कैलाश पटेल के राज में स्टांप ड्यूटी रिफंड के लिये प्रताड़ित हो रहे किसान
सर्विस प्रोवाइडर की सांठगांठ से कैलाश पटेल हो रहे मालामाल
कैलाश पटेल ही बाबू और यहीं उप पंजीयक अधिकारी है
लखनादौन। गोंडवाना समय।
आदिवासी विकासखंड लखनादौन में उप पंजीयक कार्यालय में कैलाश पटेल बाबू का राजपाठ चल रहा है। उप पंजीयक कार्यालय लखनादौन में बाबू भी कैलाश पटेल है और उप पंजीयक भी वही है। उप पंजीयक कार्यालय में विभागीय कार्य से संबंधित किसान या नागरिकों को कैलाश पटेल के बाबूराज और मनमानी के कारण परेशान होकर प्रताड़ित होना पड़ रहा है। कैलाश पटेल के बाबूराज और लखनादौन के सर्विस प्रोवाइडर की सांठगांठ से किसान और नागरिकों को स्टांप ड्यूटी रिफंड के लिये छह-छह महिने चक्कर लगाने के बाद भी उनके रूपये वापस नहीं मिल रहे है।
सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा स्वयं रख लिया जाता है
हम आपको बता दे कि यदि किसी की रजिस्ट्री/दान पत्र या हक त्याग होता हैं, उसमें स्टांप ड्यूटी लग जाती हैं और किसी कारणवश रजिस्ट्री/दानपत्र हो नहीं पाता है तो स्टांप ड्यूटी रिफंड के रूप में किसान को राशि वापिस होने का नियम हैं परंतु सर्विस प्रोवाइडर किसानों को बोलते हैं कि स्टांप ड्यूटी कुछ पर्सेंट काटकर मिलेगी। वह भी दो से तीन महीने बाद वापस मिलेगी। लेकिन सूत्र बताते है कि जब वह राशि रिफंड होती है तो रुपए को सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा स्वयं रख लिया जाता है। वहीं किसानों को गुमराह करते रहते हैं कि अभी वापस नहीं आई है ऐसा कहकर उन्हें वापस ही नहीं करते हैं।
कैलाश पटेल बाबू भी किसानों को गुमराह करते रहते है
इस संबंध में किसान व नागरिक जब उप पंजीयक कार्यालय लखनादौन में संपर्क करते है तो वहां पर कैलाश पटेल बाबू भी किसानों को गुमराह करते रहते है। सर्विस प्रोवाइडर और कैलाश पटेल बाबू की सांठगांठ के कारण किसानों को नुकसान होता है उन्हें स्टांप ड्यूटी की राशि वापस नहीं मिलती है। लखनादौन उप पंजीयक कार्यालय में सूत्र बताते है कि बिना उप पंजीयक अधिकारी के ही लखनादौन में रजिस्ट्रियां बाबू कैलाश पटेल के प्रभार से हो रही हैं वहां पर कोई अधिकारी नहीं हैं किसानों का स्टांप ड्यूटी का रिफंड का रुपए वापस करने में 6-6 माह का समय लग जाता है और कइयों के तो डूब भी जाते है।
