दो मंजिला निजी भवन है फिर भी सिचाई कॉलोनी के आवास पर कब्जा
निजी मकान किराए पर शासकीय मकान पर कब्जा कर काट रहे मलाई
छपारा। गोंडवाना समय।
छपारा सिंचाई विभाग की कॉलोनी पर सिंचाई विभाग के कुछ कर्मचारी व सत्ताधारी नेताओं के चहेते जिनका छपारा में निजी भवन भी है उसको किराए पर देकर किराएदार अधिनियम के विरुद्ध शासकीय कॉलोनी पर अवैध कब्जा जमाऐ हुऐ है।
उदाहरण के रूप में विभाग के देनिक वेतनमान कर्मी संतोष नामदेव जिसका भी महाराणा प्रताप कॉलोनी छपारा में दो मंजिला बड़ा मकान है। नामदेव के उक्त निजी मकान पर कई किराएदार रहते हैं एवं एक अन्य प्राईवेट बैंक की शाखा संचालित होती है परंतु नामदेव अपने मकान में न रहकर सिंचाई विभाग की कॉलोनी के एच टाइप कमरा नंबर 20 पर नियम विरुद्ध कब्जा जमा कर फायदा ले रहे है।
निजी मकान किराये पर रह रहे सरकारी आवास में कर्मचारी
इसी प्रकार 18 अन्य कर्मचारी जिनका की छपारा में स्वयं का मकान है अपने अपने मकानों को किराए पर देकर जल संसाधन की शासकीय कॉलोनी पर विगत कई वर्षों से कब्जा जमाए हैं और अपने अपने निजी मकानों से 20,000 से 25000 प्रति वर्ष बतौर किराया की कमाई कर रहे हैं। जबकि मध्यप्रदेश शासन का स्पष्ट आदेश है कि यदि किसी कर्मचारी या नेता व्यक्ति का निजी मकान उसी शहर या कस्बे में है तो उसे शासकीय आवास की पात्रता नहीं है यह सब एसडीओ मर्सकोले जलसंसाधन विभाग के संरक्षण में चल रहा है, यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि उनको एक मोटी रकम बतौर कमीशन चुप रहने के लिए दिया जाता है।
ऐसे निजी भवन वाले कर्मचारियों को तत्काल चिन्हित कर निकाला जाए
वहीं दूसरी ओर 28 शासकीय कर्मचारी जो कि कॉलोनी में कमरा पाने के लिए अपने अपने आवेदन कार्यपालन यंत्री श्री पीसी महाजन को दे चुके थे परंतु कार्यपालन यंत्री आवंटन के अधिकारी हैं और मौन साधे हुए कोई कार्यवाही ना कर सके जिसके परिणामस्वरूप कर्मचारियों ने मांग की है ऐसे निजी भवन वाले कर्मचारियों को तत्काल चिन्हित कर निकाला जाए और वास्तविक आवंटन के पात्र कर्मचारी जो यहां वहां भटक रहे हैं को आवंटित किया जाए तथा अनुचित तरीके से अभी तक लाभ लेने वाले संतोष नामदेव सहित अन्य कर्मचारियों को शासकीय कॉलोनी से बाहर कर बाजारू रेट राशि की वसूली की जाए। यदि ऐसा नहीं किया जा सकता है तो समझा जा सकता है कि नीचे से लेकर उपर तक के अधिकारी सब के सब नियम कानून को ताक पर रखकर नियमों से खिलवाड़ कर रहे हैं।
नवागत ई जल संसाधन विभाग से जांच की उम्मीद
नवागत जलसंसाधन विभाग के ई श्री धामगे से उम्मीद है की आवासीय सिचाई कालोनी के आवंटित कमरों की जांच करवा कर जरूरत मंद कर्मचारी को उपलब्ध कराये जाये और जो राजनीतिक या कमिशन के जोर से कमरा हथियाय बैठे हैं उनसे कमरा खाली करवाया जाये यदि श्री धामगे सिंचाई कालोनी के आवासीय कमरों की जांच करवाते हैं तो कमरों के आवंटन से संबंधित गड़बड़ी सामने आ सकती है और जरूरतमंद अधिकारी कर्मचारी को कमरों का लाभ दिलाया जा सकता है।