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हत्या के आरोपी डिप्टी रेंजर संतोष व अधीनस्थ चौकीदारों को हत्या के अपराध में आजीवन कारावास

हत्या के आरोपी डिप्टी रेंजर संतोष व अधीनस्थ चौकीदारों को हत्या के अपराध में आजीवन कारावास

आरोपी डिप्टी रेंजर ने रात्रि में ही मृतक रूपचंद के शव को बेहरई के जंगल में ले जाकर जला दिया था

लोकेश घोरमारे वरिष्ठ सहायक लोक अभियोजन अधिकारी ने पैरवी करते हुए रखे सबूत

पुलिस थाना बरघाट में 6 जून 2018 को लिखित आवेदन देकर की गई थी शिकायत


सिवनी। गोंडवाना समय।


पुलिस थाना बरघाट में 6 जून 2018 को वन परिक्षेत्र अधिकारी बेहरई मुन्ना लाल मिश्रा द्वारा एक लिखित आवेदन दिया गया कि डिप्टी रेंजर संतोष उइके ने 5 जून 2018 के सुबह 6:30 बजे ग्राम गांगपुर के रूपचंद पिता सखाराम यादव उम्र 42 साल को जंगल से पकड़ कर अपने शासकीय निवास स्थान पर लेकर आया और उसे चौकीदारो के साथ मिलकर मारपीट कर पूछताछ किया जिस कारण रूपचंद यादव की शाम 4:00 बजे मत्यु हो गई। चौकीदारो के साथ मिलकर डिप्टी रेंजर संतोष उइके ने रूपचंद यादव की लाश को साक्ष्य छिपाने की गरज से बेहरई के जंगल में ले जाकर रात में ही दाह संस्कार कर दिया। 

चिता से मृतक की हड्डीयां, राख एवं घटना स्थल की मिट्टी जप्त की गई

प्रदीप कुमार भौरे मीडिया सेल प्रभारी सिवनी द्वारा बताया गया कि रिपोर्ट मिलने पर पुलिस ने मर्ग क्र.37/18 धारा 174जा.फौ. का कायम कर विवेचना किट, कैमरा, कार्यपालक मजिस्ट्रेट, जिला वैज्ञानिक अधिकारी, एवं थाना स्टाफ एवं आरोपी डिप्टी रेंजर संतोष उइके को तलब कर उसके बताये मेमोरेण्डम कथन पर उसके बताये अनुसार घटना स्थल पर पहुचकर देखा की मृतक रूपचंद यादव का शव की चिता बालाघाट वन क्षेत्र की सीमा मे जल रही है। मृतक का शव पूर्ण रूप से जल चुका था चिता में राख के अंदर आग सुलग रही थी। मौके का पंचनामा पुलिस द्वारा तैयार किया गया। मौके से मृतक की चिता से उसकी हड्डीयां, राख, एवं घटना स्थल की मिट्टी जप्त की गई। 

पूछताछ के दौरान हाथ मुक्कां एंव डंडा से मारपीट करके कर दिया था हत्या

मर्ग जांच के गवाह चौकीदार बैरागी सिरसाम से पूछताछ कर कथन लेखबध्द किये गये। जिन्होने अपने कथनो मे बताया कि दिनांक 05 जून 2018 के सुबह के समय डिप्टी रेंजर संतोष उइके के पास चौकीदार सिकेन्द्र हरिनखेडे, सुरेन्द्र हरिनखेडे, खवासा वाला संतोष चौकीदार, सिवनी वाला सरवन विश्वकर्मा चौकीदार, ने मृतक को जंगल से पकड़ कर डिप्टी रेंजर संतोष उड़के के शासकीय क्वाकटर घीसी में लेकर आये एवं डिप्टी रेंजर संतोष उइके, एवं चौकीदार सिकेन्द्र हरिनखेडे, सुरेन्द्र हरिनखेडे, खवासा वाला संतोष चौकीदार, सिवनी वाला सरवन विश्ववकर्मा चौकीदार, एवं संतोष पिता देवा जी लोहार चौकीदार निवासी कौडिया एवं गांगपुर के चौकीदार फूलसिंह उइके, दिलीप ठाकरे ने मृतक से पूछताछ कर हाथ मुक्कां एंव डंडा से मारपीट किया एवं उसकी हत्या कर दिया। मृतक के शव के साक्ष्य को छिपाने की गरज से डिप्टी रेंजर संतोष उइके ने स्वयं की फोरव्हीलर गाडी में रात्रि में ही मृतक रूपचंद के शव को ले जाकर बेहरई के जंगल मे ले जाकर जला दिया।  

धारा 302, 201, 147 धारा के तहत अपराध पंजीबध्द किया गया

मर्ग जांच के दौरान घटना स्थल जहां मृतक रूपचंद यादव को मारपीट कर उसका शव रखा गया था उसका निरीक्षण किया गया। पुलिस द्वारा मौके पर फर्श में आंशिक मात्रा में रक्त मिलने पर जप्ती की कार्यवाही की गई। सम्पूर्ण मर्ग जांच पर डिप्टी रेंजर संतोष उइके एवं उसके चौकीदार सिकेन्द्र हरिनखेडे, सुरेन्द्र हरिनखेडे, खवासा वाला संतोष चौकीदार, सिवनी वाला सरवन विश्वकर्मा चौकीदार, संतोष पिता देवाजी लोहार चौकीदार, फूलसिंह उइके चौकीदार एवं दिलीप ठाकरे चौकीदार का कृत्य धारा 302, 201, 147 भादवि का पाये जाने से इनके विरुद्ध उपरोक्त धारा के तहत अपराध पंजीबध्द किया गया एवं विवेचना तेज तर्रार तत्कालीन थाना प्रभारी खेमेन्द्र जैतवार के द्वारा की गई। 

2 आरोपी सिकेन्द्र हरिनखेड़े एवं सुरेंद्र हरिनखेड़े को सबूतों के अभाव में किया गया बरी

विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय श्री खालिद मोहतरम अहमद तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक लोकेश घोरमारे वरिष्ठ सहायक लोक अभियोजन अधिकारी ने पैरवी करते हुए सबूत रखे। प्रकरण के गवाह न्यायालय में अपने पुलिस को दिए कथनों से मुकर गए थे परंतु वैज्ञानिक सबुत एवं परिस्तिथिजन्य सबूत के आधार पर श्री  खालिद मोहतरम अहमद तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा 16 जनवरी 2023 दिन सोमवार को आरोपीगण संतोष पिता परसादी लाल उइके डिप्टी रेंजर, चौकिदार फूलसिंह पिता बादामी उइके, दिलीप पिता दीपचंद ठाकरे, सरमन पिता बलिराम विश्वकर्मा, संतोष पिता देवाजी मेश्राम, संतोष पिता दसरथ धराडे सभी 6 आरोपीगण को धारा 302 भदावी में आजीवन कारावास एव 3-3 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अन्य 2 आरोपी सिकेन्द्र हरिनखेड़े, एवं सुरेंद्र हरिनखेड़े को सबूतों के अभाव में बरी किया गया है।          

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