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गैर आदिवासी द्वारा धोखाधड़ी कर छलपूर्वक खरीदी जमीन आदिवासी को वर्षो बाद मिली वापस

गैर आदिवासी द्वारा धोखाधड़ी कर छलपूर्वक खरीदी जमीन आदिवासी को वर्षो बाद मिली वापस

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी का है मामला 

जमीन के आदेश होने के बाद गैर आदिवासी ने बंदुक की गोली चलाकर दहशत फैलाने की कोशिश किया

जयस प्रदेश अध्यक्ष व पदाधिकारियों ने पीड़ित सहित मध्यप्रदेश के आदिवासियों को जमीन वापस दिलाने सौंपा ज्ञापन  


बुधनी/सीहोर। गोंडवाना समय। 

आदिवासी बाहुल्य मध्यप्रदेश में गैर आदिवासियों के द्वारा आदिवासियों की जमीन की खरीद-फरोक्त करने का षडयंत्र, धोखाधड़ी, छलकपट करते हुये हजारों एकड़ का खेल भूमाफियाओं के द्वारा किया गया है। मध्यप्रदेश के अधिकांश जिलो में आदिवासियों की जमीन पर गैर आदिवासियों ने कब्जा किया हुआ है।
                


यहां तक कब्जा के आधार पर सिवनी जिले में आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को विक्रय कर दिया गया है। मध्यप्रदेश के कई जिलों में आदिवासी की जमीन गैर आदिवासियों ने कलेक्टर से अनुमति लेकर आदिवासियों को भूमिहीन बना दिया है। आदिवासियों की जमीन की अनुमति दिये जाने के खेल में कलेक्टर कार्यालय से लेकर संभाग आयुक्त कार्यालय से लेकर ग्वालियर भू अभिलेख आयुक्त राजस्व तक अधिकारियों का बड़ा गिरोह भूमाफियाओं के साथ मिलकर बेधड़क कर रहा है।
            हालांकि कुछ जिलों में जहां पर ईमानदार अफसर या न्यायालय में ईमानदार दण्डाधिकारी बैठे हुये वे ईमानदारी से न्याय देकर आदिवासियों की जमीन को वापस दिलवाने में अपनी भूमिका निभा रहे है। 

बंदुक की गोली से फायर करके हमला करते हुये हत्या करने की कोशिश की गई 


ऐसा ही एक मामला पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा बुधनी क्षेत्र के अंतर्गत एसडीएम न्यायालय द्वारा गैर आदिवासी द्वारा 6 एकड़ जमीन जिसे छलपूर्वक, धोखाधड़ी करके आदिवासी से जमीन खरीदने का कृत्य किया गया था जिसे वापस आदिवासी परिवार को दिलवाया गया है।
             वहीं एसडीएम द्वारा आदेश किया गया और आदिवासी परिवार द्वारा जमीन पर खेती किसानी करने का कार्य किया गया तो गैर आदिवासी सुदामा शिवहरे के द्वारा आक्रोशित होकर आदिवासी परिवार पर बंदुक की गोली से फायर करके हमला करते हुये हत्या करने की कोशिश की गई।
        उक्त मामले को लेकर केशव गोंड एवं मंगल गोंड पर जानलेवा हमला करने वालों को कठोर सजा एवं पीड़ितों की सुरक्षा व मुआवजा दिये जाने की मांग को लेकर जय आदिवासी युवा शक्ति जयस के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रपाल मरकाम सहित पदाधिकारियों के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री, जनजाति आयोग नई दिल्ली व भोपाल के नाम एसडीएम बुधनी जिला सीहोर को ज्ञापन सौंपा गया।
            बीते 03 जनवरी 2024 को सुदामा शिवहरे, सत्यम शिवहरे एवं अन्य लोगों के द्वारा बंदूक से केशव गौड़ पिता शंकरलाल गौड, मंगल सिंह, सहित अन्य पीड़ितों पर  बंदूक से गोली चलाकर जानलेवा हमला किया गया था। जिसमें केशव गोंड और उसके कुछ साथी गंभीर रूप से घायल हो गए। 

सुदामा शिवहरे से मुक्त कराकर पुन: जमीन के मालिक शंकर लाल गौड़, केशव गौड़ को वापिस दिलाया 

उक्त मामले में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बुधनी जिला सीहोर म.प्र. दद्वारा राजस्व प्रकरण क्रमांक/आरसीएमएस-0096/बी-121/2023 आदेश पारित दिनांक 09 अगस्त 2033 को म.प्र. के समाज के कमजोर वर्गों की कृषि भूमि धारको का उधार देने वालों के भूमि हड़पने संबंधी कुचक्रों से परिक्षण तथा मुक्ति अधिनियम 1976 क्रमांक 31977 की धारा 5, 6 तथा 7 के अधीन निर्णय देते हुए वर्षों से अवैध तरीके से कब्जा की गई जमीन लगभग 6 एकड़ को सुदामा शिवहरे से मुक्त कराकर पुन: जमीन के मालिक शंकर लाल गौड, केशव गौड़ को वापिस दिलाया। 

धोखे से छलपूर्वक जमीन को पहले आदिवासी नौकर व फिर पत्नि के नाम खरीदा था

उपरोक्त जमीन को सुदामा शिवहरे द्वारा शंकरलाल को दिए उधार रूपए के बदले धोखे से छलपूर्वक जमीन को पहले अपने नौकर भूरालाल आदिवासी के नाम रजिस्ट्री कराते हुए फिर अपनी पत्नी गैर आदिवासी के नाम कराया तथा लगभग 2 एकड में निजी विद्‌यालय भवन निर्माण कराया, इस पर सभी के पक्ष और साक्ष्यों के अध्ययन के बाद अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय बुधनी ने जमीन शंकरलाल गौड़ को वापस कराने का आदेश दिया। 

