लघौरी (पिट्टू) खेल में मण्डला जिले के बालक-बालिका खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर लहराया परचम
लघौरी (पिट्टू) खिलाड़ियों का रमपुरी पंचायत में किया गया सम्मान
नैनपुर/मण्डला। गोंडवाना समय।
पारंपरिक खेलों को जहां बच्चे, युवा-युवतियां भूलते जा रहे है उन्हीं खेलों में आदिवासी बाहुल्य मण्डला जिले के शासकीय स्कूलों में पढ़ने बालक-बालिकायें राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाकर मण्डला जिला सहित मध्यप्रदेश का नाम रोशन कर रहे है।
हम आपको बता दे कि लघौरी खेल यानि पिट्टू खेल जो कि बच्चों सहित युवाओं और युवतियों का पारंपरिक खेल है जो गांव हो या शहर वहां की गलियों व मैदानों में आसानी से खेलते हुये देखा जा सकता था लेकिन आधुनिक युग व मोबाईल के बढ़ते प्रयोग के कारण पारंपरिक खेलों से बच्चे और युवा वर्ग भूलते जा रहे है। ऐसे समय में लधौरी जैसे खेल यानि िपट्टु खेल में मण्डला जिले के शासकीय स्कूल के बालक-बालिकाओं ने राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराया है।
उत्कृष्ट प्रदर्शन कर वापस लौटने पर रमपुरी पंचायत के द्वारा बालक-बालिकाओं का सम्मान कार्यक्रम रखा गया है। उक्त कार्यक्रम में क्षेत्रिय विधायक देव सिंह सैयाम, तहसील दार नैनपुर, बीईओ नैनपुर, जिला पंचायत सदस्य चिरेडोंगरी, समाजिक कार्यकर्ता वंदना तेकाम सहित अन्य अतिथिगण विशेष रूप से मौजूद रहे।
16 अंको से हराकर चैम्पियन बनी और गोल्ड मैडल प्राप्त की
जनजाति विकास विभाग मंडला के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति विभाग की टीम पिट्टू खेल में नेशनल चैम्पियन बनी है। वहीं तीसरे राष्ट्रीय स्तर पिट्टू क्रीड़ा प्रतियोगिता जो कि 26 से 28 दिसंबर तक बड़ोदरा ( गुजरात) में संपन्न हुई। जिसमें कोच डी. एस. ठाकुर, कोच अवध कुमार पटेल, मैनेजर नवीन कुमार चौरसिया, के डी बैरागी व सविता चौरसिया के नेतृत्व में टी.डब्लू. डी. की टीम से मण्डला जिले के खिलाड़ी बालिका टीम फाईनल मुकाबला में राजस्थान को 16 अंको से हराकर चैम्पियन बनी और गोल्ड मैडल प्राप्त की।
गुजरात को 42 अंको से हराकर तीसरा स्थान प्राप्त कर कांस्य पदक प्राप्त किया
वहीं बालक वर्ग में भी गुजरात को 42 अंको से हराकर तीसरा स्थान प्राप्त कर कांस्य पदक प्राप्त किया। पारंपरिक खेल पिट्टू प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाकर मण्डला जिले का नाम गौरवांितव किया है। बालक वर्ग में शामिल खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन से गुजरात की टीम को हराया है।
पिट्टू खेल में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने इन्होंने निभाई भूमिका
संजू विश्वकर्मा, संजू वरकड़े, अंकित इनवाती, दिनेश मार्को, अरविंद मरावी, सुजीत कुमार, राहुल, जितेन्द्र, संदेश पन्द्रो, दिलीप, रामचरण, प्रहलाद, तनमय, अखिल झारिया, कोच अवध पटेल, मैनेजर नवीन चौरसिया, रंजीता, शालिनी, नीलू, भक्ति, सुमन, अंजनी, रविता, निर्मला, श्रृद्धा, ज्योति, दीक्षा, साावित्री, प्रज्ञान्शी, पलक, कोच डीएस ठाकुर, मैनेजर सविता चौरसिया प्रमुख रूप से भूमिका निभाये।
इन्होंने दी बधाई व शुभकामनायें
टीमों की इस उपलब्धि पर सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग विजय तेकाम, अरविंद सिंह, मधु कछवाहा, के.डी. बैरागी, विपिन कुजूर, गौतम सूर, दिनेश बघेल, मंगल पन्द्रे, जमादार धुर्वे, जयनारायण मिश्रा प्राचार्य सर्बोदय ककैया, कौशल्या नेटी प्राचार्य सालीवाड़ा, नितिन ठाकुर, माहुली, प्रदीप समुद्रे, संदीप वर्मा, रामफल गोठरीया, लीला पन्द्रों, राजकुमार बाबरिया, अविनाश खंडेलवाल, समीर उईके, संजीव सोनी, चंदेला सर एवं सभी खेलप्रेमियों ने बधाई व शुभकामनाएं दी है।
वंदना तेकाम ने पेन डायरी से बालक-बालिकाओं का सम्मान कर किया उत्साहवर्धन
कार्यक्रम में पहुंची सामाजिक कार्यकर्ता वंदना तेकाम ने खिलाड़ियों को संदेश देते हुये कहा कि पारंपरिक खेल पिट््टु के खेल में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी बनाने वाले मण्डला जिले के शासकीय स्कूलों के बालक-बालिकाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है जो कि बधाई प्रशंसा के पात्र है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों को मोबाईल का प्रयोग कम से कम एवं आवश्यक होने पर ही करना चाहिये।
मोबाईल का उपयोग अनिवार्य आवश्यकता होने पर ही प्रयोग करें अन्यथा इससे दूरी बनाये रखें। मोबाईल को आदत या लत न बनाये, क्योंकि छोटे-छोटे बच्चें मैदान में एवं गलिया मोहल्लों में खेलते हुये दिखाई देते थे वे अब मोबाईल में व्यस्त दिखाई दे रहे है, उन्होंने अभिभावकों से भी अपील किया कि बच्चों को खेल के प्रति प्रेरित करें। इसके साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता वंदना तेकाम ने सभी बालक-बालिकाओं जिन्होंने खलाड़ियों के रूप में अपना योगदान दिया उनका उत्साहवर्धन करने हेतु सभी को पेन डायरी देकर सम्मानित किया।