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नीरज दुबे उपप्राचार्य शास. कन्या उमावि लखनादौन की सांठ गांठ से छात्रावास में गुणवत्ताहीन दिया जा रहा भोजन

नीरज दुबे उपप्राचार्य शास. कन्या उमावि लखनादौन की सांठ गांठ से छात्रावास में गुणवत्ताहीन दिया जा रहा भोजन

क्षेत्र संयोजक व्ही. के. बोरकर के मार्गदर्शन में बनाया गया था भोजन की कमी का पंचनामा

भोजन समूह संचालक के विरूद्ध नहीं की गई कार्यवाही

टेंडर समूह का कार्य संतोषजनक नहीं होने पर उसे निरस्त कर दूसरे टेंडर का  किया जाता है अनुबंध

श्रीमति सुषमा ठाकुर ने मध्यान्ह भोजन की जांच हेतु महामहीम राज्यपाल को किया शिकायत


लखनादौन/ सिवनी। गोंडवाना समय।


आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र विकास खण्ड लखनादौन के क न्या छात्रावास में मध्यान्ह भोजन में कमी व गुणवत्ताहीन भोजन दिये जाने का मामला सामने आया है जहां उपप्राचार्य और भोजन बनाने वाले समूह की साठगाठ से छात्राओं को सरकार के द्वारा बनाये गये नियम अनुसार भोजन नहीं दिया जा रहा है इसके साथ ही छात्राओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। जिसको लेकर अधीक्षिका द्वारा शिकायत भी की गई है विकास खण्ड लखनादौन जिला सिवनी के शासकीय माध्यमिक शाला मोहगांव कला जनशिक्षा केन्द्र शास. कन्या उमावि लखनादौन में पदस्थ शिक्षिका श्रीमति सुषमा ठाकुर द्वारा महामहीम राज्यपाल को ज्ञापन में माध्यम से शिकायत किया गया है कि शासकीय माध्यमिक शाला मोहगांव कला जनशिक्षा केन्द्र शास. कन्या उमावि लखनादौन में सरकार की योजना मध्यान्ह भोजन के अंतर्गत छात्राओं को दिया जाने वाला भोजन गुणवत्ताहीन होता है साथ ही मध्यान्ह भोजन बनाने वाले ठेकेदार द्वारा मनमानी की जा रही है। शासकीय कन्या उमा विद्यालय में उप प्राचार्य नीरज दुबे द्वारा आदिवासी छात्राओं का शोषण किया जा रहा है। जिसकी निष्पक्ष जांच किया जाना चाहिये। 

श्रीमति सुषमा ठाकुर को अवैधानिक तरीके व मानसिक रूप से लगातार किया जा रहा प्रताडित

शिक्षिका श्रीमति सुषमा ठाकुर द्वारा की गई शिकायत में उन्होंने बताया है कि जिला सिवनी आदिवासी जिला है तहसील भी आदिवासी है संस्था कन्या शिक्षा परिसर की समस्त छात्राएं भी आदिवासी है तो उपप्राचार्य जनरल श्री नीरज दुबे, टेंडर भोजन बाला समूह संचालक ओबीसी सोनी समाज किस नियम के अंतर्गत नियुक्त किये गये इनके द्वारा आदिवासी छात्राओं का शोषण किया जा रहा है। उप प्राचार्य नीरज दुबे द्वारा विद्यालय की छात्राओं को प्रताड़ित करने के विरोध में शिक्षिका श्रीमति सुषमा ठाकुर द्वारा शिकायत किया गया जिसके बाद उपप्राचार्य द्वारा शिक्षिका को अन्य अवैधानिक तरीके से मानसिक रूप से प्रताडित करने का भरपूर प्रयास लगातार किया जा रहा है जबकि शिक्षिका श्रीमति सुषमा ठाकुर का कहना सिर्फ इतना है कि आदिवासी छात्राओं को उनका संपूर्ण हक मिलना चाहिए।

उपप्राचार्य नीरज दुबे ने शिक्षिका को काम से काम रखने, नही तो निलंबन करने दिया था धमकी

