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बण्डोल पुलिस और अजाक पुलिस थाना में आदिवासी पीड़ितों की नहीं हुई सुनवाई

बण्डोल पुलिस और अजाक पुलिस थाना में आदिवासी पीड़ितों की नहीं हुई सुनवाई 

सिवनी। गोंडवाना समय। 

बण्डोल पुलिस थाना में आदिवासियों की प्रताड़ना की शिकायतों पर कार्यवाही नहीं किया जाना थाना प्रभारी दिलीप पंचेश्वर की आदतों में शुमार हो चुका है।
         


बण्डोल पुलिस थाना क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जहां पर आदिवासियों के साथ होने वाले अन्याय, अत्याचार, शोषण के मामलों को बण्डोल पुलिस थाना प्रभारी गंभीरता से नहीं लेते है यहां तक की पीड़ित आदिवासियों को अक्सर बण्डोल पुलिस थाना प्रभारी दिलीप पंचेश्वर के द्वारा प्रताड़ित करने वालों से समझौता कराने का दबाव बनाये जाने की शिकायते हमेशा आती रहती है। 

अजाक पुलिस थाना भी बना अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के लिये प्रताड़ना का केंद्र 


ऐसा ही एक मामला दुघर्टना का सामने आया है जहां पर बण्डोल पुलिस थाना प्रभारी दिलीप पंचेश्वर के द्वारा आदिवासियों की रिपोर्ट नहीं लिखी गई। इसके बाद वे अपनी शिकायत लेकर जब अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण थाना गये तो वहां से पीड़ितों को बिना आवेदन लिये ही चलता कर दिया गया।
             जिला मुख्यालय सिवनी में बना अजाक थाना भी अनुसूचित जातियों व जनजातियों के लिये प्रताड़ना का केंद्र बन गया है। जहां पर अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के पीड़ितों को राहत मिलती है और न ही उनकी कोई सुनवाई की जाती है। अजाक थाना में भी प्रताड़ित करने वालों को मान सम्मान भी दिया जाता है लेकिन पीड़ितों के साथ अभद्रता भी की जाती है।
            आदिवासी पीड़ित परिवार को दुघर्टना में घायल करने वाले टैÑक्टर चालक व मालिक के द्वारा जातिगत रूप से अपमानित भी किया गया एवं उन्हें पुलिस शिकायत करने पर डराया धमकाया भी गया। इस संबंध में आदिवासी पीड़ित पक्ष द्वारा शिकायत करने अजाक थाना गये तो वहां पर भी उनकी सुनवाई नहीं हुई। 

आदिवासी बालिका, युवती व युवक हुये थे दुघर्टना में गंभीर रूप से घायल

प्राप्त जानकारी के अनुसार आदिवासी पीड़ित पक्ष चंदेनी से मोठार की ओर जब 16 दिसम्बर की शाम को लगभग 7 बजे दोपहिया वाहन से जा रहे थे तभी जुरतरा मोठार के बीच में बजांरी माई के्रेशर के पास में स्वराज ट्रेक्टर्स के साथ भिंड़त हो गई थी जहां स्वराज ट्रेक्टर का मालिक जो कि स्वयं अपनी ट्रैक्टर चला रहा था जो कि नशे की हालत में था।
             भिंडत में  आदिवासी बालिका व आदिवासी युवती सिर पर एवं दाढ़ी में गंभीर चोटें भी आई है इसके साथ ही इसमें सवार आदिवासी युवक को भी गंभीर चोंट आई है और अत्याधिक खून भी बहा था। घटना के बाद स्वराज ट्रेक्टर का मालिक अपना वाहन लेकर फरार हो गया था।
            घटना के बाद रोड पर पड़े बेहोशी के हालत पर आदिवासी बालिका व युवती सहित युवक को पीछे से आ रहे ट्रैक्टर चालक ने अपना वाहन खड़ा कर घटना स्थल से वहां से अपने साथ बंडोल अपने वाहन में लेकर गये और वहां प्रायवेट अस्पताल में इलाज करवाया गया। दुघर्टना के बाद जब आदिवासी पीड़ित पक्ष बंडोल पुलिस थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाने गये तो वहां पर पदस्थ बण्डोल पुलिस द्वारा रिपोर्ट नहीं लिखी गई। 


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