पीला गमछा रखके दोबारा दिखा तो जान से मार देंगे
सरस डोली में पीला गमछा रखने पर लात घुसो से दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
लोकसभा चुनाव व विधानसभा सहित अन्य चुनावों के दौरान गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन में पीली क्रांति की पहचान पीला गमछा विरोधी विचारधारा वाले भी और सत्ता से लेकर विपक्षी राजनैतिक दलों में गले में डालने व सिर में बांधने की होढ़ मचती है या शान से बांधते है, संसद में शपथ लेने के दौरान पीला गमछा पहनकर जाने की बात आदिवासी बाहुल्य मध्यप्रदेश में की जाती है।
वैसे पीला गमछा पहनने में देश के गृह मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री सहित संवैधानिक पदों पर विराजमान जनप्रतिनिधियों को आसानी से देखा जा सकता है लेकिन यह आदिवासी समाज के कार्यक्रमों व उनके क्षेत्र में दौरे के दौरान ही देखने को मिलता है।
वही राज्य में आदिवासी बाहुल्य डिण्डौरी जिले के मेहंदवानी पुलिस थाना क्षेत्र के ग्राम सरसडोली में पीला गमछा पहनने वालों को लात घूंसों से दौड़ा-दौड़ा कर पीटा जाता है। हालांकि पीला गमछा पहनने वालों के साथ पूर्व में अनेकों बार वाद-विवाद और मारपीट की घटनायें हो चुकी है, आखिर क्या कारण है कि पीला गमछा से क्यों तकलीफ होती है।
गोंडवाना वाला है पीला गमछा रखकर चलता है
हम आपको बता दे कि दिनांक 29 अप्रैल 2025 को शनी सिंह मरावी पिता श्री मंसाराम मरावी जाति गोंड उम्र 30 वर्ष निवासी ग्राम पाली थाना मेहंदवानी जिला डिंडोरी का निवासी है जो की अपनी पारिवारिक पालन पोषण के लिये एवं मेहनत करते हुये 10 चक्का हाइवा डंपर के चालक है। वे रात्रि में लगभग 8 बजे ग्राम मटियारी कैंप में हाईवा खड़ा करके अपनी मोटरसाइकिल से ग्राम पाली जा रहे थे।
इसी दौरान रास्ते में सरसडोली दुर्गा मंदिर के पास रात्रि लगभग 9 बजे उन्हें एक व्यक्ति मिला और बोला रुको तो शनि सिंह मरावी रुक गये। इतने में ग्राम सारसडोली का कन्हैया साहू पिता पवन साहू व अन्य 14 से 15 लोग आए और जातिगत रूप से अपमानित व अपशब्दों का प्रयोग करते हुये कहने लगे कि मारो साले को पीला गमछा वाला कौन है वे तू, गोंडवाना वाला है पीला गमछा रखकर चलता है।
पीले गमछे सारसडोली में दोबारा दिखना मत
सभी लोगों ने शनि सिंह मरावी को जातिगत से अपमानित करते हुये अपशब्दों का प्रयोग करते हुये लात घूसे- जूते चप्पल से मारा वहीं जब वह अपनी जान बचाकर भाग रहा था तो उसे दौड़ा-दौड़ा कर बुरी तरह पीटा गया। पीटने वालों ने शनि सिंह मरावी से यह भी कहा कि जितने भी पीले गमछे वाले हैं सभी को बता देना कि सारसडोली में दोबारा दिखना मत, नहीं तो सभी का यही हाल होगा और जान से मार दिया जाएगा।
पीला गमछा फैंककर, सफेद गमछा डालकर बेहोशी हालत में छोड़ दिये
मारपीट करने वालों ने ऐसी धमकी देते हुए पीला गमछा कंधे से फैंक कर नया सफेद गमछे कंधे पर रख दिया। वहीं शनि सिंह मरावी मारपीट के बाद 2 घंटे तक बेहोश रहा उसे बाद में होश आया तो 100 डायल करके लगभग 11:30 बजे मेहंदवानी थाना में पीड़ित शनि सिंह मरावी पहुंचा। वहीं पीड़ित शनि सिंह मरावी एक ही व्यक्ति को पहचानता था जिसके नाम एफआईआर सुबह लगभग 5:30 बजे दर्ज किया गया है।
मेहंदवानी थाना में इनवर्टर की सुविधा नहीं तो अस्पताल में पर्ची की व्यवस्था नहीं
मेहंदवानी पुलिस थाना में इनवर्टर की सुविधा नहीं होने से लगभग 6 घंटे बैठाया गया। वहीं घटना के दो दिन बाद भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुये है। मेहंदवानी में पीड़ित शनि सिंह मरावी का मेडिकल कराया गया। मेडिकल में अस्पताल की पर्ची में नहीं सादे कागज में मेडिकल रिपोर्ट दिया गया है। शनि सिंह मरावी के साथ हुई इस तरह की घटना की निंदा करते हुए आदिवासी समाज व गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने मेहंदवानी थाना प्रभारी को 1 मई 2025 को ज्ञापन सौंपा है। वहीं ज्ञापन में चेतवानी दी गई है कि यदि सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं होते है तो उग्र आंदोलन किया जायेगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।