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शिवराज सरकार में जान जोखिम में डालकर सहजपुरी स्कूल के जर्जर भवन में पढ़ रहे नौनीहाल

शिवराज सरकार में जान जोखिम में डालकर सहजपुरी स्कूल के जर्जर भवन में पढ़ रहे नौनीहाल 

शासन की नाकामी का जीता जागता उदाहरण है सहजपुरी स्कूल भवन 


मण्डला। गोंडवाना समय।

आओ स्कूल चले हम, शैक्षणिक अभियानों में विकास की गाथा गाते हुये स्लोगन आपको दीवारों, होर्डिंग्स में आसानी से दिखाई दे सकते है। जनजाति बाहुल्य जिला मण्डला नारायणगंज ब्लॉक से 50 कि. मी दूर ग्राम सहजपुरी प्राथमिक शाला स्कूल भवन की दीवार टूट कर गिर गई है। 

स्कूल के शिक्षक ने दी थी दो साल से पहले जानकारी 


शिक्षा विभाग को इस संबंध में ग्राम वासियों और जयस ब्लॉक अध्यक्ष झाम सिंह टेकाम द्वारा द्वारा पूर्व में ही लिखित शिकायत किया गया था। इसके बाद भी विभाग के द्वारा अनदेखी किया जा रहा है। यही अनदेखी स्कूल के बच्चों के लिये भविष्य में बड़ी दुघर्टना का कारण बन सकती है। जानकरी के अनुसार वर्ष 2019 में ज्ञापन शिक्षा विभाग में देने के वाबजूद अनदेखी की गई और सहजपुरी स्कूल के भवन में दरार पड़ गयी है। वहीं स्कूल के शिक्षक श्री किसन लाल वरकड़े ने बताया कि स्कूल भवन के जर्जर भवन होने की जानकारी दो साल पहले ही संबंधित विभाग में दिया गया था और ‌वर्तमान में दीवार टूटने की जानकारी शिक्षा विभाग को मेरे द्वारा दिया गया है। वहीं इस संबंध में जयस ब्लॉक अध्यक्ष झाम सिंह तेकाम ने उक्त समस्या पर संज्ञान लेकर पुन: ज्ञापन दिया है जिन्हें नया भवन का निर्माण कार्य कराये जाने का आश्वासन दिया गया है। 

बच्चों व शिक्षकों के लिये खतरनाक है स्कूल भवन 


शासन भले ही विद्यालय के सौंदर्यीकरण व शिक्षा के क्षेत्र में विकास के दावे करें लेकिन ग्राम पंचायत पिंड्रईमाल के सहजपुरी गांव में स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय का जर्जर स्कूल भवन शासन की नाकामी का जीता-जागता उदाहरण है। ग्रामीणों के अनुसार बरसात में छत में पड़ी दरारों से पानी टपकता रहता था पर इस बार पूरा भवन के एक दीवार टूट गई है। जो स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों व अध्यनरत छात्रों के लिए गंभीर खतरा बनी हुई हैं। यह भवन किसी भी दिन बड़े हादसे की वजह बन भी सकता है। 

बुनियादी सुविधाएं तक स्कूलों से नदारद 


शासन भले शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए केंद्र से लेकर राज्य की सरकारें एड़ी चोटी को जोर लगा रही हैैं। इसके बावजूद सरकारी स्कूलों की स्थिति दयनीय बनी है। हालात यह है कि बुनियादी सुविधाएं तक स्कूलों से नदारद हैं। स्कूल हैं जहां टपकती छतों के नीचे और गंदगी के बीच नौनिहाल स्वच्छता का पाठ पढ़ रहे हैं। सवाल यह है कि जब बच्चों को पढ़ाई के लिए स्वच्छ वातावरण ही नहीं मिलेगा तो वह कैसे पढ़ाई कर सकते हैं?

जिम्मेदारों के खिलाफ प्रस्तावित की जायेगी कार्यवाही 

इस दौरान स्कूल की स्थिति देखने पहुंचने वालों में प्रमुख रूप से किसन लाल वरकड़े, झाम सिंह तेकाम जयस ब्लॉक अध्यक्ष, नीरज कुंजाम, सलाहकार मंत्री जमना बर्मन, आशीष वरकडे़, नोखे लाल, नोनी बाई, लखन सिंह, दीपचंद आदि उपस्थित रहे। वहीं उक्त समस्या संज्ञान में आने के बाद इंजीनियर भपेंद्र बरकड़े जनपद पंचायत उपाध्यक्ष नारायणगंज ने कहा कि मीडिया के माध्यम से स्कूल की दीवार गिरने के संबंध में जानकारी मिली है जो कि चिंतनीय है। इस संबंध में पहले भी स्थानीय लोगों द्वारा अवगत कराया गया था कि स्कूल भवन जर्जर है। इसके बाद भी उसकी देखरेख व रखरखाव के लिए प्रशासन ने किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं किया इसके लिये लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई हेतु कार्रवाई प्रस्तावित की जावेगी। 

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