Type Here to Get Search Results !

इधर मशीन से करवा रहे काम, उधर मजदूरी भर कर निकाली जा रही राशि

इधर मशीन से करवा रहे काम, उधर मजदूरी भर कर निकाली जा रही राशि 

सत्ताधारी कांग्रेस शासन ही भ्रष्टाचार को दे रहे बढ़ावा-रूपधर पुड़ो

मामले को हो जांच अन्यथा आंबेडकराईट पार्टी आॅफ इंडिया(एपीआई) के संगठन करेंगे जनआंदोलन 


दुर्गाप्रसाद ठाकुर, प्रदेश संवाददाता।
कांकेर/छत्तीसगढ़। गोंडवाना समय।

पश्चिम परलकोट वन परिक्षेत्र अंतर्गत सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा विकास योजना में हुआ फजीर्वाड़ा थमने का नाम नही ले रहा है। अब इस पूरे मामले में राजनीति गर्म हो चुकी हैं। आंबेडकराईट पार्टी आॅफ इंडिया(एपीआई) राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य व बस्तर संभाग प्रभारी रूपधर पुड़ो ने सीधे आरोप लगाते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है। रूपधर पुड़ो ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग ही विभागों को भ्रस्टाचार करने में बढ़ावा देते है।अगर सत्ता में बैठे लोग बढ़ावा नही दे रहे तो तत्काल इसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाही करे। अन्यथा एपीआई के संगठन वन विभाग के खिलाफ आन्दोलन करने को विवश होंगे।

वन विभाग के ऊपरी अधिकारी भी इस भ्रस्टाचार में संलिप्त है

आंबेडकराईट पार्टी आॅफ इंडिया(एपीआई) राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य व बस्तर संभाग प्रभारी रूपधर पुड़ो और अन्तागढ़ विधानसभा के प्रबल प्रत्याशी रूपधर पुड़ो ने पूरे मामले की जांच कर दोषियो पर कार्रवाही करने की मांग की है। रूपधर पुड़ो ने कहा कि कांग्रेस की सरकार स्वयं अपने ही ड्रीम प्रोजेक्ट में अफसरों से फजीर्वाड़ा करवा रही है। वन विभाग द्वारा पहले तो मशीन से काम करवाकर स्थानीय ग्रामीणों के हक में डाका डाला गया। वहीं दूसरी ओर फर्जी मस्टररोल भरकर राशि आहरण करना, भ्रष्टाचार को जन्म देता है। उसके बावजूद ऊपरी अधिकारियो को जानकारी होने के बावजूद मामले को संज्ञान में न लेना साफ जाहिर होता है कि वन विभाग के ऊपरी अधिकारी भी इस भ्रस्टाचार में संलिप्त है।

कार्यवाही न कर मिलने के लिये बुलाना जिम्मेदार अफसर को नहीं देता शोभा 

वहीं दूसरी ओर रूपधर पुड़ो ने कहा कि फर्जीवाड़ा की जानकारी को वन विभाग के सीसीएफ तक पहुंचाने के बाद कार्रवाही करने और मामले को संज्ञान में लेने के बजाय मिलने को बोलना और आफिस में बुलाकर मिलने को बोलना साफ प्रतीत होता है कि इस पूरे फजीर्वाड़े से ऊपरी अधिकारी अनभिज्ञ नही है। जबकि फजीर्वाड़े की जानकारी होने मात्र से ही अधिकारी को संज्ञान में लेकर मामले की जांच करानी चाहिए और पारदर्शिता बरतते हुए कार्रवाही का आश्वासन देकर मामले की जांच के आदेश देने चाहिए परन्तु आफिस में मिलने को बुलाना वन विभाग के जिम्मेदार अफसर को शोभा नही देता।

लाखो रुपये की राशि आहरण कर शासकीय राशि का बंदरबांट किया जा रहा है

वन विभाग के अफसर इस पूरे फजीर्वाड़े की जांच करें। अन्यथा जल्द ही आंबेडकराईट पार्टी आॅफ इंडिया(एपीआई) के लोग वन विभाग के इस काले करतूत के खिलाफ आन्दोलन करने को विवश होंगे। गौरतलब है कि पश्चिम वन परिक्षेत्र में वन विभाग के अफसर फजीर्वाड़ा करने में कोई कसर नही छोड़ रहे है।एक तो मजदूरों से काम न करवा कर पोकलेन मशीन से डबरी निर्माण का काम करवा कर मजदूरों के हक में डाका डाला जा रहा है।तो वहीँ दूसरी ओर मजदूरी भर कर लाखो रुपये की राशि आहरण कर शासकीय राशि का बंदरबांट किया जा रहा है।

पोकलेन मशीन लगाकर डबरी की खोदाई करवाई और डबरी बनवाया

गौरतलब है कि गोदलदंड नाला, मरकानार और गट्टापल्ली में विगत दिनों पर नरवा विकास योजना के तहत डबरी निर्माण का काम जारी था। जिसमे वन विभाग के अफसरों ने कैम्पा मद के तमाम नियम कायदों को ताक में रखकर खुलेआम पोकलेन मशीन लगाकर डबरी की खोदाई करवाई और डबरी बनवाया। डबरी निर्माण का काम मजदूरों के बजाय मशीन से पूरा कराया गया।लेकिन ग्रामीणों की मजदूरी भर कर लाखो की राशि आहरण कर शासकीय राशि का बंदरबांट कर दिया। मशीन से काम कराकर वन विभाग के अफसर सवालों के कटघरे में घिर गए है। पहली बात तो कैम्पा मद से निर्माण हो रहे डबरी निर्माण में मजदूर से काम करवाना था।परन्तु पोकलेन मशीन से करवाई गई।जो साफ तौर पर स्थानीय मजदूरों के हक में डाला गया।तो वही दूसरी ओर नियम विरुद्ध मशीन से काम कराकर ग्रामीणों की फर्जी मस्टररोल भरकर वन विभाग के अफसरों ने लाखो की राशि आहरण कर शासन को जमकर चुना लगाया है।इसकी जांच की जाए तो पूरे भ्रस्टाचार की परत दर परत खुलेगी।


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.