वापिस मिली जमीन पर केशव गोंड व शंकर गोंड गेंहू की फसल में कर रहे थे पानी की सिंचाई 

इस आदेश के बाद से अवैध कब्जा की जमीन के हाथ से चले आने से सुदामा शिवहरे एवं उसके अन्य सहयोगियों के द्वारा अत्यंत क्रोधित और उत्तेजित होकर बदले की भावना एवं दबंगई से पुन: जमीन हासिल करने के उदेश्य से केशव गोंड एवं उनके साथियों पर उस वक्त जानलेवा हमला किया जब केशव और उसके साथी उसी में से 4 एकड़ जमीन पर केशव गोंड, शंकरलाल गोंड द्वारा गेंहू की फसल में पानी दे रहे थे। 

सुदामा शिवहरे सहित अन्य साथियों पर हुआ मामला दर्ज

शाहगंज पुलिस थाना में पीड़ित आदिवासी परिवार के साथ अत्याचार, शोषण करने के साथ-साथ प्रताड़ित किया जाने पर जय आदिवासी युवा शक्ति प्रदेश अध्यक्ष व पदाधिकारियों द्वारा की गई मांग के आधार पर पुलिस प्रशासन द्वारा कानूनी कार्यवाही करते हुये प्रकरण दर्ज किया गया है। गैर आदिवासी सुदामा शिवहरे व उसके परिवारजनों के द्वारा आदिवासी परिवार की जमीन को धोखाधड़ी व छलपूर्वक षडयंत्र करके खरीद ली गई थी जिसे माननीय एसडीएम न्यायालय द्वारा वापिस कराया गया है।
                    इसके बाद से ही गैर आदिवासी सुदामा शिवहरे आक्रोशित होकर आदिवासी परिवार को प्रताड़ित करने के साथ साथ अत्याचार कर रहा था। यहां तक आदिवासी परिवार को भयभीत करने के लिये बंदुक की गोली से फायर करते हुये धमकाते हुये मारपीट करते हुये घालय भी किया था जिस पर जयस की मांग पर अब शाहगंज पुलिस द्वारा कार्यवाही करते हुये एट्रोसिटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। 

भूमाफियाओं के अन्याय, अत्याचार, शोषण से मध्यप्रदेश के आदिवासी भयभीत 


मध्यप्रदेश में भूमाफियाओं के द्वारा किये जा रहे आदिवासियों पर हो रहे इस प्रकार की अन्याय, अत्याचार की घटनाओं ने केशव गोड सहित तमाम आदिवासियों को भयभीत कर दिया है। उपरोक्त घटना और आपराधिक प्रवृत्ति की रिपोर्ट स्थानीय पुलिस थाना शाहगंज, पुलिस अधीक्षक जिला सीहोर, डीजीपी भोपाल को भी की गई परंतु आज तक कार्यवाही नहीं हुई है। जो आदिवासियों को न्याय ना मिलने का जीता जागता उदाहरण है। 

जयस सम्पूर्ण मध्यपदेश में आंदोलन करने पर मजबूर होगा 

इसलिए केशव गोंड सहित तमाम साथियों को न्याय दिलाते हुए इस हमले में संलिप्त समस्त लोगों पर हत्या की कोशिश एवं एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आजीवन कारावास की सजा दी जाए ताकि प्रदेश स्तर पर आदिवासियों का भय दूर हो सके ताकि शासन प्रशासन पर भरोसा भी कायम रहे। चूंकि जयस आदिवासियों सहित समस्त पिछड़े और शोषितों के अत्याचार, शोषण, अन्याय के खिलाफ संघर्ष करता आ रहा है यदि इस परउचित कार्यवाही नहीं हुई तो जयस सम्पूर्ण मध्यपदेश में आंदोलन करने पर मजबूर होगा।

हजारों एकड़ जमीन को पुन: आदिवासियों को दिया जाये वापस-इंद्रपाल मरकाम 


जय आदिवासी युवा शक्ति के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रपाल मरकाम ने महामहिम राज्यपाल से यह भी आग्रह किया गया है कि हमलावरों को आजीवन सजा दिलाई जाये। इसके साथ पीड़ित आदिवासी परिवार को 50 लाख का मुआवजा दिया जावे।
            इसके साथ ही जयस के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रपाल मरकाम ने यह मांग किया है कि आदिवासी बाहुल्य मध्यप्रदेश के समस्त जिलों में आदिवासियों की जमीन पर गैर आदिवासी ‌द्वारा छलकपट पूर्वक, धोखाधड़ी करके, षडयंत्रपूर्वक गैर आदिवासियों ‌द्वारा आदिवासी की जमीन खरीदकर गरीब अशिक्षित आदिवासी व्यक्तियों को शराब के नशे में या अन्य लालच व अनुमति लेकर हजारों एकड़ जमीन जो कि रजिस्ट्री विक्रय पंजीयन को निरस्त करते हुये उक्त जमीन को पुन: आदिवासियों को वापस दिलाने की कार्यवाही की जावे।
                मध्यप्रदेश में अधिकांश जिलों में गैर आदिवासियों के द्वारा फर्जी तरीके से गैर आदिवासियों द्वारा आदिवासी के नाम पर रजिस्ट्री कराके उस पर कब्जा करके जमीन का उपयोग करते हुये लाखों करोड़ों रूपये का लाभ अर्जित किया जा रहा है। इस तरह के फर्जीवाड़ा को अभियान चलाकर जांच की जाकर वास्तविक आदिवासी को जमीन दिलाया जाये। 

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