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भीली भाषा में पत्रकारिता करने वाले जनजाति वर्ग के पत्रकार मुकेश परमार के साथ दबंगों ने किया मारपीट

भीली भाषा में पत्रकारिता करने वाले जनजाति वर्ग के पत्रकार मुकेश परमार के साथ दबंगों ने किया मारपीट

गरबा कितने बजे तक चलेगा यह बात पूछने पर दबंगों ने मिलकर बुरी तरह पीटा 

मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के पत्रकारों को पत्रकारिता करने से रोकने का किया जा रहा षडयंत्र 




झाबुआ। गोंडवाना समय।

मध्य प्रदेश में पत्रकार की आवाज को दबाने का प्रयास तो किया ही जाता है लेकिन अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति समुदाय से जुड़े हुये जिनकी बहुत कम संख्या है, ऐसे पत्रकारों को कलम चलाने से रोका जाने का कुत्सिक प्रयास किया जा रहा है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के पत्रकारों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
        


मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के पत्रकारों को चाहे वे समाचार पत्रों से जुड़े हो या इलेक्ट्रानिक मीडिया से जुड़े हुये पत्रकार हो उन्हें सरकार, शासन-प्रशासन द्वारा पत्रकारिता करने से रोकने का प्रयास किया जाने के साथ दरकिनार भी किया जाता है।
        इसके साथ ही अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के पत्रकारों को राजनैतिक सरंक्षण प्राप्त गुण्डे, बदमाशों, अवैधानिक कार्यों में लिप्त माफियाओं के द्वारा एवं दबंगों के द्वारा धमकाया जाता है उनके साथ मारपीट की घटनायें भी की जाती है।
            मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के पत्रकारों की संख्या का प्रतिशत शून्य की स्थिति में है लेकिन जो हिम्मत साहस करके पत्रकारिता करने का जोखिम उठा रहे है उन्हें रोकने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला भीली भाषा पर पत्रकारिता करने वाले मुकेश परमार के मामले में दु:खदायी स्थिति, चिंतनीय व गंभीर सवाल शिवराज सरकार पर खड़ा कर रही है। 

लात घुसो से मारते रहे और घसीट कर रैली निकाली गई

भीली बोली के पत्रकार मुकेश परमार के साथ रानापुर बाजार में दबंगों के द्वारा 16 अक्टूबर 2021 की रात में लगभग 1 से 2 बजे के बीच में बर्बरतापूर्वक मारपीट की गई है। बताया जाता है कि अकेले मुकेश परमार पत्रकार को काफी संख्या में लोगों ने मिलकर बेरहमी से पीटा किया था जिससे वे गिर गये थे उसके बाद भी उन्हें लात घुसो से मारते रहे और घसीट कर रैली निकाली गई। 

भीली और भीलो की आवाज उठाने के कारण दुश्मन के रूप में देखे जाते है पत्रकार मुकेश परमार 

हम आपको बता दे कि भीली पत्रकार मुकेश परमार के द्वारा गरबा स्थल पर ये पूछा गया था कि गरबा कितने बजे तक चलेगा। इतना पूछने पर ही मुकेश परमार के साथ जातिगत रूप से अपमानित करते हुये बेरहमी के साथ मारपीट की गई। मुकेश परमार अधिकांशतय: आदिवासी हक अधिकारो व भीलो के हक अधिकारो की बात अपनी मात्र बोली भीली मे यूट्यूब चैनल के माध्यम से उठाते है। बताया जाता है कि पत्रकार मुकेश परमार के द्वारा भीली और भीलो की आवाज उठाने के कारण दुश्मन के रूप में देखा जाता है। 

इस कृत्य के लिये आदिवासियों में आक्रोश व्याप्त 

पत्रकार मुकेश परमार पर हमला कर बुरी तरह से मारपीट किये जाने पर आदिवासी भील समुदाय के लोग नाराज है एवं इस कृत्य के लिये आदिवासियों में आक्रोश व्याप्त है। हालांकि इस मामले में पुलिस ने एफ आई आर दर्ज कर लिया है। इस मामले में आदिवासियों के द्वारा आरोपियो की गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने की मांग किया है। इस मामले में कड़ी कार्यवाही नहीं होने पर आदिवासी  समाज ने आगामी समय में रानापुर में आंदोलन करने की बात भी कहा है। 

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