तंबाकू का सेवन न केवल व्यक्ति की सेहत के लिए खतरनाक है, बल्कि यह समाज और परिवार पर भी गंभीर प्रभाव डालता है
विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर महाविद्यालय कुरई में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
विद्यार्थियों और स्टाफ ने ली तंबाकू निषेध की शपथ
कुरई। गोंडवाना समय।
शासकीय महाविद्यालय कुरई में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एवं स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बी.एस. बघेल ने सभी विद्यार्थियों एवं स्टाफ को तंबाकू और उससे संबंधित उत्पादों का उपयोग न करने की शपथ दिलाई। प्राचार्य डॉ. बघेल ने कहा कि तंबाकू का सेवन न केवल व्यक्ति की सेहत के लिए खतरनाक है, बल्कि यह समाज और परिवार पर भी गंभीर प्रभाव डालता है।
उन्होंने कहा कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और उन्हे इसके सेवन से बचाना है। कार्यक्रम के दौरान एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी प्रो. पंकज गहरवार ने बताया कि इस दिवस की शुरूआत वर्ष 1987 में की गई थी, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ) ने तंबाकू से होने वाली बीमारियों और मौतों को रोकने हेतु वैश्विक स्तर पर यह पहल की। पहली बार यह दिवस 31 मई 1988 को मनाया गया था और तब से हर वर्ष इसे अलग-अलग थीम के साथ मनाया जाता है।
विद्यार्थियों को नशे से दूर स्वस्थ जीवनशैली अपनाने हेतु किया गया जागरूक
इस जागरूकता कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक प्रो. पवन सोनिक, प्रो. जे.पी. मरावी, योगेश तिवारी, संतोष चंचल, डॉ. शीला साकेत, अलका नागले, नागेश पंद्रे, रामप्रसाद डेहरिया और आकाश देशभरतार सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना और उन्हें नशे जैसी बुराइयों से दूर रहने के लिए जागरूक करना रहा। अंत में सभी उपस्थित जनों ने तंबाकू न सेवन करने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने की शपथ ली। इस तरह के आयोजन युवाओं में सकारात्मक सोच पैदा करते हैं और समाज को नशामुक्त बनाने की दिशा में एक सार्थक पहल सिद्ध होते हैं।