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खापाबाजार गेहूं खरीदी केन्द्र मे भारी अव्यवस्थाओं के साथ नियमों को ताक पर रख किया जा रहा उपार्जन कार्य

खापाबाजार गेहूं खरीदी केन्द्र मे भारी अव्यवस्थाओं के साथ नियमों को ताक पर रख किया जा रहा उपार्जन कार्य

मनमानी व भ्रष्टाचार से तंग किसानों ने अनियमितताओं को किया उजागर

धनलक्ष्मी स्व सहायता समूह कारीरात सिवनी के माध्यम से किया जा रहा उपार्जन का कार्य 


साबिर खान, संवाददाता
केवलारी । गोंडवाना समय। 

खबर सिवनी जिले के केवलारी विकाखण्ड की है, वर्तमान मे प्रदेश भर मे किसानों की रबी सीजन 2024-25 की उपज को समर्थन मूल्य पर खरीदी केन्द्रो मे लिया जा रहा है।
            


खरीदी केन्द्रों मे किसानों को उनकी उपज की सही कीमत मिल सके, उन्हे किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो, खरीदी केन्द्रों  मे मूलभूत सुविधायें उपलब्ध हो, साथ ही मौसम के बदलाव, असमायिक वर्षा, ओलावृष्टि को देखते हुए भी शासन, प्रशासन खरीदी केन्द्रो  मे अनेकों सुविधायें मुहैया कराने हेतु संबंधित विभागों, खरीदी केन्द्रो  व स्‍थानीय प्रशासन को दिशा निर्देश दे रही है।
                म.प्र. वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कॉपोर्रेशन लिमिटेड के द्वारा शोभाराय वेयरहाउस खापाबाजार को गेहूं खरीदी केन्द्र के रूप मे मैपिंग किया गया है, जहां धनलक्ष्मी स्व  सहायता समूह कारीरात सिवनी के माध्यम से उपार्जन का कार्य किया जा रहा है। 

सही फसल को जान बूझकर किया जा रहा रिजेक्ट


खरीदी केन्द्र मे फसल की गुणवत्ता की जांच करने हेतु सचिन बघेल को सर्वेयर के रूप मे नियुक्त  किया गया है, किसानों ने बताया साथ ही वास्तविकता को देखे जाने पर पता चला कि सर्वेयर ने एक किसान की फसल को नॉन एफ ए क्यू बताकर लेने से मना कर दिया, जबकि फसल एफ ए क्यू अनुसार मानक स्तर की थी, खरीदी केन्द्र के गेट से सर्वेयर ने फसल को पास करने के बाद अंदर किया था,
            वही खरीदी केन्द्र मे तुलाई हो रही फसल को देखने पर स्पष्ट हो पाया कि जो फसल तुलाई हो रही है वह तो रिजेक्ट की गई फसल की गुणवत्ता से निम्न स्‍तर की है, वैसे हाल ही मे हुई प्राकृतिक आपदा असमायिक वर्षा, ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को बहुत सा नुकसान पहुंचा है, शासन, प्रशासन स्तर से लॉस्टर लॉस, कलर डेमेज व बारिक गेहूं लिये जाने हेतु दिशा निर्देश जारी किये गये है, गेहूं की उपज सुखाकर व मानक स्तर की बनाकर, तिरपाल के साथ खरीदी केन्द्रो  मे लाने हेतु किसानों से लगातार आव्हान किया जा रहा है।

बाहरी अनुभवहीन समूह कर रहा उपार्जन का कार्य


खापाबाजार मे खरीदी केन्द्र का कार्य स्थानीय लोगों, स्थानीय समूह व सहकारी समिति से न कराया जाकर विकासखण्ड से बाहर के समूह जो धनलक्ष्मी स्व सहायता समूह कारीरात सिवनी का है, उससे कराया जा रहा है, समूह को शासन, प्रशासन के दिशा, निर्देश व उपार्जन नीति अनुसार खरीदी केन्द्र संचालन करने का अनुभव होना प्रतीत नही होता है। 

ट्रेक्टर का धरम कांटा से किया जा रहा वजन, प्रति क्विंटल की एवज में काटी जा रही 1.7 किलो 


