पिता शिक्षक चंद्रहास कुमरे के शैक्षणिक कार्यकाल को यादगार बनाने बेटियों ने स्कूल में डेस्क-बैंच की भेंट
शिक्षक चंद्रहास कुमरे की स्मृति में उनकी बेटी सीमा, पूजा और लक्ष्मी की प्रेरणादायक पहल बनी मिशाल
बेटियों ने स्कूल में 35 डेस्क बेंच एवं 164 स्कूली बैग बच्चों के लिए उपहार स्वरूप किया भेंट
सिवनी/बंडोल। गोंडवाना समय।
शिक्षक का लगाव स्कूल से विद्यार्थियों से पारिवारिक रूप में होता है। स्कूल में शिक्षक के शैक्षणिक कार्यकाल के दौरान विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण में राष्ट्र निर्माता के रूप में महत्वपूर्ण योगदान होता है।
वहीं सेवानिवृत्ती के साथ साथ इस दुनिया से मानव रूप में विदाई लेने के पश्चात भी स्कूल में यादगार के रूप में विशेष पहचान बनाये रखने के लिये उनके परिवारजनों की जिम्मेदारी होती है कि वे ऐसा कुछ कार्य करें जिनसे उनकी याद तरोताजा बनी रही।
ऐसा ही प्रेरणादायक कार्य शिक्षक स्वर्गीय श्री चंद्रहास कुमरे जिनका जन्म 18 अक्टूबर 1964 को हुआ था जो कि बंडोल डी.डी.ओ. के अंतर्गत आने वाले स्कूल शासकीय माध्यमिक शाला जुरतरा में पदस्थ रहकर शैक्षणिक कार्यकाल का सफर पूर्ण किया था, उनकी स्मृति स्वरूप उनके जन्मदिवस पर 18 अक्टूबर 2021 को उनकी बेटियों के द्वारा अनुकरणीय व प्रेरणादायक पहल करते हुये शासकीय माध्यमिक शाला जुरतरा में बच्चों को बैठने के लिए 35 डेस्क बेंच एवं 164 स्कूली बैग बच्चों के लिए उपहार स्वरूप भेंट किया गया है। इसके साथ ही स्कूल के बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए कामना की गई।
स्कूल के सभी 164 बच्चों को स्कूली बैग किया भेंट
स्वर्गीय शिक्षक चंद्रहास कुमरे की बेटी सीमा, पूजा ने 18 अक्टूबर को अपने स्वर्गीय पिता के जन्मदिवस के अवसर पर शासकीय माध्यमिक शाला जुरतरा पहुंची। जहां उनके स्वर्गीय पिता शिक्षक चंद्रहास कुमरे द्वारा अपने जीवनकाल में शिक्षक के रूप में पदस्थ रहकर बच्चों को शिक्षा प्रदान किया गया था।
शासकीय माध्यमिक शाला जुरतरा पहुंचने के बाद बेटियों के द्वारा स्कूल के सभी बच्चों को बारी-बारी से 164 स्कूली बैग भेंट किया। जिसके उपरान्त स्कूल के सभी बच्चों के द्वारा दोनो बेटियों को धन्यवाद प्रेषित किया गया।
जुरतरा शाला के बच्चों को डेस्क बेंच में बैठकर पढ़ाई करने में मिलेगी मदद
इसके साथ ही शिक्षक स्वर्गीय श्री चंद्रहास कुमरे की बेटी डॉक्टर सीमा और पूजा के द्वारा स्कूल में बच्चों की सुविधा के लिए डेस्क बेंच भी भेंट किया गया। जिससे जुरतरा शाला के बच्चे डेस्क बेंच में बैठकर अपनी पढ़ाई कर सकें। शिक्षक स्वर्गीय श्री चंद्रहास कुमरे की बेटी डॉक्टर सीमा और पूजा के द्वारा किये गये अनुकरणीय पहल पर जुरतरा शाला के प्रबंधन एवं सभी शिक्षकगण द्वारा सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया गया है।
शिक्षक स्वर्गीय श्री चंद्रहास कुमरे की तीनों बेटिया हैं होनहार
शिक्षक स्वर्गीय श्री चंद्रहास कुमरे सहज, सरल, मिलनसार, मृदुभाषी, हंसमुख, व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे। शिक्षक स्वर्गीय श्री चंद्रहास कुमरे की तीन बेटियां हैं। शिक्षक के रूप में पदस्थ होकर उन्होंने अपनी बेटियों को अच्छी शिक्षा दिया, जिसके कारण तीनों बेटियां बड़ी होनहार हैं और वर्तमान समय में अच्छे कार्यों में पदस्थ हैं। जिसमें पहली बेटी बैंक मैनेजर के पद पर पदस्थ है तो दूसरी बेटी डॉक्टर की शिक्षा लेकर डिग्री हासिल कर डॉक्टर के पद में कार्यरत है, वहीं तीसरी बिटिया यूपीएस 'सी' रनर है।
जब तक जीवित रहे तब तक बच्चों को शिक्षा प्रदान किया
शिक्षक स्वर्गीय श्री चंद्रहास कुमरे के परिवार में शिक्षा का बहुत महत्व रहा है। उनके पिता श्री इंदरलाल कुमरे भी अपने जीवनकाल में शिक्षक के रूप में पदस्थ रहकर बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान किया है। जो कि वर्तमान समय में सेवानिवृत्त शिक्षक हैं एवं ग्राम पंचायत बंडोल के पूर्व सरपंच भी हैं। स्वर्गीय शिक्षक चंद्रहास कुमरे ने भी पिता की तरह ही अच्छी शिक्षा प्राप्त कर शिक्षक के रूप में पदस्थ होकर जब तक जीवित रहे तब तक बच्चों को शिक्षा प्रदान किया। वही उनकी पत्नी श्रीमती केशर कुमरे भी बांकी शाला में शिक्षिका के रूप में पदस्थ होकर बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रही है।
आयोजित कार्यक्रम में इनकी रही उपस्थिति
स्वर्गीय शिक्षक चंद्रहास कुमरे के स्मृति स्वरूप उनके जन्मदिवस पर आयोजित उक्त कार्यक्रम में बंडोल शासकीय हायर सेकेंडरी की प्रभारी प्राचार्य श्रीमति सुषमा सोनी, श्री जी. एस. उइके प्राचार्य बांकी, शिक्षक श्री संतोष दीक्षित, श्री सुनील राजपूत, श्री भाग्यचंद जंघेला, श्री एम.पी.साहू, श्री पूना राम धुर्वे, स्कूल स्टॉप व प्रभारी प्रधान पाठक श्री गजभिये, पर्यावरण मित्र गीताराम डहेरिया, अन्य शिक्षक स्वसहायता समूह, आगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, श्री दीपनारायण तिवारी पटवारी, सरपंच श्री पूनाराम बंजारा सहित स्वर्गीय श्री चंद्रहास कुमरे के पिताजी रिटायर्ड शिक्षक एवं ग्राम पंचायत बंडोल के पूर्व सरपंच श्री इंदरलाल कुमरे व ग्राम के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।