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आदिवासी अधिकार आंदोलन के रूप में 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस 2024 मनाया जाएगा

 आदिवासी अधिकार आंदोलन के रूप में 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस 2024  मनाया जाएगा

लखनादौन में भव्यता के साथ धूमधाम के साथ विश्व आदिवासी दिव मनाने का लिया संकल्प 


लखनादौन। गोंडवाना समय। 

आदिवासी विकासखंड लखनादौन मुख्यालय में विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम भव्य रूप से मनाये जाने एवं सफलतापूर्वक आयोजन करने के लिये विगत 19 जुलाई 2024 को कर्मचारी/अधिकारियों, छात्र छात्राओं की बैठक सम्पन हुई थी। वहीं 20 जुलाई 2024 को लखनादौन मुख्यालय के रेस्ट हाउस में लगभग 22 गांव के सामाजिक कार्यकर्ताओ की बैठक सम्पन्न हुई।

गोंडवाना-भीलवाना-कोलवाना सर्व आदिवासी समाज लखनादौन मनाएगा विस्व आदिवासी दिवस     


बैठक में 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस की तैयारी के तहत यह चर्चा की गई कि विश्व आदिवासी दिवस के दिन सब लोग अपने सामाजिक, सांस्कृतिक वेश भूषा में आये। बैठक में आमंत्रित अतिथि के रूप से उपस्थित कमलेश वाखला अध्यक्ष-कर्मचारी अधिकारी संघ लखनादौन ने तैयारी को लेकर आल इंडिया इंडिजिनियस स्टूडेंट फेडरेशन, गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन तथा समाज में सामाजिक एकीकरण व सामाजिक पुनर्निर्माण की संकल्पना को लेकर मिशन, गोंडवाना-भीलवाना-कोलवाना सर्व आदिवासी समाज लखनादौन विश्व आदिवासी दिवस मनाएगा। 

एक-एक पौधा लगाकर प्राकृतिक संरक्षण का देंगे संदेश 

बैठक में आमंत्रित अतिथि मध्यप्रदेश सर्व आदिवासी समाज संघठक एडवोकेट-झनकू लाल कुमरे ने तैयारी में बताया कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासी समाज अपने अपने घर में व स्कूल ग्राउंड में रोड के किनारे प्रत्येक गाँव घरों में एक एक पेड़ लगाकर प्राकृतिक पर्यावरण को संरक्षित करके विश्व आदिवासी  दिवस मनाएंगे। ऐसी सामाजिक अपील की गई है।

बैठक में ये रहे मौजूद 

बैठक में विशेष रूप से इंजीनियर रितेश ककोडिया, मोहन उईके, ब्रजेश उईके, सुनील सल्लाम, दुर्गेश कमरे, प्रियंका परते (अध्यक्ष-आॅल इंडिया इंडिजिनियस स्टूडेंट फेडरेशन लखनादौन), एमती उईके, पवन कुमारी इनवाती, निधि इनवाती सहित उपस्थित सभी समाज के वरिष्ट कनिष्ट कार्यकर्तागण ने संकल्प लिया कि बड़े धूम धाम से आदिवासी दिवस मनाएंगे। 



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1 Comments
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  1. *हमें जल जंगल जमीन अपनी संस्कृति,अपनी सामाजिक पहचान और संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई लड़नी है।

    हमे धर्म की लड़ाई नहीं लड़ना है।

    *सामाज के विकास के लिए जितना जरूरी सत्ता, संगठन होता है, उतना ही जरूरी सामाज निर्माण के लिए सामाजिक सांस्कृतिक विचारधारा और स्वाभिमानी सिद्धांत भी।*
    🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏑🏑🏑🏑
    सेवा जोहार जय आदिवासी जय भील प्रदेश*

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