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आॅल इंडिया गोंडी कस्टमरी लॉ समाज के लिये है मील का पत्थर

आॅल इंडिया गोंडी कस्टमरी लॉ समाज के लिये है मील का पत्थर

न्यायालयीन मुकदमों में गोंड और उनकी 47 शाखाओं को न्याय दिलाने में फायदेमंद साबित होगी


संकलनकर्ता-लेखक
विशेष संपादकीय 
विवेक डेहरिया 
संपादक,
दैनिक गोंडवाना समय

आॅल इंडिया गोंडी कस्टमरी लॉ  यह किताब आॅल इंडिया गोंडी रिलीजस पार्लमेंट द्वारा संशोधित कर 30 साल के अथक प्रयास के बाद बनाई गई है। भारत के लगभग 1000 से भी ज्यादा गोंड गणों के समाज सुधारक, राजा, जमींदार, शिक्षक, विद्वान, डॉक्टर, लेखक और अन्य लोगों के मार्गदर्शन और सहयोग द्वारा इस का निर्माण किया गया है।
        गोंड समाज और उनकी 47 शाखाओं के सामाजिक कानून आजतक  केवल मुंह जबानी थे जिन्हें न्यायालय नहीं मानता था परंतु गोंड राजा डॉ. बिरशाहा आत्रामजी चांदागढ़ (चंद्रपुर, महाराष्ट्र) द्वारा यह वंश परंपरागत चली आ रही सामाजिक रीति-रिवाजों  और परंपरागत कानून को लिखित रूप देकर किताब में शामिल करने का संपूर्ण भारत में यह पहला अवसर है।

गोंड समाज को अपना सामाजिक कानून प्रदान किया गया


इस किताब का पहला संस्करण वर्ष 2013 में निकला था, उसके बाद वर्ष 2021 में द्वितीय संस्करण प्रकाशित किया गया है। यह अनावरण तेलंगाना के केसलापुर नागोबा जत्रा में आदिलाबाद के कलेक्टर श्रीमती एस. पटनायक, विधायक सक्कु आत्राम, श्री. भावेश मिश्रा (आय.ए.एस अधिकारी), श्री. विष्णू वारियर (सुपरिटेंडेंट पुलिस)  इनके व्दारा किया गया।
            इस अवसर पर गोंड समाज के हजारों लोग एवं विभिन्न पदाधिकारी उपस्थिति थे। यह किताब न्यायालयीन मुकदमों में गोंड और उनकी 47 शाखाओं को न्याय दिलाने में फायदेमंद साबित होगी। क्योंकि हिंदू लॉ,  मुस्लिम लॉ  और क्रिश्चियन लॉ है परतु आज तक गोंड और उनकी 47 शाखाओं के सामाजिक कानून केवल मुंह जबानी या मुखोद्गत थे।
            जिसे न्यायालय नहीं मानता था परंतु चांदागढ (चंद्रपुर, महाराष्ट्र) के गोंड राजा डॉ. बिरशाह आत्राम जी द्वारा यह परंपरागत गोंड समाज के कानूनों को लिखकर किताब के रूप में प्रकाशित कर गोंड समाज को अपना सामाजिक कानून प्रदान किया गया। गोंडी समाज कानून के निमार्ता के रूप में इस अवसर पर समाज ने उनका सम्मान किया।

कानून कि किताब के निर्माण में लगभग 30 साल लगे 


इस कानून कि किताब के निर्माण में लगभग 30 साल लगे और अनेकों  सामाजिक सभाएं लेनी पड़ी और संपूर्ण भारत के अलग-अलग प्रदेशों में घूम कर और उनकी विभिन्नता को समझ कर और उनकी विभिन्नता को ध्यान में रखकर एक किताब में सब को शामिल करना यह बहुत ही मुश्किल और तकलीफ देय  कार्य रहा। यह किताब आॅल इंडिया गोंडी रिलीजियस पार्लियामेंट व्दारा प्रमाणित कर भारत सरकार से इस किताब को कॉपीराइट भी कराया गया है।

