Monday, January 16, 2023

कस्तुरबा गांधी कन्या आश्रम की बालिकाओं की जिंदगी खतरे में डाल रही अधीक्षिका

 कस्तुरबा गांधी कन्या आश्रम की बालिकाओं की जिंदगी खतरे में डाल रही अधीक्षिका 

कस्तूरबा गांधी कन्या आश्रम, विकासखंड कटेकल्याण, दंतेवाड़ा जिला की अधीक्षिका की घोर लापरवाही आई सामने 


दुर्गाप्रसाद ठाकुर, राज्य ब्यूरो प्रमुख छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़। गोंडवाना समय। 

सामाजिक कार्यकर्ता संजय पंत ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि  कस्तूरबा गांधी बालिका आश्रम, कटेकल्याण  कि अधीक्षिका की गैर जिम्मेदाराना एवं घोर लापरवाही देखी जा सकती है।
        



शिक्षा प्राप्त करने आए हुए नन्हें बालिकाओं को घोर घने पहाड़ी जंगलों से घिरे रास्तों से गुजर कर अंदर गांवों में जाकर गोबर इकट्ठा कर बाल्टीओं में भरकर लाते हुए देखा व पाया गया। 

नन्ही बालिकाओं को जंगल से गोबर लाने को मजबूर कर रही अधीक्षिका


आगे जानकारी देते हुये संजय पंत ने बताया कि कस्तूरबा गांधी आश्रम अधीक्षिका के द्वारा हर शनिवार को नन्हें नन्हें बालिकाओं बच्चों से गोबर लाने के लिए बाध्य किया जाता है एवं

मजबूरीवश नन्हे बच्चे घने जंगलों के रास्तों से गुजरते हुए गांव में जाकर गोबर लाते हैं।

यदि घने जंगलों से होते हुए गोबर लेने जाते समय या फिर आते समय नन्हे-नन्हे बच्चों के साथ जंगली, जानवर सांप-बिच्छू डसने और जंगल के बड़े जानवरों के द्वारा हमला करने या असामाजिक तत्वों के द्वारा कोई भी अनहोनी घटना घटने पर इसकी जवाबदेही किसकी होगी हॉस्टल अधीक्षक की या जिला शासन प्रशासन की।

अधीक्षिका पर की जाये विभागीय कार्यवाही-संजय पंत


संजय पंत ने जिला प्रशासन से निवेदन किया है कि इस खबर को गंभीरता से लेते हुए कस्तूरबा गांधी की अधीक्षिका के ऊपर कड़ी विभागीय कार्यवाही करें

ताकि भविष्य में बच्चों के जान को जोखिम में डालने वाले गैर जिम्मेदाराना फरमानों से बचा जा सके। माता पिता अपने बच्चों को आश्रम एवं स्कूलों में पढ़ने एवं शिक्षा प्राप्त करने भेजते हैं गोबर बीनने नहीं।

अच्छी शिक्षा प्राप्त कर परिवार, समाज व देश का नाम रोशन करने के लिये आते है बच्चे


सामाजिक कार्यकर्ता संजय पंत ने आगे कहा की माता-पिता अपने बच्चों को अपनों से दूर कर स्कूल एवं आश्रमों में इसलिए भेजते हैं की बच्चे देश के भविष्य हैं एवं अच्छे से शिक्षा प्राप्त कर परिवार, समाज एवं देश का नाम रोशन कर सके।

हम जिला प्रशासन से निवेदन करते हैं की जांच समिति गठित कर कस्तूरबा गांधी आश्रम में रहकर पढ़ाई करने वाले नन्हें बालिकाओं से पूछताछ करें एवं गैर जिम्मेदाराना हरकत करने वाली आश्रम अधीक्षिका के खिलाफ विधि सम्मत कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें।

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