तब ही पेसा कानून धरातल में लागू हो सकता है वरना कागजों तक सिमट कर रह जायेगा
अनुसूचित क्षेत्रों में कार्यालय प्रमुख जनजाति वर्ग से भरे जाने, मुख्यमंत्री से की मांग
गोंड समाज महासभा प्रदेश अध्यक्ष बी एस परतेती ने मुख्यमंत्री के नाम लिखा पत्र
सिवनी। गोंडवाना समय।
गोंड समाज महासभा प्रदेश अध्यक्ष बी एस परतेती ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को लिखे गये पत्र में उल्लेख किया है कि संबंधित पत्र में केवल व केवल मोबलाइजर ब्लाक समन्वयक, जिला समन्वयक के कार्यों के लिए निर्देश है। पेसा कानून केवल मोबलाइजर, ब्लाक समन्वयक, जिला समन्वयक के सहारे चल सके यह संभव नहीं है। क्योंकि इनके आहरण वितरण अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद, जिला है जो इनके दबाव में कार्य करते हैं।
इन विभागों के अधिकारियों द्वारा कोई तव्वजों नहीं दिया जा रहा है
लगभग दो वर्ष से अधिक समयावधि हो चुके हैं। पेसा कानून का कोई कार्य नहीं हो पा रहा है। यह कि पेसा कानून में मुख्यत: 1 पुलिस विभाग, 2 राजस्व विभाग, 3 वन विभाग, 4 खनिज विभाग, 5 पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, 6 महिला एवं बाल विकास विभाग सम्मिलित हैं। इन विभागों के अधिकारियों द्वारा कोई तवज्जो नहीं दिया जा रहा है।
अनुसूचित क्षेत्रों में कार्यालय प्रमुख की नियुक्ति अनुसूचित जनजाति से किया जावे
ना ही पेसा कानून की जानकारी है। यहां तक जिला के कलेक्टर हो या अन्य अधिकारी 5 वी अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा कानून के संबंध में कुछ भी बोलते नही हैं। यह कि 9 अगस्त 2022 को शासन द्वारा राजपत्र जारी करते हुए सुझाव चाहे गये थे। सुझाव की पंक्ति में गोंड़ महासभा मध्यप्रदेश ने सुझाव पेश किए गए थे। जिसमें प्रमुख रूप में अनुसूचित क्षेत्रों में कार्यालय प्रमुख की नियुक्ति अनुसूचित जनजाति से किया जावे। लेकिन शासन ने सुझाव को दर किनार किया गया है।
टास्क फोर्स कमेटी को सशक्त किया जाये
गोंड समाज महासभा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस परतेती ने अपेक्षा व्यक्त किया है कि जिस जिला में आधे से अधिक ब्लाक अनुसूचित क्षेत्र तथा सम्पूर्ण अनुसूचित ब्लाक, तहसीलों में अनुसूचित जनजाति के अधिकारियो की पदस्थापना की जाये। इसके साथ ही इन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाये। इसके साथ ही टास्क फोर्स कमेटी को सशक्त किया जाये।