शिकायत में शिक्षिका द्वारा बताया गया है कि शासन के निर्देशानुसार समस्त विशिष्ट संस्थाओं में आॅनलाईन के माध्यम से पूर्ण नियम अनुसार टेन्डर भोजन प्रक्रिया की जाती है जो कि कन्या शिक्षा परिसर लखनादौन में पालन नहीं कि गई है जिससे वर्तमान उपप्राचार्य श्री नीरज दुबे, टेंडर भोजन संचालक समूह द्वारा तानासाही मनमानी, एवं साठगांठ से छात्राओं को भोजन गुणवत्ता अत्यंत निम्न दिया जा रहा है। जिसकी लिखित एवं मौखिक सूचना समय समय पर शिक्षिका श्रीमति सुषमा ठाकुर द्वारा बार बार उपप्राचार्य श्री नीरज दुबे को दिया गया। इसके साथ ही मध्यान्ह भोजन समूह द्वारा लिखित अनुबंध छायाप्रति आज दिनांक तक अधीक्षक को नहीं दिया गया जिसकी जानकारी भी शिक्षिका द्वारा उपप्राचार्य को दिया गया इसके बाद भी उपप्रचार्य द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया गया। इसके साथ ही उपप्राचार्य श्री नीरज दुबे द्वारा शिक्षिका को कहा गया कि आप अपने काम से काम रखे तुम आदिवासी छात्राओं और प्रार्थी मैडम जितना मिल रहा है उतने में ही काम चलायें अन्यथा आपके विरुध आदेश न मानने पर निलंबन कर दिया जायेगा क्योंकि मेरे साथ सहायक आयुक्त महोदय और समूह संचालक है।

भोजन समूह संचालक और नीरज दुबे की साँठगाँठ होने से किसी भी प्रकार की नही कि गई कार्यवाही

शिकायत में आगे बताया गया है कि शासकीय कन्या शिक्षा परिसर लखनादौन में भोजन व्यवस्था टेंडर द्वारा कि जाती है अगर टेंडर समूह का कार्य संतोषजनक नहीं है तो उसे निरस्त कर दूसरा टेंडर अनुबंध किया जाता है अधीक्षक का कार्य भोजन गुणवत्ता का परीक्षण करना होता है एवं मीनू के अनुसार भोजन दिया जा रहा है या नहीं जब भोजन गुणवत्ता हीन एवं मीनू अनुसार नही होता है तो प्रार्थी द्वारा उपप्राचार्य श्री नीरज दुबे से शिकायत की गई किंतू भोजन समूह संचालक एवं नीरज दुबे की साँठगाँठ होने से किसी भी प्रकार की कार्यवाही नही कि गई। क्षेत्र संयोजक सिवनी श्री व्ही के बोरकर के मार्गदर्शन में एवं उपप्राचार्य नीरज दुबे की उपस्थिति में भोजन की कमी का पंचनामा बनाया गया जिसमें उपस्थित पालक, समूह रसोईया उपप्राचार्य नीरज दुबे एवं अधीक्षिका के हस्ताक्षर किया गया लेकिन टेंडर भोजन समूह संचालक के विरूध किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई।

शिक्षिका सुषमा ठाकुर के स्थानांतरण पर गले लगकर सिसकियां लेकर रोने लगी थी छात्राएं


एक शिक्षक कैसा है उसके  व्यवहार का उसकी शिक्षा का छात्रों जीवन में क्या प्रभाव पड़ा छात्रों में क्या अहमियत है छात्र शिक्षक को कितना पसंद करते हैं यह तब पता चलता है जब शिक्षक का दूसरे स्थान में स्थानंतरण होता है। शिक्षिका श्रीमति सुषमा ठाकुर पूर्व में सीनियर आदिवासी कन्या छात्रावास गोसाई खमरिया में अधीक्षिका के रूप में पदस्थ थी। कन्या छात्रावास में कुछ महिने पदस्थ होने पर ही छात्रावास की छात्राओं की सबसे अच्छी और छात्राओं का ख्याल रखने वाली छात्राओं की सबसे मनपसंद अधीक्षिका बन गयी थी। यह बात तब सामने आयी जब अधीक्षिका श्रीमति सुषमा ठाकुर का आदिवासी कन्या छात्रावास गोसाई खमरिया से स्थानांतरण हुआ तो छात्रावास की सभी छात्राओं द्वारा उनको जाने से मना किया गया। इसके साथ ही श्रीमति सुषमा ठाकुर के गले लगकर छात्राओं को रोते हुये सिसकियां लेते देखा गया। 

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