प्राथमिक शिक्षक से माध्यमिक शिक्षक के पद पर उच्च प्रभार सूची को हाईकोर्ट ने अपने अंतिम फैसले के अधीन सुरक्षित रखा
सिवनी। गोंडवाना समय।
संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य अनुसूचित जाति विकास जबलपुर द्वारा जारी उच्च पद के प्रभार की प्रक्रिया पर अनेक प्रकार की कमियां पाई गई। इसके विरोध में राज्य अध्यापक संघ द्वारा बार-बार सहायक आयुक्त एवं उपायुक्त जबलपुर को इन कमियों को दूर करने की मांग करता रहा है।
इसके बाद भी जब संगठन की इन बातों को उच्च अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही न करने पर दो प्राथमिक शिक्षक श्रीमति छाया नंदिनी पटले व श्री महेश कुमार सनोडिया के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर कर न्याय की मांग की गई।
वरिष्ठ को छोड़कर कनिष्ठ को उच्च पद का प्रभार ना दिया जाए
विभाग द्वारा उनके नाम को छोड़कर उनसे कनिष्ठ प्राथमिक शिक्षकों को उच्च पद का प्रभाव सौंप दिया गया है। जारी पदांकन सूची में यह भी देखने मिला कि जिन कर्मचारियों का नाम 05 फरवरी को जारी उच्च प्रभार सूची में नही है तथा विज्ञान शिक्षक जैसों को भी शाला आबंटित कर दी गई।
जिस पर उच्च न्यायालय ने आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग, उपायुक्त जबलपुर संभाग तथा सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य सिवनी को नोटिस जारी कर सात दिवस के अंदर उच्च पद के प्रभार में आ रही कमियों पर अपना जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। इसके साथ ही उच्च पद के प्रभार की प्रक्रिया न्यायालय ने अपने अंतिम निर्णय के अधीन सुरक्षित रख लिया है।
इसके साथ ही यह भी कहा है कि किसी भी वरिष्ठ को छोड़कर कनिष्ठ को उच्च पद का प्रभार ना दिया जाए। राज्य अध्यापक संघ मांग करता है कि सम्पूर्ण प्रक्रिया स्थगित कर ओपन काउंसलिंग के माध्यम से की जाय जिससे दलालों की जेब गरम न हो सके। इस प्रकरण की पैरवी माननीय उच्च न्यायालय के एडवोकेट श्री सुनील चौबे द्वारा की गई ।