जनजाति लड़कियों से गैर जनजाति के लोग शादी कर चुनाव लड़ाने के साथ उनके नाम पर जमीन की कर रहे खरीद फरोख्त
समाज के कुछ लोग जनजाति का प्रमाण पत्र लेकर उसकी मूल संस्कृति सभ्यता को छोड़कर केवल इसका लाभ ले रहे है
अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा की राज्य स्तरीय बैठक सिवनी जिला मुख्यालय में हुई संपन्न
सिवनी। गोंडवाना समय।
राष्ट्रीय अध्यक्ष शिशुपाल शोरी पूर्व आईएएस] विधायक व संसदीय सचिव छ0 ग0 शासन के निर्देश, राष्ट्रिय संघठन मंत्री कमल मर्सकोले पूर्व विधायक बरघाट जिला सिवनी के मार्गदर्शन में प्रदेश अध्यक्ष चंदनलाल मार्सकोले सिवनी एवं महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष श्रीमती कामिनी शाह हरई जागीर रियासत छिंदवाड़ा की अध्यक्षता में दिनांक 18 दिसंबर 22 को जिला सिवनी में अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा मध्यप्रदेश के नवनियुक्त पदाधिकारीगणों की प्रथम परिचय एवं चिंतन बैठक आयोजित की गई थी।
जिसमे मंच सचालन प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिरसाम के द्वारा किया गया। एस एस ठाकुर सेवानिवृत्त डीएसपी जिला सागर द्वारा सुझाव दिया गया कि सबसे प्राचीन बोली भाषा और धर्म को संविधान में अधिसूचित किया जाए। जिसके लिए राष्ट्रिय स्तर पर काम करने की आवश्यकता है। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज कोड़ापे बालाघाट द्वारा समाज की आर्थिक स्थिति और उसके विकास के लिए आर्थिक कोष बनाए जाने की बात कही।
हमें ही साहित्य और संस्कृति को गढ़ना और और उसका प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता है
इसके पश्चात प्रदेश सचिव शिवकुमार मरकाम छिंदवाड़ा द्वारा जल, जंगल, जमीन को लेकर बहुत से संगठन बने है परंतु उनके उद्देश्य अनुरूप कार्य नहीं हो रहा, इस राष्ट्रीय संगठन की नियम और अनुशासन की बात कही। इसी प्रकार प्रदेश सह संगठन मंत्री राहुल परतेती छिंदवाड़ा द्वारा कहा गया कि देश जीडीपी से चलता है, सारी सरकार अर्थ की व्यवस्था चलती है, समाज को भी चलाने के लिए अर्थ निर्माण और उसके उपयोगिता की बात कही गई। इसी प्रकार कुंवर भीष्म शाह राज परिवार ढिलवार नहसिंहपुर द्वारा गोंडवाना के वैभवशाली इतिहास और संस्कृति की बात कही गई। इसके साथ ही कहा की साहित्य समाज का आइना होता है, हमारे हजारों सालों के इतिहास को सही स्थान नही दिया गया है, जिसके लिए हमें ही साहित्य और संस्कृति को गढ़ना और और उसका प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही किलो महलों की रक्षा और उसके सरक्षण की बात कही गई।
देश का सबसे पुराना संघठन है अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा
इसके बाद प्रदेश प्रवक्ता अवधराम मर्सकोले सागर के द्वारा कहा गया की प्रदेश में जितने भी संगठन है वह स्थानीय स्तर के सगठन है, अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा ये आजादी के पूर्व गोंडवाना साम्राज्य के राजे महाराजाओ के द्वारा निर्माण किया गया, यह देश का सबसे पुराना संघठन है।
जिसका प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन सन 1931 में जिला गोंदिया महाराष्ट्र में हुआ था, उसके पश्चात जिला मंडला के नैनपुर के इटका में इसका दूसरा राष्ट्रिय अधिवेशन हुआ था परंतु आजादी के बाद राज्यों के गठन और परस्थितियों के बदलाव के कारण यह सगठन कमजोर हुआ था। खुद उनके द्वारा पांच बार राष्ट्रीय अधिवेशनों में पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, बिहार और मध्य प्रदेश के अमरवाड़ा में हुए 13 वे राष्ट्रीय अधिवेशन में वो शामिल हुए है। सगठन के विस्तार के लिए राज्य को चार भागों में विभाजित करके उनके प्रभारियों के माध्यम से विस्तार करने की बात कही है।
गोंडी भाषा संस्कृति और शिक्षा दीक्षा पर काम करने की बात कही
इसी प्रकार प्रदेश सदस्य महिला मोर्चा श्रीमती दयावंती ऊईके बालाघाट द्वारा गोंडी भाषा संस्कृति और शिक्षा दीक्षा पर काम करने की बात कही। इसी प्रकार प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ श्रीमती कामिनी शाह हरई जागीर राजपरिवार छिंदवाड़ा के द्वारा बताया गया कि अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा का इतिहास बहुत पुराना है, ये कोई आज का संगठन नही है आजादी के पहले से कार्यरत संघठन है।