खापाबाजार खरीदी केन्द्र  मे किसानों द्वारा लाई गई उपज को वेयरहाउस के बाहर गोदाम के स्टॉक को अन्यत्र आयात-निर्यात करने हेतु लगाये गये वैग ब्रिज/धरम कांटा से तोला जा रहा है, मनगढत तरीका अपनाकर स्व सहायता समूह पहले उपज से भरे ट्रेक्टर को धरम कांटा मे वजन कर लेता है, फिर ट्रेक्टर फसल को खरीदी केन्द्र प्रांगण मे डालकर वापिस आया जाता है, तुरंत खाली ट्रेक्टर का वजन धरम कांटा मे किया जाता है,
            इसके लिए धरमकांटा मे किसानों से अनावश्यक रूप से तुलाई शुल्‍क 80 रू. प्रति चक्कर की दर से भी लिये जा रहे है, किसान पर्ची लेकर खरीदी केन्द्र आॅपरेटर के पास जाता है, जहां उसकी उपज से एक क्विंटल के एवज मे 1.7 किलो वजन को काटा जाता है और फिर पोर्टल मे चढाया जाता है,
            जबकि नियमावली मे स्पष्ट  है कि यदि किसानों से उपज को सुतली बोरों मे, वारदानों मे भरकर इलेक्ट्रॉनिक कांटे को शून्य वजन पर सैट करने के बाद तौलकर लिया जा रहा है तो बोरे के वजन लगभग 700 ग्राम की उपज को अतिरिक्त लिया जाना है, लेकिन बिना बोरे मे तुलाई किये वजन को काटना एक प्रकार का खुला भ्रष्टाचार है।

किसान टैग भी नही लगाये जा रहे 


किसानों की उपज को इलेक्ट्रॉनिक कांटे से तौलकर नही लिया जा रहा, सभी किसानों की फसल को मिक्स कर तौला जा रहा, एफएक्यू व नॉन एफएक्यू की हो सके आसानी से पहचान किसान टैग भी नही लगाये जा रहे -  खरीदी केन्द्र  प्रांगण मे ट्रेक्टर से सभी किसानों की एकसाथ फसल डालने के बाद खरीदी केन्द्र वाले स्‍वयं फसल को असंगठित, दैनिक मजदूर व तुलावटी हम्माल के माध्यम से वारदानों मे भरकर इलेक्ट्रॉनिक कांटा से निर्धारित वजन लेकर सिलाई कराने के उपरांत गोदाम मे स्टैकिंग करा रहे है,
            इलेक्ट्रॉनिक कांटा से वजनकर किसानों की उपज को उनके समक्ष नही लिया जा रहा, किस किसान की कौन सी फसल है, न तो उसे अलग अलग ढेर बनाया गया है, और न ही बोरे मे भरने के बाद उनमे किसानों के नाम के टैग लगाये जा रहे है, एफ ए क्यू  व नॉन एफ ए क्यू फसल को एक साथ लिये जाने से उनकी गुणवत्ता की जांच तो हो सकेगी, परंतु कौन सी फसल किस किसान की है, पहचानना मुश्किल हो जावेगा,

फसल को सुधारने के नाम पर की जा रही 20 रू. की अवैध वसूली, केन्द्र मे ग्रीडिंग, छन्ना , पंखा की नही है व्यवस्था


किसानों का कहना है कि केन्द्र मे हमारी फसल को जब पहले ही एफ ए क्यू व नॉन एफ ए क्यू बता दिया जाता है तो ये केन्द्र वाले हमसे 20 रू. किसलिए ले रहे है, शासन, प्रशासन स्तर से खरीदी केन्द्रों  को स्पष्ट निर्देश दे दिये गये है, कि केन्द्र मे ग्रीडिंग, छन्ना, पंखा की व्यवस्था की जावे जहां किसान इनका उपयोग करते हुए अपनी फसल की गुणवत्ता को सुधार सके,
                 यदि किसान फसल को स्वयं के द्वारा, स्वयं के व्यय पर सुधारना हो तो वह नि:शुल्क सुधार सकता है, खरीदी केन्द्रो के मजदूरों के माध्यम से फसल सुधार करने की दशा मे 20 रू. की दर निर्धारित की गई है, लेकिन खरीदी केन्द्र मे एफ ए क्यू  उपज लिये जाने के पश्चात भी पैसे लिये जा रहे है, जो एक तरह की कमीशन, अवैध वसूली है, खरीदी केन्द्र  प्रांगण मे किसानों को ग्रीडिंग, पंखा, छन्ना की कोई व्यवस्था  नही दी गई है, नॉन एफ ए क्यू‍ निकलने की स्थिति मे किसान अपनी फसल को सुधार करने हेतु घर ले जाने मे मजबूर है।

