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राष्ट्रपति की 18 दत्तक बेटियां, तेंदूपत्ता तोड़ने गई थीं लेकिन लौटे उनके शव

राष्ट्रपति की 18 दत्तक बेटियां, तेंदूपत्ता तोड़ने गई थीं लेकिन लौटे उनके शव 

बैगा आदिवासी समुदाय के थे सभी मृतक

छत्तीसगढ़ में बड़ा सड़क हादसा पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने जताया शोक

कवर्धा/छत्तीसगढ़। गोंडवाना समय। 
छत्तीसगढ़ के कवर्धा में भीषण सड़क हादसे में 18 महिलाओं की मृत्यू हो गई। यह हादसा पिकअप के पलटने की वजह से हुआ। बताया जाता है कि पिकअप में करीब 25 लोग सवार थे, ये सभी तेंदूपत्ता तोड़कर वापस लौट रहे थे। हादसा कुकदूर थाना क्षेत्र के बाहपानी में हुआ है।
            

पिकअप खाई में गिर गई थी, हादसे की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं सभी मृतक बैगा आदिवासी समुदाय के थे। आदिवासियों के इस समुदाय को राष्ट्रपति ने गोद लिया था। यह एक संरक्षित जनजाति समुदाय है। 

 वाहन एक खाई में गिर गया जिससे यह हादसा हुआ 


पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह हादसा जिले के कुकदूर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बाहपानी गांव के करीब हुआ। उन्होंने बताया कि कुई गांव के रहने वाले ग्रामीण तेंदूपत्ता एकत्र करने गए थे तथा जब वे एक िपकअप वाहन में सवार होकर अपने गांव लौट रहे थे तभी बाहपानी गांव के करीब वाहन एक खाई में गिर गया जिससे यह हादसा हुआ।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस दल को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया तथा घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

घटना पर राष्ट्रपति ने जताया शोक 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18 आदिवासियों के मृत्यू पर दुख जताया है, उन्होने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में हुई सड़क दुर्घटना में अनेक लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुखद है। इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदनाएं व्यक्त करती हूं और घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं। 

सड़क हादसा अत्यंत पीड़ादायक- प्रधानमंत्री 

छत्तीसगढ़ के कवर्धा में हुआ सड़क हादसा अत्यंत पीड़ादायक है। इस दुर्घटना में जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं. इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा है। 

हादसे में मृतकों के नाम

जानकारी के अनुसार हादसे में अब तक 18 लोगों की मौत हुई है, जिसमें बिस्मत बाई (45 वर्ष), लीला बाई (35 वर्ष), परसदिया बाई (30 वर्ष), भारती (15 वर्ष), सुंती बाई (45 वर्ष),  मिला बाई (48 वर्ष), टिकू बाई (40 वर्ष), सिरदारी बाई (45 वर्ष), जमिया बाई (35 वर्ष), मुंगिया बाई (60 वर्ष), झमलो बाई (62 वर्ष), सिया बाई (50 वर्ष), किरण (15 वर्ष), पटोरिन बाई (35 वर्ष) धनईया बाई (48 वर्ष), शांति बाई (35 वर्ष) प्यारी बाई (40 वर्ष), सोनम (16 वर्ष) की मृत्यू हो चुकी हैं, चार अन्य गंभीर रूप से घायल है। बताया जाता है कि सभी मृतक बैगा जनजाति समुदाय के है।  

बैगा जनजाति को सरकार की ओर से किया जा रहा है संरक्षित 

बैगा जनजाति की आबादी लगातार कम होने के कारण सरकार की ओर से उन्हें संरक्षित किया जा रहा है। देश के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, और उत्तर प्रदेश में यह जनजाति पाई जाती है। मध्य प्रदेश के मंडला, डिंडोरी, और बालाघाट जिÞलों में बैगा जनजाति की बड़ी आबादी रहती है। बैगा जनजाति के लोग परंपरागत रूप से जंगलों के पेड़-पौधों से औषधियां बनाने और इलाज करने में माहिर माने जाते है।

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