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किसानों की आवाज उठाने वाले शिक्षक लोकेश साहू का निलंबन संविधान पर कुठाराघात

किसानों की आवाज उठाने वाले शिक्षक लोकेश साहू का निलंबन संविधान पर कुठाराघात

शिक्षक लोकेश साहू समाज व किसानों के लिए तन-मन-धन से दिन-रात लगे हुए है


सिवनी। गोंडवाना समय।

एडवोकेट उमेश गोल्हानी बंधु ओबीसी महासभा संभाग कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति मे बताया गया कि लोकेश साहू को निलंबित कर सत्ता के मद में किसानों का शासन गला दबा रहा है। श्री लोकेश साहू शिक्षक है, इसके साथ ही ओबीसी महासभा के जिला संयोजक भी हैं।

हर बार उन्हें बचाने समाज आगे आया है

श्री लोकेश साहू शिक्षक यह वह शख्स है जो ओबीसी समाज की उपेक्षा, अन्याय और पिछड़ेपन से व्यथित है और पिछले 6 साल से अपने ओबीसी समाज को जगाने का काम कर रहे है। अभी हाल ही में उन्होंने किसानों को मक्का फसल की एमएसपी दिलाने आवाज उठाया तो एक तथाकथित नेता ने उन्हें सस्पेंड करा दिया। इससे पहले भी उन्हें 2 बार सस्पेंड किया गया है। हर बार उन्हें बचाने समाज आगे आया है। उनके प्रयास से समाज अपने हक-अधिकारों के प्रति जागरूक हो गया है।

शिक्षक लोकेश साहू पर कार्यवाही ओबीसी समाज पर हमला है

श्री लोकेश साहू समाज के लिए तन-मन-धन से दिन-रात लगे हुए हैं तो समाज ऐसे शख्स के लिए चुप नहीं रहेगा, हम सब उन्हें बचाने तन-मन-धन से आगे आयेंगे। उन पर कार्यवाही ओबीसी समाज पर हमला है। ओबीसी समाज  इसका मुँहतोड़ जबाब देगा। वहीं लोकेश साहू का निलंबन संविधान पर कुठाराघात है संविधान का अनुच्छेद 19 सैनिक व अर्द्धसैनिक बलों को छोड़कर सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी देता है किंतु किसान विरोधी सरकार की सह पर किसानों व उनके हितेषियों को कहीं कार से तो कहीं कलम से कुचला जा रहा है। 

बहाली नहीं होने पर संगठन ने आंदोलन की बनाई रणनीति 

शिक्षक श्री लोकेश साहू का निलंबन तुगलकी फरमान है तुरंत वापस लिया जाये। यदि शासन प्रशासन अविलम्ब शिक्षक श्री लोकेश साहू की बहाली नहीं करती है तो ओबीसी समाज अपने संगठन ओबीसी महासभा व समर्थित संगठनो के साथ आंदोलन करने मजबूर होगा, जिसके लिए संगठन ने अपनी रणनीति बना ली है। इसी के तहत 21 अक्टूबर को समाज के लोग गांव गांव से निकल कर अपने तहसील आॅफिस पहुँच कर कलेक्टर के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपेगे। यदि इसके बाद भी निलंबन वापस नहीं लिया गया तो 28 अक्टूबर को ब्लाक स्तर पर धरना-प्रदर्शन, 2 नवंबर को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव तथा 3 नवंबर से आदेश वापसी तक क्रमिक अनशन और आमरण अनशन करेंगे जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी ।


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