किसानों के लिए पानी, प्र‍तिक्षालय की व्यवस्था नहीं, किसान हो रहे परेशान 


खरीदी केन्‍द्र मे किसानों के बैठने के लिए शेड, पीने के लिए स्वच्छ‍, ठंडा जल, पेशाबघर की व्यवस्‍था खरीदी केन्द्र मे होनी चाहिए, लेकिन खापाबाजार खरीदी केन्द्र मे किसानों के लिए न तो बैठने की व्यवस्था है, और न ही पेशाब निस्तार की व्‍यवस्‍था की गई है, यहां तक की किसानों को पीने के पानी के लिए भी दर दर भटकना पड रहा है। 

गोदाम की क्षमता पडी कम खरीदी केन्द्र मे ट्रेक्टरों की लगी कतार


खापाबाजार खरीदी केन्द्र  मे खापाबाजार, डुंगरिया, कंजई, कुचीवाडा, मैनापिपरिया, डोकररांजी, खैरी, गुवारी, पिपरियाकलां व क्षेत्र के नजदीकी किसान अपनी उपज को स्लॉट बुक करने के पश्चात ला रहे है, 2350 मीट्रिक टन क्षमता वाले इस गोदाम को खरीदी केन्द्र बानाया गया, जहां की क्षमता फुल होने की कगार मे है,
            वही क्षेत्र के सैकडों किसानों की उपज नही तुल सकी है, खरीदी केन्द्र के बाहर किसानों की समर्थन मूल्य पर विक्रय किये जाने हेतु लाई गई फसलों से भरी ट्रेक्टरों की होड व कतार लगी हुई है, खरीदी केन्द्र मे किसानों की फसल के अलग अलग स्टॉल न लगाकर, धरम कांटा से उपज भरी ट्रैक्टरों  का वजन कराकर एक साथ 10 से 12 किसानों फसल की गिराकर मनगढत तुलाई करने से रोडों मे जाम लग रहा है, वही किसान हफतो से रोड मे अपनी उपज भरे वाहन खडे रखने को मजबूर दिख रहा है। 

भ्रष्टाचार, मनमानी व अव्यवस्थाओं को लेकर की गई शिकायत

दुखित व समस्या से ग्रसित स्थानीय किसानों ने जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी, जिला पंचायत, कलेक्टर कार्यालय, सिविल सप्लाई कार्यालयों मे खरीदी केन्द्र मे हो रही भ्रष्‍टाचार, मनमानी, अवैध वसूली व अव्यस्थाओं की लिखित शिकायत की है, जहां उनकी समस्याओं का जल्द निराकरण करने का आश्‍वासन भी मिला है।

वेयर हाउस संचालक व खरीदी केन्द्र समूह कार्यकतार्ओं की दिख रही सांठ गांठ


खरीदी केन्द्र मे एजेंसी का सर्वेयर, समिति प्रबंधक व आॅपरेटर के अलावा वेयर हाउस संचालक व  उनका स्टॉ‍फ भी उपार्जन कार्य मे लगा हुआ है, खरीदी के समय वेयर हाउस संचालक के द्वारा उपज को लेकर जो हिदायते, तुलाई, गुणवत्ता का कार्य खरीदी केन्द्र कार्यकतार्ओं के माध्यम से किया जाना चाहिए वह गोदाम संचालक के द्वारा भी किया जा रहा है, जो अनुचित दखलअंदाजी व भ्रष्टाचार मे लिप्त की श्रेणी मे आता है।


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