटक जहर पर फीचर फिल्म बनने जा रही है। वहीं तितली का पंजाबी, मराठी, बंगाली और कोंकणी भाषा में अनुवाद भी हो चुका है। इसके साथ ही उनका देश भर में करीब 55 सफल मंचन हो चुका है। आपने सिवनी जिले में युवाओं को अभिनय के क्षेत्र आने के लिए सदैव प्रोत्साहन दिया है। उसी तारतम्य में वे जिले में दो साल ग्रीष्म कालीन एक्टिंग वर्कशॉप आयोजित कर चुके हैं। रंगमंच में सतत 25 साल के शानदार सफर के बाद आज वे राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल की ओर कदम रख चुके हैं। उनकी इस उपलब्धि से न केवल परिवार, मित्रों और प्रेमी साथियों को गर्व की अनुभूति हुई है। वहीं उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर जिले का मान बढ़ाया है।

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