उनके दादाजी ने पांच बार इस संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्षता की थी, वह बचपन से इस सगठन से परिचित है और आज उसी ऐतिहासिक संघठन में आज उन्हें भी समाज सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है जो बड़े गर्व और सम्मान की बात है। आज समाज के कुछ लोग जनजाति का प्रमाण पत्र लेकर उसकी मूल संस्कृति सभ्यता को छोड़कर केवल इसका लाभ लिया जा रहे है।
जनजाति लड़कियों से गैर जनजाति के लोग शादी कर चुनाव लड़ा रहे है तो कही उनके नाम पर जमीन की खरीद फरोख्त की जा रही है, उनकी जाति प्रमाण पत्र का दुरुपयोग किया जा रहा है। इस राष्ट्रीय स्तर के संघठन से जुड़ने और इसके उद्देश्यों के लिए काम करने की बात कही ।
जनजातियों की जल, जंगल और जमीन, भाषा, बोली, धर्म की महत्वपूर्ण समस्या राष्ट्रिय स्तर की है
इसी कड़ी में प्रदेश अध्यक्ष चंदनलाल मर्सकोले सिवनी द्वारा कहा गया है, उनका जीवन समाज सेवा के लिए ही समर्पित रहा है जिसके लिए उनके द्वारा गंभीर बलिदान भी दिया गया। इस राष्टीय स्तर के संघठन को नई पहचान देने के लिए सभी को आव्हान किया गया।
प्रदेश महासचिव हरी सिंह मरावी डिंडोरी द्वारा कहा गया कि उनके पिता के साथ बचपन में इस सगठन के राष्ट्रीय अधिवेशन में पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश और उड़ीसा में वो शामिल हुए थे और आज खुदके 50 वर्ष होने पर उसी संघठन के मध्यप्रदेश में पुन: स्थापन के कार्य में समाज और पदाधिकारी को मार्गदर्शन और विश्वास प्रदान किया की बेहद प्रभावी तरीके से इसका विस्तार होना है।
इसी प्रकार प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज सैयाम द्वारा बताया गया कि हम जनजातियों की महत्वपूर्ण जल, जंगल और जमीन, भाषा, बोली, धर्म की समस्या राष्ट्रिय स्तर की है। जिसके समाधान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय स्तर के संघठन के साथ कार्य करने पर ही यह संभव है, हमारी संख्या तो अधिक है परंतु संख्या मायने नहीं रखती क्वालिटी मायने रखती है, इसलिए भीड़ बढ़ाने वाला नहीं क्वालिटी बनाने के लिए काम करने की जरूरत है, बढ़े आयोजन की अपेक्षा छोटे-छोटे बैठक कैडर करने की आवश्यता है पर प्रकाश डाला गया।
जनजातियों के बलिदान और इतिहास गौरव प्रदान करने के लिए गौरव दिवस मनाया जा रहा है
अंत में पूर्व विधायक और राष्ट्रीय सगठन मंत्री कमल मर्सकोले द्वारा इस संघठन का कार्य देश के 14 राज्यों में जिसमें आद्रप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य्प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, तेलगाना आदि राज्यों यह संघठन गोंड, गोंडी, गोंडवाना और गोंडी भाषा और संस्कृति के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रहा है।
राष्ट्रीय स्तर के संघठन में काम करने से हमारी संस्कृति और अस्तित्व को राष्ट्र में प्रभावी पहचान मिली है इसी का नतीजा है कि जनजातियों के बलिदान और इतिहास गौरव प्रदान करने के लिए गौरव दिवस मनाया जा रहा है और हमारे महापुरुषों को मान और सम्मान मिल रहा है। मध्य प्रदेश में भी संघठन बढ़े ही प्रभावी तरीके से पुन: स्थापित हो गई है जिसके लिए स्पष्ट योजना और समय निर्धारित कर इसके उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए समस्त पाधिकारियो का स्वागत और अभिनंदन कर देश और समाज हित में कार्य करने की बात कही।
फरवरी माह में उड़ीसा राज्य में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन की जानकारी प्रदान की गई
वहीं फरवरी माह में उड़ीसा राज्य में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन की जानकारी प्रदान की गई। इस बैठक में मध्यप्रदेश कोषाध्यक्ष रामनरेश आर्मो, सिवनी कार्यालय सचिव ओमप्रकाश नरेती सिवनी, प्रदेश सदस्य सुंदर सिंह मरावी सागर, करण सिंह जगेत सेवानिर्वत पुलिस निरक्षक जिला सागर, अनुज शाह नरहसिंहपुर, चिंटा सलामे, कार्यवाहक जिला अध्यक्ष संतोष वरकड़े, प्रदेश युवा प्रकोष्ठ इंजीनियर गुलशन मरावी, प्रदेश सदस्य सकीलाल ऊईके, इंद्रलाल उईके, नोकेलाल काकोड़िया, जितेंद्र ऊर्फ राजू आदि शामिल हुए। बैठक में विभिन्न प्रस्ताव पारित किए गए और जिला सिवनी के जिला अध्यक्ष पद पर सुनील कुमार इड़पाचे, जिला डिंडोरी के लिए अजय टेकाम, जिला छिंदवाड़ा के जिला अध्यक्ष माधव कुवेर्ती को सर्वसम्मति से प्रदेश संघठन मंत्री एवं महासचिव की अनुशंसा पर प्रदेश अध्यक्ष द्वारा नियुक्ति प्रदान की गई और देश और समाज हित में कार्य करने हेतु शुभकामनाए एवं बधाई प्रेषित गई।