सभी बातों को समावेश एक किताब के रूप में किया गया 

इस आॅल इंडिया गोंडी कस्टमरी लॉ किताब में परंपरा, रीति-रिवाज, विवाह, मृत्यु, जन्म, विधवाओं के अधिकार, संपत्ति अधिकार, बच्चों के अधिकार, सामाजिक नियम, सामाजिक दायित्व, सामाजिक बंधन और समाज का विकास आदि सभी बातों को समावेश एक किताब के रूप में किया गया है।

जिसे समाज ने मान्यता देकर स्वीकृत किया है

आॅल इंडिया गोंडी कस्टमर लॉ इस किताब को भारत भर के गोंडी रिलीजियस पार्लमेंट के मेंबरों ने मान्यता प्रदान की है। यह समुचे भारत के गोंड और उनकी 47 उपशाखाओं के लिए पहली ऐसी किताब है जिसे समाज ने मान्यता देकर स्वीकृत किया है। आज तक समाज द्वारा किसी भी किताब को मान्यता प्राप्त होने का यह भारत में पहला अवसर है।

जल्द ही हिंदी और अनेक भाषाओं में प्रकाशित की जा रही है

फिलहाल सभी भारत के विद्वानों को पढ़ने के लिए यह किताब अंग्रेजी में उपलब्ध है जल्द ही हिंदी और अनेक भाषाओं में प्रकाशित की जा रही है। जिससे सभी लोगों को न्यायालयीन मुकदमों में इसका फायदा होगा। यह आॅल इंडिया गोंडी कस्टमरी लॉ  भारत में गोंड समाज के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

गोंड समाज में 3 पीएचडी करने वाले वह इतिहास में पहले व्यक्ति है

लेखक का परिचय गोंड राजा डॉ बिरशाहा कृष्णा शाह आत्राम चांदा गढ़ के गोंड राजा है। जिनका का जन्म राज परिवार मे हुआ और संपूर्ण शिक्षा अंग्रेजी भाषा में हुई है। संपूर्ण शिक्षा ग्रहण करने के बाद राजा साहब वर्ष 1985 से नौकरी करने के बजाए समाज सेवा करने समाज के दलित, आदिवासी लोगों को मार्गदर्शन सेवा, अन्याय, अत्याचार दूर करने के काम में लगे रहे। निरंतर समाज के लिए ही संपूर्ण कार्य कर रहे हैं।
        आने वाले नई पीढ़ी को उनसे बहुत प्रेरणा मिल रही है और अनेक नये युवक, युवतियां आगे बढ़कर समाज सेवा में भाग ले रहे हैं।उनकी ही अच्छी सोच और मेहनत का नतीजा है कि आज  गोंड समाज संघर्ष कर आगे बढ़ रहा है और संघर्ष की प्रेरणा उन्हें राजा साहब के कार्य से मिल रही है राजा साहब गोंड समाज में पीएचडी प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति है।
        इनके पहले किसी भी गोंड समाज के व्यक्ति को पीएचडी प्राप्त नहीं थी। इसलिए पीएचडी प्राप्त व्यक्ति कह कर समाज उनका सम्मान करता है। उन्होंने इतिहास में पीएचडी प्राप्त की, अंग्रेजी विषय में पीएचडी प्राप्त की और ईश्वर विद्न्यान इस विषय में भी पीएचडी प्राप्ति की इस तरह गोंड समाज में 3 पीएचडी करने वाले वह इतिहास में पहले व्यक्ति है।

