Type Here to Get Search Results !

मनीष बागरी जनपद सीईओ घँसौर ब्लॉक को भ्रष्टाचार में अव्वल लाने रेस में सबसे आगे लगा रहे दौड़

मनीष बागरी जनपद सीईओ घँसौर ब्लॉक को भ्रष्टाचार में अव्वल लाने रेस में सबसे आगे लगा रहे दौड़

स्व कराधान के मामले में घंसौर जनपद सीईओ पर कब होगी कार्यवाही 

घंसौर जनपद पंचायत सीईओ को जिला पंचायत सीईओ ने जारी किया कारण बताओ नोटिस


घंसौर। गोंडवाना समय। 

आदिवासी बाहुल्य जनपद पंचायत घंसौर जो कि मध्यप्रदेश की सबसे भ्रष्ट जनपद पंचायत होने के रेस सबसे आगे आने के लिये दौड़ लगा रही है। इसे तेज दौड़ाकर सबसे आगे लाने में घंसौर जनपद पंचायत के कमीशन बाज मुख्य कार्यपालन आधिकारि मनीष बागरी ने जनपद पंचायत घंसौर में जब से कदम रखा है तब से भ्रष्टाचार का बड़ा खेल चालू हो गया है जिसमे मनीष बागरी का नाम जिले भर में सबसे भ्रष्ट आधिकारी के नाम पर सुमार है। वहीं हम आपको बता दे कि बीते मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि शासन की राशि में घोटाला भ्रष्टाचार करने वाला भी माफिया है। मुख्यमंत्री की चेतावनी को सलाह मानकर जनपद पंचायत घंसौर के सीईओ मनीष बागरी माफिया बनने के लिये सबसे आगे दौड़ लगाने का प्रयास कर रहे है। 

सरपंच एवं सचिवों पर दबाव बनाकर एक ही रात में 50% राशि आहरित करा ली गई


वित्तीय वर्ष 2017-18 में जनपद पंचायत घंसौर जिला सिवनी की 19 ग्राम पंचायतों में 14 वें वित्त आयोग परफॉर्मेंस स्वकराधान से लगभग 6 करोड़ 35 लाख राशि आवंटित की गई थी परंतु राज्य पंचायत सचिवालय द्वारा स्व कराधन की जांच आडिट करने के पश्चात उक्त पंचायतों में करधन था ही नहीं जिस कारण उक्त राशि खर्च करने पर शासन द्वारा रोक लगा दी गई थी और आवंटित राशि आहरण ना करने के आदेश हुए थे। पंचायत राज संचालनालाय मध्यप्रदेश भोपाल आदेश हुए थे परंतु पंचायत निर्वाचन 2021-22 की घोषणा होते ही आचार संहिता प्रभाव शील हो गई और तभी घंसौर जनपद पंचायत सीईओ मनीष बागरी द्वारा 19 ग्राम पंचायत जिसमें स्व कराधान की राशि आवंटित थी सरपंच एवं सचिवों पर दबाव बनाकर एक ही रात में 50% राशि आहरित करा ली गई और अपने चहेते ठेकेदारों एवं सप्लायर को राशि का बंटाधार करा दिया गया। 

जांच कमेटी की निष्पक्षता को लेकर संदेह बना हुआ है

जिसकी शिकायत की जनप्रतिनिधि जनपद अध्यक्ष उपाध्यक्ष द्वारा जिला पंचायत सीईओ सिवनी को की गई थी। जिसका उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए दिनांक 21/02 /2022 को तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर सात दिवस में जांच प्रतिवेदन मांगा गया था परंतु आज दिनांक तक जांच समिति ने जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत को सौंपी ही नहीं है और जांच कमेटी की निष्पक्षता को लेकर संदेह बना हुआ है। 

जनपद पंचायत घंसौर में भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिये भ्रष्टाचारियों का पूरा गिरोह बनाया गया है

जनपद पंचायत घंसौर की यह 19 पंचायत हैं जहां जमकर भ्रष्टाचार हुआ है ग्राम पंचायत अतरिया, बालपुर, बरेला, बरोदा माल, भिलाई, बिनेकीकला, दिवारी, घंसौर, गोरखपुर, केदारपुर, कुडोपार, मानेगांव, मेहता, पहाड़ी, पौण्डी, पुटरई इन सभी ग्राम पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। हम आपको बता दे कि परफार्मेंस मद की राशि के मामले में जनपद पंचायत घंसौर सीईओ, एसडीओ, उपयंत्री सहित  19 ग्राम पंचायतों  के सचिव व प्रधानों को नोटिस जारी किया गया है। जनपद पंचायत घंसौर में भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिये भ्रष्टाचारियों का पूरा गिरोह बनाया गया है जिसमें सीईओ मनीष बागरी, एसडीओ राहुल रोकड़े, एपीओ भूपेंद्र सिंह राजपूत, जनपद का बाबू लेखापाल मनीष जैन एवं अधिकांश उपयंत्रियों की मिलीभगत से 19 पंचायतों में ठेकेदारी प्रथा से जमकर भ्रष्टाचार किया गया है जिसमें कई सचिव भी सरपंच उपसरपंच भी शामिल है। वहीं इनमें अधिकांश पंचायतों में पारस ट्रेडर्स के नाम के बिल काटे गए हैं यह ट्रेडर्स जनपद पंचायत के एक कर्मचारी के परिवारिक सदस्य के नाम से है जबकि इनकी कोई भी लोहा सीमेंट की दुकान नहीं है और ना ही गिट्टी रेत ईट के सप्लायर है इनकी फोटोकॉपी की दुकान है। सचिव सरपंच पर दबाव बनाकर बिल काटे जाते हैं। 


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.