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मेरे मरने के बाद भी मेरी आंखें इस दुनिया को देखती रहेंगी और मेरा दिल किसी के सीने में धड़कता रहेगा-अजय नागेश्‍वर

मेरे मरने के बाद भी मेरी आंखें इस दुनिया को देखती रहेंगी और मेरा दिल किसी के सीने में धड़कता रहेगा-अजय नागेश्‍वर

अंगदान के जरिए किसी की जिंदगी में नई रोशनी और नई उम्मीद जगाई जा सकती है

जीते जी रक्तदान और जाते-जाते अंगदान का संकल्प


उगली। गोंडवाना समय।

मर के भी किसी को याद आएंगे, किसी के आंसुओं में मुस्कुराएंगे, कहेगा फूल हर कली से बार-बार जीना इसी का नाम है। यह सिर्फ एक पंक्ति नहीं, बल्कि जीवन का वह दर्शन है, जो हमें मृत्यु के बाद भी अमर बना देता है। 

जीवन के बाद भी जीवन देने का संदेश देता है 

सिवनी जिले के केवलारी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत खामी के रहने वाले अजय नागेश्‍वर ने एक ऐसा कदम उठाया है, जो न केवल मानवता की मिसाल है बल्कि जीवन के बाद भी जीवन देने का संदेश देता है। 

अंग जरूरतमंद लोगों को दान किए जाएंगे 

उन्होंने अंगदान की शपथ लेकर यह घोषणा की है कि उनकी मृत्यु के बाद उनके अंग जरूरतमंद लोगों को दान किए जाएंगे। अजय नागेश्‍वर ने कहा, मैं अमर हो गया हूं, क्योंकि मेरे मरने के बाद भी मेरी आंखें इस खूबसूरत दुनिया को देखती रहेंगी, और मेरा दिल किसी के सीने में धड़कता रहेगा। उनका मानना है कि शरीर भले ही नश्‍वर है, लेकिन अंगदान के जरिए किसी की जिंदगी में नई रोशनी और नई उम्मीद जगाई जा सकती है।

मेरा 100 बार रक्तदान करने का लक्ष्य है 

अजय नागेश्‍वर का यह कदम समाज के लिए प्रेरणादायक है, जो यह संदेश देता है कि अंगदान के जरिए हम अपने जाने के बाद भी कई जिंदगियों को जीने का अवसर दे सकते हैं। अजय नागेश्‍वर ने कहा जीते जी रक्तदान और जाते-जाते अंगदान महादान। मेरा 100 बार रक्तदान करने का लक्ष्य और यदि 100 बार रक्तदान करने से पहले मुझे ही मौत आ गई, तो मौत को ही मौत के घाट उतार दूंगा।

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