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मध्य प्रदेश व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड (प्रवेश स्तर) परीक्षा 2022 में आदिवासी वर्ग के अभ्यर्थियों का चयनित न होने पर सर्व आदिवासी समाज ने ज्ञापन सौंपा

 मध्य प्रदेश व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड (प्रवेश स्तर) परीक्षा 2022 में आदिवासी वर्ग के अभ्यर्थियों का चयनित न होने पर सर्व आदिवासी समाज ने ज्ञापन सौंपा

साक्षात्कार के पैनल में अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व भी शामिल किया जाये 


नरसिंहपुर। ागोंडवाना समय। 

मध्य प्रदेश व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड (प्रवेश स्तर) परीक्षा 2022 की परीक्षा में आदिवासी वर्ग के अभ्यर्थियों का चयनित न होने पर सर्व आदिवासी समाज ने ज्ञापन सौंपा है। उच्च न्यायलय मध्यप्रदेश जबलपुर ?द्वारा दिनांक 17.11.23 को विज्ञापन क्रमांक 113/ परीक्षा/सी जे 2022 द्वारा व्यवहार न्यायाधीश, कनिष्ठ खंड (प्रवेश स्तर) भर्ती परीक्षा-2022 हेतु विज्ञापन जारी किया गया था।
        


 जिसमें वर्ष 2022 के कुल पदों की संख्या 61 एवं कुल बैकलॉग पदों की संख्या 138 विज्ञापित की गई थी, जिसमे अनुसूचित जनजाति हेतु वर्ष 2022 के पदों की संख्या 12 एवं बैकलॉग पदों की संख्या 109, कुल पद 121 हेतु विज्ञापन जारी किया गया था, उक्त विज्ञापन के तहत अंतिम परीक्षा का परिणाम दिनांक 10.05.2024 को जारी किया गया, जिसमें अनुसूचित जनजाति हेतु विज्ञापित 121 सीटों के विरुद्ध एक भी अभ्यर्थी का चयन नहीं किया गया है।

चयन प्रक्रिया में पुनर्विचार की आवश्यकता है 


इस हेतु उक्त ज्ञापन दिनाँक 05 जून 2024 के माध्यम से महामहिम के सामने निम्नानुसार बिंदुवार समस्याएं एवं सुझाव आपकी ओर ज्ञापित किए जा रहे हैं।
        वहीं मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड प्रवेश स्तर परीक्षा 2022 की अंतिम परीक्षा का परिणाम दिनांक 10 मई 2024 को जारी किया गया, जिसमें अनुसूचित जनजाति हेतु विज्ञापित 121 सीटों के विरुद्ध एक भी अभ्यर्थी का चयन नहीं किया गया है, जो पूर्णत: अवैधानिक होकर चयन प्रक्रिया में पुनर्विचार की आवश्यकता है।

अधिकांश अभ्यर्थियों को अधिकतम 19 अंक देकर चयन प्रक्रिया से बाहर किया गया 


वर्तमान चयन प्रक्रिया में साक्षात्कार हेतु न्यूनतम 50 अंकों में से 40% अंक (20 अंक) प्राप्त करना अनिवार्य किया गया है, वर्तमान 2022 की अंतिम चयन परीक्षा परिणाम में आरक्षित श्रेणी (एससी/एसटी) के अभ्यर्थिों को न्यूनतम 20 अंक में से अधिकांश अभ्यर्थियों को अधिकतम 19 अंक देकर चयन प्रक्रिया से बाहर किया गया, जो पूर्णतया अवैधानिक है, अत: उक्त परीक्षा परिणाम पर पुन: विचार की आवश्यकता है।
            वहीं मुख्य परीक्षा के खंड ख के बिंदु क्रमांक 5 (1) के अनुसार अनुसूचित जाति जनजाति को प्रत्येक प्रश्न पत्र में न्यूनतम 45 प्रतिशत एवं चार प्रश्न पत्रों में कुल मिलाकर 50% प्राप्त करना अनिवार्य है। उक्त निर्धारित न्यूनतम अंकों में शिथिलता हेतु अनुरोध है।

ताकि आरक्षित वर्ग के साथ भेदभाव की आशंका को दूर किया जा सके 

वहीं खंड च के खंड ग अहतार्ओं के बिंदु क्रमांक ग के अनुसार तीन/पांच वर्षीय पाठ्?यक्रम में उत्कृष्ट शैक्षणिक कॅरियर के साथ कोई असाधारण विधि स्नातक जिसमे समस्त परीक्षाओं में प्रथम प्रयास एवं किसी भी सेमेस्टर / वर्ष में बिना पूरक परीक्षा दिए अथवा बिना एटीकेटी के आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी की दशा में कुल मिलाकर 50 अंक अर्जित किये हो की अनिवार्यता है।
                उक्त निर्धारित न्यूनतम अंर्को में शिथिलता हेतु अनुरोध है। वहीं साक्षात्कार के पैनल में अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व भी शामिल किया जाये ताकि आरक्षित वर्ग के साथ भेदभाव की आशंका को दूर किया जा सके। वर्ष 2013 के पूर्व उक्त चयन परीक्षा मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ?द्वारा आयोजित की जाती थी वर्तमान में उक्त परीक्षा मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर ?द्वारा आयोजित की जा रही है, अत: पूवार्नुसार ही उक्त परीक्षा मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ?द्वारा ही आयोजित कराए जाने हेतु अनुरोध है।

ज्ञापन सौंपते समय ये रहे मौजूद 

ज्ञापन के माध्यम से महामहिम श्रीमती द्रोपती मुर्मु जी से सर्व आदिवासी समाज निवेदन करता है कि उक्त समस्या को संज्ञान में लेते हुए आदिवासी समाज के हितो की रक्षा करते हुए, न्यायपालिका में आदिवासी समाज के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने हेतु कृतज्ञतापूर्वक अनुरोध किया गया है।
                ज्ञापन सौपने वालों में जिले के समस्त सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों में श्री शोभा ठाकुर (अध्यक्ष) जनपद पंचायत चांवरपाठा, रामलाल उइके (अध्यक्ष) आदिवासी समाज उत्थान परिषद, शंकर सिंह वाडिवा (सचिव) कोयतोड़ गोंडवाना महासभा, श्रीमती तरुणलता धुर्वे (प्रदेश कोषाध्यक्ष) गोंड समाज महासभा, श्रीमती किरण जगेत, गौतम भारिया (अध्यक्ष) भारिया समाज महासभा, जे एस धुर्वे (महासचिव) गोंड समाज महासभा, तुलसीराम परते (सचिव) आदिवासी समाज उत्थान परिषद,अरविंद उईके उपाध्यक्ष (युवा प्रकोष्ठ) गोंड समाज महासभा, राजीव लोचन सिंह ठाकुर, ब्रजेश जाटव, शेर सिंह धानक आदि कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे।

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