यह महोत्सव गोंडवाना की प्राचीन परंपराओं, सांस्कृतिक धरोहरों और अस्मिता को जीवित रखने का प्रतीक है
ईसर गौरा महापूजन और परंपरागत विवाह पर्व महोत्सव धूमधाम से मनाया गया
विधायक तुलेश्वर हीरा सिंह मरकाम मुख्य अतिथि के रूप में रहे मौजूद
गोंडवाना सांस्कृतिक विजय महोत्सव एवं शंभू गौरा महापूजन कार्यक्रम संपन्न
अजय सिंह पोर्ते, प्रदेश संवाददाता, छत्तीसगढ़।
मनेंद्रगढ़/छत्तीसगढ़। गोण्डवाना समय।
छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ जिले के भलौर स्थित गोंडवाना सांस्कृतिक मैदान में 15 वां गोंडवाना सांस्कृतिक विजय महोत्सव एवं शंभू गौरा महापूजन कार्यक्रम बड़े धूमधाम और सांस्कृतिक गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पाली-तानाखार कोरबा विधायक दादा तुलेश्वर हीरा सिंह मरकाम उपस्थित रहे।
गोंडवाना की अठ्ठासी पीढ़ियों की पहचान है
अपने संबोधन में दादा तुलेश्वर हीरा सिंह मरकाम ने कहा कि यह महोत्सव गोंडवाना की प्राचीन परंपराओं, सांस्कृतिक धरोहरों और अस्मिता को जीवित रखने का प्रतीक है। ईसर गौरा महापूजन और परंपरागत विवाह पर्व के रूप में इसे आज भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, जो गोंडवाना की अठ्ठासी पीढ़ियों की पहचान है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति के तीन प्रमुख संस्कार जन्म, विवाह और मृत्यु आज भी गोंडियन समाज में जीवंत हैं, जो गौरव का विषय है। उन्होंने चिंता जताई कि पूर्वकाल में आर्य आक्रमणकारियों द्वारा हमारे पूर्वजों को कोलाहल विष देकर दुर्बल किया गया।
शराब व नशे के रूप में वही जहर सरकार द्वारा आदिवासियों में परोसा जा रहा है
आज शराब व नशे के रूप में वही जहर सरकार द्वारा आदिवासियों में परोसा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर समाज को सशक्त बनाना है तो नशामुक्त समाज बनाना होगा। मुख्य अतिथि तुलेश्वर सिंह मरकाम ने बताया कि गोण्डवाना राज्य के रूप में हमारी सभ्यता का 1750 वर्षों का गौरवशाली इतिहास रहा है, जिसमें गोंडवाना सम्राट संग्राम शाह मंडावी जैसे महान शासकों ने समाज के उत्थान के लिए उत्कृष्ट कार्य किया। उन्होंने कहा कि वनाधिकार मान्यता पत्रों की जो सौगात आदिवासियों को मिली है, वह गोण्डवाना गणतंत्र पार्टी के संघर्ष का परिणाम है।
एक मुठ्ठी चावल के संकल्प को साकार करने की आवश्यकता है-श्याम सिंह मरकाम
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि गोंगपा राष्ट्रीय महासचिव श्याम सिंह मरकाम ने कहा कि हम ईसर गौरा को देवारी महापर्व के रूप में मना रहे हैं और यह गोंडवाना के सांस्कृतिक जागरण की मिसाल है। उन्होंने कहा कि हर गांव में गोण्डवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम जी का महाकल्याण एक मुठ्ठी चावल के संकल्प को साकार करने की आवश्यकता है, जिससे गोण्डवाना राज्य की स्थापना के सपने को पूरा किया जा सके।
विशिष्ट अतिथि डॉ. एल.एस. उदय गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि समय के साथ हमारी संस्कृति और पहचान को बचाने के लिए जागरूकता जरूरी है, उन्होंने गोंडवाना के पांच पालनीय सिद्धांतों माता-पिता की सेवा, सदा सच बोलना, पितृत्व व मातृत्व का सम्मान, बिना लोभ कार्य करना, आजीवन नशामुक्त रहने का पालन करने का आह्वान किया।
आयोजन की सफलता के लिए टीम को बधाई दी
जनपद अध्यक्ष माया प्रताप सिंह परस्ते ने जानकारी दी कि 83 ग्राम पंचायतों में से 27 ग्राम पंचायतों में गोण्डवाना विचारधारा से प्रेरित सरपंच चुने गए हैं। उन्होंने नशा मुक्ति को समाज और राजनीति के लिए अनिवार्य बताया। गोंगपा छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष गुरु केवल प्रकाश साहब रायपुर ने सतनाम धर्म और गोंडी धर्म को एक बताते हुए कहा कि दोनों सेवा और सत्य के मार्ग को अपनाते हैं। उन्होंने 2028 में छत्तीसगढ़ में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की सरकार बनाने का संकल्प व्यक्त किया। गोगपा प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर संजय सिंह कमरो ने आयोजन की सफलता के लिए टीम को बधाई दी।
गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राम अधीन सिंह पोया निलेश पाण्डेय, छत्रपाल सिंह मरावी, संतलाल सिंह उर्रे, शिवप्रसाद सिंह मरावी, सुमन श्याम, सत्यनारायण सिंह पोया, देवराज सिंह मरावी, आदि गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही। लोक कला मंच के प्रसिद्ध गायक दिलसाय मरपच्ची और जिन्द जानम आरमो, बबली रानी, हेमा देवी उईके आदि कलाकारों ने अपने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम का संचालन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एमसीबी जिलाध्यक्ष केवल सिंह मरकाम द्वारा किया गया और आभार प्रदर्शन पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक कुमार सिंह मरावी, युवा मोर्चा छत्तीसगढ़ द्वारा किया गया।



