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मूलनिवासियों की एकजुटता को देखकर दोनों राष्ट्रीय राजनैतिक दल दहशत में हैं-अनिल सिंह गोंड

मूलनिवासियों की एकजुटता को देखकर दोनों राष्ट्रीय राजनैतिक दल दहशत में हैं-अनिल सिंह गोंड

मध्यप्रदेश की करीब 2 करोड़ से ज्यादा आदिवासी आबादी को लुभाने के लिए दिन रात लगे हुये है


कमलेश गोंड, राष्ट्रीय संवाददाता
शहडोल। गोंडवाना समय।
 

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी गोहुपारा के नेतृत्व में स्थानीय मुद्दे को लेकर आयोजित एकदिवसीय धरना प्रदर्शन के दौरान मुख्य अथिति रहे गोंगपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल सिंह गोंड ने मध्यप्रदेश की सियासत की नजाकत को समझते हुये कार्यकतार्ओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि इन दिनों मूलवासियों का सबसे पिछड़ा तबका यानी आदिवासी राजनीतिक दलों की जुबान पर है।
            


 वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के झण्डा के नीचे आकर मूलनिवासियों की एकता को देखकर भाजपा और कांग्रेस राष्ट्रीय राजनैतिक दल दहशत में है। मध्यप्रदेश में आगामी वर्ष विधानसभा चुनाव होना है, जहाँ देश के दोनों राजनितिक दल कांग्रेस और भाजपा मध्यप्रदेश की करीब 2 करोड़ से ज्यादा आदिवासी आबादी को लुभाने के लिए दिन रात लगे हुये है। 

भाजपा सरकार आदिवासी क्षेत्रों में जाकर पेसा जागरूकता शिविर लगा रही है


गोंगपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल सिंह गोंड ने आगे कहा कि सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस के नेता आये दिन जोर लगा रहे हैं तो कहीं लुभावनी योजनाओं का पिटारा खोल रहे है। आदिवासियों से जुड़ी तमाम योजनाओं, जनजातीय जननायकों की प्रतिमा लगवाने और स्मारकों का विकास कराने जैसे काम तेजी से शुरू कर दिये हैं। 15 नवंबर से मप्र में पेसा कानून प्रभावी होने के बाद भाजपा सरकार आदिवासी क्षेत्रों में जाकर पेसा जागरूकता शिविर लगाकर आदिवासियों से सीधे संवाद कर रहा है, कांग्रेस भी पद यात्रा कर आदिवासीयों को जल, जंगल और जमीन की लड़ाई याद दिला रही है। 

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का रूट आदिवासी बाहुल्य इलाकों में ही रखा गया

गोंगपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल सिंह गोंड ने आगे कहा कि मध्यप्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का रूट आदिवासी बाहुल्य इलाकों में ही रखा गया। मध्यप्रदेश के 20 जिलों के 89 ब्लॉक जनजाति बाहुल्य हैं।जहाँ प्रदेश की लगभग 84 सीटों पर आदिवासी वोटर ही तय करते हैं कि कौन सी पार्टी जीतेगी। मध्यप्रदेश में आदिवासियों के लिये 47 सीटें आरक्षित है, जहाँ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का नेतृत्व अहम भूमिका में होती है। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी पूरे मध्यप्रदेश भर में जनजाति अंचल के इलाकों में आवाज बनेगी। 

गोंगपा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों से कमजोर, पीड़ित, वर्ग को जगा रही है

गोंगपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल सिंह गोंड ने आगे कहा कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव नतीजे पर नजर डालें तो महाकौशल इलाके में गोंडवाना फैक्टर ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए मुश्किल खड़ी की थी। कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो गया था लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी प्रदेश की सरकार बनाने में मुख्य भूमिका में रहेगी। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की राज्य के सभी क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को जनता जानती है। राजनीतिक स्वायत्तता को मजबूत करने के इरादे को लेकर चलते हुये गोंगपा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों से कमजोर, पीड़ित, वर्ग को जगा रही है। 

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