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गीता परतेती ने कानून में पीएचडी की उपाधि हासिल कर जनजाति समाज का नाम किया रोशन

गीता परतेती ने कानून में पीएचडी की उपाधि हासिल कर जनजाति समाज का नाम किया रोशन 

आदिवासी बेटियों के लिये कानून की पढ़ाई कर कैरियर बनाने प्रेरणा बनी डॉ गीता परतेती  


अनिल उईके जिला संवाददाता
छिंदवाड़ा । गोंडवाना समय।

जनजाति बाहुल्य मध्य प्रदेश के जनजाति बाहुल्य जिला छिंदवाड़ा जनजाति बाहुल्य बिछुआ ब्लॉक के ग्राम खमारपानी निवासी पिता तिरु. मंशाराम परतेती स्वास्थ्य विभाग खमारपानी  एवं मां पेनवासी तिरु. लीमा परतेती की सुपुत्री गीता परतेती को काननू विषय में पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई है।

कानून विषय में पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वाली छिंदवाड़ा जिले की पहली आदिवासी महिला शोधार्थी बनी  


उन्होंने अपनी पीएचडी बाल अपराधों के संबंध में पूर्ण की, डॉ. गीता परतेती छिंदवाड़ा जिले की पहली आदिवासी महिला शोधार्थी है, जिन्होंने कानून विषय में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। गौरतलब है कि इन्होंने अपनी प्रारंभिक विधिक शिक्षा शासकीय स्वशासी स्नाकोततर महाविद्यालय छिंदवाड़ा के विधि विभाग से 2010 में प्राप्त की वर्तमान में वे आदिवासी ड्रीम-टीÑम संगठन की सदस्य भी है। इसके साथ ही समाजिक सरोकार में वे हमेशा सक्रिय रहते हुये सामाजिक कार्यों और गतिविधियों में अहम योगदान देती है।

''मध्यप्रदेश में बाल अपराधों का विश्लेषणात्मक अध्ययन'' पर किया शोध कार्य 


डॉ. गीता परतेती ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल से ''मध्यप्रदेश में बाल अपराधों का विश्लेषणात्मक अध्ययन'' विषय पर अपना शोध कार्य शोध निर्देशक डॉ. विश्वास चौहान ( सहायक प्राध्यापक एवं सदस्य मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग भोपाल) के कुशल निर्देशन में शोध केंद्र शासकीय राज्य स्तरीय विधि महाविद्यालय भोपाल से वर्ष 2021 अगस्त में पूर्ण किया। डॉ. गीता परतेती तिरु. फागलाल परतेती एवं भजनलाल परतेती की छोटी बहन है

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके को मानती है आदर्श 


डॉ गीता परतेती महामहिम राज्यपाल छत्तीसगढ़ तिरु अनुसुइया उइके जी को अपना आदर्श मानती है, जिनकी प्रेरणा से ओर अपनी कड़ी मेहनत के फलस्वरूप ही इन्होंने इस क्षेत्र में पीएचडी कार्य पूर्ण किया है। डॉ. गीता परतेती ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय ईश्वर की असीम कृपा दृष्टि के साथ  निदेशक डॉ विश्वास चौहान, प्रोफेसर राकेश चौरासे (शासकीय विधि महाविद्यालय , सिवनी), परिवार के असीम सहयोग के लिए अपनी पेनवासी माता लीमा परतेती, अनिल सल्लामे, गेंदलाल नोरे, नेहरू नोरे साथ ही मित्रगण सहयोगी एवं विशेष सहयोगियों को दिया है।

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