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विवाह पूर्ण रूप से गोंड़ी नेंग नियम नेंग दस्तूरों पारम्परिक वेषभूषा (मोर बागो) में होगी

विवाह पूर्ण रूप से गोंड़ी नेंग नियम नेंग दस्तूरों पारम्परिक वेषभूषा (मोर बागो) में होगी

विवाह में जयमाला (हार दूल्हा दुल्हन को पहनना) प्रतिबंधित

अपव्यय व अनावश्यक खर्च को रोकने व समाज का आर्थिक रूप से मजबूत बनाने लिये गये निर्णय 

शंकरवन पेनठाना तहसील बिछुआ जिला छिन्दवाड़ा में हुई विशेष बैठक सम्पन्न 


बिछुआ/छिंदवाड़ा। गोंडवाना समय। 

आदिवासियों की विभिन्न सामाजिक कुरितियों में अंकुश लगाने हेतु, पुरखों की व्यवस्था, नेंग, नियम, दस्तूर को सुरक्षित रखने के लिए आदिवासी समुदाय की महत्वपूर्ण समुदाय बैठक संपन्न हुई। 

विवाह (बारात) में डीजे पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया 

जिसमें विवाह पूर्ण रूप से गोंड़ी नेंग नियम नेंग दस्तूरों पारम्परिक वेषभूषा (मोर बागो) में होगी। विवाह में जयमाला (हार दूल्हा दुल्हन को पहनना) प्रतिबंधित किया गया। समाज में विवाह दूल्हा-दुल्हन को धोती और 16 हाथ साड़ी एवं मोर बागो पहना कर ही नेंग दस्तूर मडमिंग किए जाएंगे। विवाह (बारात) में डीजे पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया। वहीं विवाह में पारंपरिक वाद्य यंत्र संचालित किए जाएंगे।

जन्मदिन पार्टी पर भी लिया गया निर्णय 

समाज में जन्मदिन (बर्थडे) पार्टी पर विचार किया गया। चर्चा में यह निणर्य लिया गया कि बच्चों के उत्साह के लिए केक काटना या जन्मदिन मनाना एक सामाजिक कुरीति है जिसे पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है।

मृत्यू भोज नहीं बनाया जायेगा 


वहीं समाज में मृत्यु संस्कार में मृत्युभोज, तैरही-चौदवीं एवं चीकट प्रथा बंद देव देवाई, तीसरे या छिड़की के दिन मृत्यु भोज नहीं बनाया जाएगा। मृत्यु भोज के स्थान पर सम्मिलित पंचों को गुड़ या चिरौंजी मुरमुरा वितरित किया जाएगा। मृत आत्मा को सम्मिलित करने हेतु जो कार्यक्रम आयोजित की जाएगी।
                पारिवारिक उस निमंत्रण कार्ड में तेरहवीं, चौदहवीं एवं गंगापूजन ना लिखकर देवकाम (देव-देवाई) लिखा जायेगा। मिट्टी संस्कार, तीसरा (छिटकी) एवं देवकाम में चिकट प्रथा (कपड़े लेना एवं देना) पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है। मिट्टी संस्कार में ढोल बाजा पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है।

देशी एवं विदेशी शराब को पूर्ण रूप से बंद किया जाए

वहीं समाज में नशामुक्त/शराब को लेकर विचार मंथन करते हुये निर्णय लिया गया है। जिसमें विशेष रूप से युवाओं के मामले में सामुदायिक अर्थ दण्ड/बहिष्कृत करने के संबंध में विचार विमर्श किया गया। समाज एवं युवाओं के भविष्य को देखते हुए देशी एवं विदेशी शराब को पूर्ण रूप से बंद किया जाए। नशा मुक्ति एवं नशा मुक्त समाज बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।

सगाई में टेंट लगाना एवं स्टेज बनाना पूर्णत: प्रतिबंधित 

समाज में विवाह संस्कार में डी.जे पर प्रतिबंध किया जाये एवं उनके स्थान पर पारम्परिक वाद्ययंत्र का प्रयोग किया जाये। समाज में वर्तमान में सगाई समारोह में नियम बनाने पर विचार किया गया जिसमें गुड़ पान से नेंगनियम शुरू वर्तमान में सगाई समारोह को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है। सगाई की नेंग दस्तूर केवल 10 समाज के व्यक्ति जाकर निर्वहन करेंगे। सगाई में टेंट लगाना एवं स्टेज बनाना पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है।

धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति व परिवार को समाज से बहिष्कृत किया जाएगा 

वहीं धर्म परिवर्तन करने वालों के मामले में भी विशेष रूप से चर्चा की गई। धर्मांतरण (धर्म परिवर्तन) पर पूर्ण प्रतिबंध किया गया। यदि आदिवासी, गोंड समाज का व्यक्ति यदि अपने समाज को छोड़कर अन्य धर्म को अपनाता है, तो उस व्यक्ति व परिवार को समाज से बहिष्कृत किया जाएगा।
                 धर्मांतरित व्यक्ति व परिवार को किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में निमंत्रण नहीं दिया जाएगा। धर्मांतरित व्यक्ति व परिवार से कोई भी सामाजिक संबंध जैसे विवाह व अन्य संबंध नहीं किए जाएंगे। उल्लंघन करने पर सामुदायिक व्यवस्था ना मानने पर 1100/-, 5100/-, 11,000/-51,000 की राशि से  सामुदायिक एवं सामूहिक रूप में सगासमाज रूढि-प्रथा (अरि चलि द्वारी) पुरखोति व्यवस्था के तहत दण्डित करेगा.

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