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सरेखा उपार्जन केंद्र में लुट रहे हैं किसान, फसलों को बेचने के लिए किसानों को करनी पड़ रही हैं हमाली

सरेखा उपार्जन केंद्र में लुट रहे हैं किसान, फसलों को बेचने के लिए किसानों को करनी पड़ रही हैं हमाली

उपार्जन केंद्र प्रभारी रहते हैं नदारद, फर्जी तरीके से हो रहा है कार्य 

उच्च अधिकारी एवं नोडल अधिकारी सो रहे कुंभकरण की नींद


अजय नागेश्?वर/ विशेष संवाददाता
सरेखा/उगली। गोंडवाना समय।

हम जय जवान और जय किसान का नारा तो लगा देते हैं लेकिन वो किसान आज बहुत परेशान है। फसल उगाने से लेकर काटने तक ना जाने कितनी तकलीफों का किसान सामना करता है तब जाकर अनाज घर पहुंचता है। आज हालात ऐसे हो गए कि बगैर दलाली के कोई भी काम नहीं हो रहे है। चाहे किसी भी डिपार्टमेंट की बात हो, बगैर दक्षिणा के कोई भी काम नहीं हो रहे हैं।
            


वही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान अपने आपको किसान पुत्र बताते हैं उन्हीं के विधायक श्री राकेश पाल सिंह के विधानसभा क्षेत्र केवलारी से लगभग 30 किलोमीटर दूर ग्राम सरेखा में वूमेंस पावर स्व सहायता समूह भोमा के द्वारा धान खरीदी की जा रही है लेकिन हम आपको बता दें उपार्जन केंद्र प्रभारी श्रीमती सुषमीना प्रजापति आज तक इस खरीदी केंद्र में पैर नहीं रखी है। बिल्कुल फर्जी तरीके से खरीदी केंद्र की जा रही है। वहां के आॅपरेटर ही अपने आप को उपार्जन केंद्र प्रभारी बताते हैं।

किसान स्वयं कर रहा है हमाली, हमालो का काम सिर्फ बोरी सिलना और ट्रक में माल लोड करना 


हमालो को व्यापारियों ने घूस खिला-खिला कर उन्हें भी घूसखोर बना दिया है। चक्कर काटते रह जाएंगे तब भी आपकी धान समय पर नहीं तौली जाएगी, जब तक आप दक्षिणा ना दो। अगर ऐसा नहीं करना है तो आप स्वयं हमाली कर अपनी धान स्वयं बोरे भरें। इसका मुख्य कारण है कि किसानों को किसी भी खरीदी केंद्र में टोकन नहीं दिया जाता ,यह सबसे बड़ी समस्या है। वहीं व्यापारीयों का क्या है है 100-200 रूपए दे भी दिए तो उन्हें फर्क नहीं पड़ता उनकी तो हजारों कुंतल धान तौली जाती है।

परिवहन की धीमी गति से किसानों को हो रही परेशानी

सरेखा खरीदी केंद्र में मंडी एकदम फुल हो चुकी है, इसे हाउसफुल भी कहा जा सकता है। इस संबंध में आॅपरेटर से बात की गई तो उन्होंने कहा भैया नया साल की वजह से हमाल लोग भी नहीं आ पाए एवं गाड़ियां भी नहीं इस वजह से धान का भंडार लग गया है, इससे पहले ऐसी दिक्कत नहीं गई।
            उसके बाद गोंडवाना समय समाचार पत्र ने इनके कंट्रोल नंबर पर फोन लगा कर इसकी जानकारी दी तो उन्होंने शैलेश शर्मा नोडल अधिकारी सिवनी का नंबर दिया, उस नम्बर पर दूरभाष के माध्यम से संपर्क किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। हालांकि यहां के नोडल अधिकारी सरेखा के पटवारी है लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। अब यह समस्या उत्पन्न हो गई है कि किसान धान लेकर आएगा तो कहां रखेगा?। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चौकीदार रात्रि के समय दारू पीकर लेस रहते हैं। यदि धान की बोरियां चोरी होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? 

41 किलो 200 ग्राम खरीदी जा रही धान

आॅपरेटर से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि 40 किलो 600 ग्राम खरीद रहे हैं लेकिन जब हमने धान मंडी का भ्रमण किया तो 41 किलो 200 ग्राम खरीदी जा रही थी। हमालो से पूछने पर उन्होंने कहा हमें जैसा आदेश है हम वैसा ही कर रहे हैं। हालांकि इसी खरीदी केंद्र की बात नहीं सभी जगह 41 किलो 200 ग्राम खरीदी जा रही है। कौन दे रहा है संरक्षण यह तो केंद्र प्रभारी ही जाने ?  

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