सम्मान प्राप्त करने के साथ अनेकों पुस्तकों को किया लेखन 

राजा साहब को भारत सरकार और विदेशी सरकारों द्वारा अनेक सरकारी गैर सरकारी अवार्ड पुरस्कार प्राप्त है। अनेक पुरस्कारों में से जो महत्वपूर्ण पुरस्कारों की जानकारी निम्नलिखित दी जा रही है। जिमसें दलित मित्र नई दिल्ली (भारत सरकार)- 1988, डॉक्टर अंबेडकर फैलोशिप (भारत सरकार) 1989, गोंडवाना फैलोशिप 1997, स्विट्जरलैंड अवार्ड विदेशी- 1999, आदिवासी सेवक पुरस्कार (महाराष्ट्र शासन ) 2004, इंटरनेशनल ह्यूमन राइट अवार्ड- 2009, ट्राइबल जस्टिस अवार्ड (नई दिल्ली ) 2010 सहित इस तरह के अनेक पुरस्कार एवं सम्मान समाज द्वारा और सरकारों द्वारा राजा साहब के किए गए हैं।
            इतना ही नहीं गोंड राजा बिरशाहा कृष्णशाहा आत्रामजी चांदा गढ़ द्वारा अनेक पुस्तकों को लिखा गया है। जिसके द्वारा समाज का इतिहास, संस्कृति और परंपराओं के बारे मे समाज को ही नहीं अपितु अन्य समाज के लोगो को गोंड समाज के बारे में जानने में और समझने में बहुत लाभ प्राप्त हुआ। 

गोंडवाना नवयुग हिंदी मासिक पत्रिका का कर रहे प्रकाशन   

गोंड राजा बिरशाहा कृष्णशाहा आत्रामजी द्वारा वर्ष 2018 से गोंड समाज को भी जागरूक करने के लिए और समाज की समस्याओं को दुनिया के सामने रखने के लिए गोंडवाना नवयुग मासिक पत्रिका शुरू की गई। यह पत्रिका संपूर्ण भारत में गोंड समाज के साथ अन्य समाज के लोगों तक पहुंच चुकी है। संपूर्ण भारत भर में  लगभग 4000 के ऊपर गोंडवाना नवयुग हिंदी मासिक पत्रिका के सभासद मेंबर हैं और लगभग 4 साल से यहां पत्रिका जनता के सहयोग से चलाई जा रही है। भारत सरकार द्वारा गोंडवाना नवयुग हिंदी मासिक पत्रिका मान्यता प्राप्त  तथा पेपर और पत्रिका रजिस्ट्रेशन कार्यालय द्वारा रजिस्टर सर्टिफिकेट प्राप्त यह एकमात्र पत्रिका गोंड समाज में है। 

गोंडवाना रत्न दादा सिंह मरकाम जी द्वारा की गई थी प्रशंसा


इसके साथ ही राजा साहब द्वारा गरीब परिवार की लड़कियों की शादी, मुफ्त में कराई जाती है। महिला बचत गट, गोंडी धर्म भाषा शिक्षा केंद्र चलाए जाते हैं। इसके साथ में हॉस्पिटल, स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र राजा साहब द्वारा चलाएं जा रहे है। इनके इन्ही समाज उपयोगी कार्यों को देखकर समाज इनको गोंड जनता का राजा कह कर सम्मान देता है।
        वर्ष 2013 में महाराष्ट्र के अहेरी शहर में गोंडी कस्टमरी लॉ के सम्मेलन में गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम जी द्वारा गोंड राजा डॉक्टर बिरशाह कृष्णा शाह आत्रामजी का सत्कार किया गया और उन्होंने किताब आॅल इंडिया गोंडी कस्टमरी लॉ की भरपूर प्रशंसा की थी। 
        दादा हीरा सिंह मरकाम जी द्वारा यह कहां गया था कि आॅल इंडिया गोंडी कस्टमर लॉ किताब भारत भर में समाज के लिए दीपस्तंभ साबित होगी। आज से पहले यह कार्य किसी के द्वारा किया गया नहीं था जो कार्य डॉक्टर बिरशहा कृष्णशाह आत्रामजी राजा साहब चांदा गढ़ द्वारा किया गया है।
             दादा हीरा सिंह मरकाम जी द्वारा यह प्रशंसा मतलब संपूर्ण गोंड समाज और गोंडवाना द्वारा इस किताब को पुरस्कृत किए जैसा ही था और समाज द्वारा इस किताब मान्यता दी गई है। दादा हीरा सिंह मरकाम जी द्वारा इस भव्य सम्मेलन में इस आपको जनता के सामने रखा गया और दादा हीरा सिंह द्वारा समाज को किताब समर्पित की गई थी। 

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